लाखनवाडा के किसान की ज़मीन पर विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण, कृषिमंत्री फुंडकर के इलाके में किसान पर अन्याय, पीड़ित परिवार बैठा अनशन पर | New India Times

कासिम खलील, बुलढाणा(महाराष्ट्र), NIT; ​लाखनवाडा के किसान की ज़मीन पर विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण, कृषिमंत्री फुंडकर के इलाके में किसान पर अन्याय, पीड़ित परिवार बैठा अनशन पर | New India Timesअल्पसंख्यक समाज के किसान परिवार को राज्य के कृषि मंत्री पांडुरंग फुंडकर की तहसील में बेजा परेशान करते हुए उसकी ज़मीन छीन कर वहाँ विद्युत उपकेन्द्र निर्माण की साजिश राजकीय दबाव में रची गई है। ख़ास बात तो ये है कि उपकेन्द्र निर्माण के लिए खामगांव तहसिलदार ने गट नं.53 की अनुमति दी है और पीड़ित किसान की गट नं.52 में ये उपकेंद्र बनाया जाने वाला है। अपने ऊपर हो रहे इस अन्याय के खिलाफ पीड़ित परिवार ने बुलढाणा ज़िलाधीश कार्यालय के समक्ष अनशन आरंभ किया है।​लाखनवाडा के किसान की ज़मीन पर विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण, कृषिमंत्री फुंडकर के इलाके में किसान पर अन्याय, पीड़ित परिवार बैठा अनशन पर | New India Timesपीड़ित अनशनकर्ता युवा किसान वसीमउल्लाह खान पुत्र हफीज़उल्लाह खान खामगांव तहसील के ग्राम लाखनवाडा का निवासी है, जिसने अपने ज्ञापन में बताया है कि उसके पिता ने गांव से सटी गट नं. 52 की ई क्लास की 3 हेक्टर 67 आर ज़मीन में से 3 एकर ज़मीन पर वे पिछले 15 सालों से खेती और ईंट की भट्टी चलाते हैं। ईंट भट्टी की उनके पास अधिकृत अनुमति भी है जिसका वे शासन को नियमित टैक्स भी भरते हैं। ईंट भट्टी 50 आर ज़मीन पर चल रही। विगत 8 फ़रवरी 2016 को विद्युत विभाग के कार्यकारी अभियंता की मांग के अनुसार खामगांव तहसिलदार ने ग्राम लाखनवाडा के गट नं.53 में की 60 आर ज़मीन उपकेंद्र के निर्माण को देने के लिए अधिसूचना जारी की थी। इस अधिसूचना के बाद राजकीय षड्यंत्र के तहत गट नं.52 की ज़मीन पर उपकेन्द्र निर्माण की गतिविधि होने लगी जिसकी लिखित शिकायत प्रशासन के पास किये जाने के बावजूद भी कोई ध्यान नही दिया गया और अनाधिकृत रूप से विद्युत उपकेन्द्र गट नं. 53 की बजाए गट नं.52 में बनाने की कोशिश की जा रही है जिसके कारण ये परिवार रास्ते पर आ जाएगा। पूरे परिवार का गुज़र-बसर इसी ज़मीन के भरोसे है, हालांकि आस-पास में बहुत सी ज़मीन ई क्लास की होते हुए भी इस परिवार को उजाड़ने के लिए ये सब किया जा रहा है। पीड़ित परिवार की प्रशासन से मांग है कि उनके ताबे में की ज़मीन को छोड़ कर दूसरी सरकारी ज़मीन पर विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण किया जाए। इसी मांग को लेकर वसीम का परिवार अनशन पर बैठा हुआ है।

महाराष्ट्र के कृषिमंत्री और बुलढाणा ज़िले के पालकमंत्री पांडुरंग फुंडकर के इलाके में एक अल्पसंख्यक किसान पर इस प्रकार प्रशासन और कुछ राजकीय नेता दबाव बना कर उसे बेज़मीन करना चाहते है। अब दरखन यह है कि कृषिमंत्री फुंडकर इस किसान परिवार को न्याय देने में कितने सफल होते है?


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