कासिम खलील, बुलढाणा(महाराष्ट्र), NIT; महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम के कर्मी पिछले ३ दिन से हडताल पर हैं, जिसके कारण राज्य की यात्री परिवहन व्यवस्था चरमरा गई है। यात्रियों को सफर के लिये निजी वाहनों का सहारा लेना पड रहा है। राज्य शासन द्वारा इन हडताली कर्मीयों को अब तक न्याय नहीं मिलने के कारण शासन की इस भूमिका का निषेध जताते हुए आज बुलढाणा में एस.टी. कर्मीयों ने अपने बाल मुंडवाए तथा राज्य शासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए रोष जताया।यात्रीयों के आवगमन के लिये महाराष्ट्र में एस.टी. की सेवा को भरोसेमंद माना जाता है. एसटी विभाग में काम कर रहे कर्मीयों को मिलने वाला वेतन आज की इस महंगाई के दौर में बहुत कम है, जिस के कारण परिवार का गुजारा, बच्चों की शिक्षा और बीमारी के खर्च का बोझ नहीं उठाया जा सकता, इसलिये राज्य शासन अन्य विभाग के कर्मीयों की तरह एसटी कर्मीयों को भी सातवाँ वेतनमान लागू करे। इस मुख्य मांग को लेकर विगत 16 अक्तुबर की रात 12 बजे से एसटी कर्मीयों ने काम बंद करते हुए बेमियादी हडताल पर चले गए हैं। इस हड़ताल का असर पूरे राज्य में देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने हड़ताल के चौथे दिन भी कोई समाधानकारक हल नहीं निकाला है, जिसके कारण बुलढाणा बस डिपो पर आज कर्मीयों ने मुंडन करते हुए निषेध व्यक्त किया।
निजी वाहनों का सफर हुआ महंगा
एसटी कर्मीयों द्वारा पूरे राज्य में की गई हड़ताल के बाद आम जनता की सुविधा के लिये राज्य सरकार ने सभी निजी वाहनों को यात्री ढुलाई की अनुमती दे दी है, किंतु देखने में आया है कि निजी वाहनधारक यात्रीयों से मनमाने तरिके से किराया वसूल कर रहे हैं, जिसके कारण आम जनता में भी राज्य सरकार के प्रति रोष नजर आ रहा है।
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