आदिवासियों के विकास की राशि 207 करोड़ अन्य मद में समावेश कर भाजपा सरकार आदिवासियों के साथ विश्वासघात कर रही है: डॉ विक्रांत भूरिया | New India Times

रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी/पंकज बडोला, झाबुआ (मप्र), NIT:

आदिवासियों के विकास की राशि 207 करोड़ अन्य मद में समावेश कर भाजपा सरकार आदिवासियों के साथ विश्वासघात कर रही है: डॉ विक्रांत भूरिया | New India Times

भाजपा सरकार आदिवासियों के हितों के साथ उनका हक किसी और को देकर खुले रूप से खिलवाड़ कर रही है जिसका ताजा उदाहरण भाजपा सरकार के निर्देश पर वित्त विभाग द्वारा इसी माह फरवरी में एक आदेश जारी किया गया जो आदिवासियों की शिक्षा स्वास्थ्य उनके क्षेत्र में विकास कार्यों एवं शिक्षा स्वास्थ्य पर खर्च होने वाली ट्राइबल सब प्लान की राशि 207 करोड़ अन्य विभागों में स्थानांतरित कर दी गई।

भाजपा सरकार द्वारा आदिवासियों के साथ कुठारा घात कर खुले तौर पर उनके साथ अन्याय किया है। उक्त आरोप लगाते हुए झाबुआ विधायक प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ विक्रांत भूरिया ने कहा कि भाजपा आदिवासियों को एक वोट बैंक तक ही सीमित रखती है आदिवासियों के विकास के लिए कार्य योजना बनाना तो दूर उनके हिस्से की राशि की बंदर बाट कर भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा भाजपा हमेशा आदिवासियों के हक पर डाका डालती रही है।

उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में आदिवासियों के वोट हासिल करने के लिए 11 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव आदिवासियों को गुमराह करने आ रहे हैं अपने चुनावी वादों में आदिवासी किसान गरीब महिलाओं बेरोजगारों को अपनी प्राथमिकताओं में शामिल करने का दावा किया था लेकिन इन्हीं वर्गों के वास्तविक और समुचित उत्थान के लिए बजट में कोई व्यवस्था सरकार नहीं कर पाई सरकार का फोकस सीधे रोजगार उपलब्ध कराने के बजाय बेरोजगार युवाओं को कर्जदार बनाने पर रहा है बजट में ना कोई प्रगतिशीलता हे ना कोई नवीनता है सरकार ने चुनावी आशंकाओं से ग्रसित होकर एक रक्षात्मक बजट पेश किया है।

झाबुआ विधायक डॉ विक्रांत भूरिया ने आदिवासियों के हितार्थ व्यय होने वाली 207 करोड़ की राशि प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में विकास कार्यों में ही समावेश करने की मांग की है आदिवासियों को गुमराह करना बंद करें अन्यथा कांग्रेस को सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने पर बाध्य होना पड़ेगा।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By nit

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading