आतिश दीपंकर, पटना (बिहार), NIT; बिहार के भागलपुर जिले के कहलगांव प्रखंड के मध्य विद्यालय सदानंदपुर वैसा के स्कूल में एनआईटी के संवाददाता जायजा लेने पहुंचा तो, स्कूल के शिक्षक एवं शिक्षिका समय से पहले स्कूल से घर वापस जाते हुए देखे गये। जब NIT संवाददाता ने स्कूल के शिक्षक – शिक्षिका से एवं स्कूल के प्रिंसिपल से सवाल किया तो, उन्होंने माना कि, वे लोग समय से पहले जा रहे हैं। इस संबंध में जब पूछा गया कि समय से पहले क्यों घर जा रहे हैं तो वे लोग कुछ भी नहीं बोल पाये। इस संबंध में कई शिक्षिका भी कुछ नहीं बोल पाई। कई शिक्षक के मुंह बंद हो गए। कई शिक्षक तो स्कूल में उपस्थित भी नहीं थे। तो कई कई शिक्षक समय से पहले जा चुके थे। जब पूछे गया कि बाकी शिक्षक उपस्थित क्यों नहीं हैं तो, प्रिंसपल ने कहा कि उनकेरघर और बैंक का कुछ काम था। जब प्रिंसपल योगेश कुमार सिंह से पूछा गया की क्या यह नियम है कि शिक्षक स्कूल में अपनी मनमानी करें? तो वे कुछ भी नहीं बोल पाए। यानी प्रिंसपल और सभी के मिलीभगत से यहां पर अनियमितता खुब होती है।
प्रिंसिपल योगेश कुमार सिंह से जो पूछा गया है कि , ऐसा क्यों हो रहा है ? स्कूल को ये शिक्षक अपना घर समझ बैठे है, बजब चाहते हैं आते हैं और जब मन होता है चले जाते हैं। अपनी पूरी मनमानी करते हैं ये लोग। ज्ञातव्य है कि शिक्षक खुद दूसरे को शिक्षा देते हैं और यही नियम का पालन ना करें तो ऐसै शिक्षक बच्चों को क्या शिक्षा दे पाएंगे? समाजसेवी राहुल कुमार ने बताया कि स्कूल के आस-पास के ग्रामीणों ने स्कूल में अनियमितता और बच्चों को सरकार द्वारा खाना दिए जाने में अनियमितता की शिकायत की थी। इसी को लेकर के एनआइटी के संवाददाता जब वह स्कूल गया तो सभी भौचक्के रह गये। इसके अलावा भी स्कूल में कई अनियमितताएं देखी गयीं। बिहार के मुख्यमंत्री स्कूल के शिक्षा एवं मिड-डे मील पर अपनी पीठ खूब थपथपाते हैं लेकिन वास्तव में कुछ और ही यहाॅ दिखता है। यह स्पष्ट होता है की स्कूल के शिक्षक- शिक्षिकाएं एवं अन्य कर्मचारी को इन्हें अपने वरिष्ठ पदाधिकारियों का कोई भी डर नहीं है। यह लोग स्कूल में रहकर स्कूलकके नियमों की खूब धज्जियां उड़ाते हैं।
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