रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी/पंकज बडोला, झाबुआ (मप्र), NIT:
लंबे अंतराल के बाद कैथोलिक डायोसिस झाबुआ के लिए संत पापा फ्रांसिस रोम ने नए र्ध्माध्यक्ष के रूप में श्रद्धेय फादर पीटर खराडी को 30 दिसम्बर 2023 को नियूक्ति किया। भारतीय समयानुसार शाम 4 बजकर 30 मिनिट पर इसकी घोषणा हुई और समस्त ईसाइ धर्मावलंबियों ने खुशियां मनाई। आज 27 जनवरी 2024 को उनका धार्मिक विधी विधान के अनुसार धर्माध्यक्ष अभिषेक भोपाल के महा धर्माध्यक्ष ए दुरईराज एसवीडी के कर कमलों के द्वारा संपन्न हुआ। दिलीप गेट झाबुआ पर सुबह 9 बजे नवनियुक्त धर्माध्यक्ष खराडी एवं कार्यक्रम में पधारे महाधर्माध्यक्षों एवं धर्माध्यक्षकों का भील संस्कृति के अनुसार स्वागत किया गया। ढोल मांदल एवं भीली नृत्य के साथ सजी हुई खुली जीप पर उनकों लेकर महाा गिरजाघर झाबुआ में प्रवेश हुआ। कई समाजजन उनके पीछे पीछे भव्य जुलूस के साथ चर्च प्रांगण में पहुंचे। चर्च प्रांगण में प्रवेश नृत्य के साथ सभी पूरोहितों एवं बिशपों ने महागिरजाघर में प्रवेश किया।
पवित्र मिस्सा बलिदान के मुख्य याजक महाधर्माध्यक्ष ए दुरईराज एवं उनका साथ बिशप चाकों टीजे एवं बिशप देवप्रसाद गणावा ने दिया। इन्ही के साथ गांधी नगर गुजरात के महाधर्माध्यक्ष थोमस मकवान, भोपाल पूर्व धर्माध्यक्ष लीयो कार्निलियों, उज्जैन के बिशप स्बास्टियन, सागर के बिशप जेम्स,सतना की बिशप जोसेफ, अहमदाबाद के बिशप रत्नास्वामी, जबलपुर के बिशप जेराल्ड एवं बरोडा के बिशप स्बास्टिआव ने भाग लिया। गुजरात के महार्धमाध्यक्ष बिशप थोमस मकवान ने प्रवचन दिया। पवित्र मिस्सा बलिदान के दौरान अभिषेक की धर्म विधी शूरू हुई। फादर सिल्वेस्टर मेडा एवं फादर केनेडी ने फादर पीटर खराडी को बिशप बनने के लिए प्रस्तुत किया गया। तब सभी जनसमूह के सामने रोम के संत पापा फ्रांसिस का नियुक्ति आदेश प्रस्तुत कर उसका वाचन किया गया। इस नियुक्ति आदेश को सहसम्मान भीली नृत्य के साथ पवित्र वेदी तक लाया गया। तब उनके लिए भी बिशपों ने प्रार्थना की। उनके सर पर पवित्र तेल से अभियंजन किया गया। उनके सर पर कपडे का बना हुआ मुकुट उंगली में अंगुठी एवं हाथ में दंडाधिकार प्रदान किया गया। सभी धर्माध्यक्षों ने बिशप पीटर खराडी के हाथों का चुम्बन किया उसके बाद इसी प्रकार झाबुआ डायोसिस में कार्यरत सभी पूरोहितों ने भी नवागत बिशप पीटर खराडी के हाथों का चुम्बन किया।
इस धर्म विधी के साथ ही वे झाबुआ डायोसिस के चौथे बिशप बन गए। पवित्र मिस्सा बलिदान संपन्न होने के बाद सम्मान कार्यक्रम रखा गया। जिसमें पधारें सभी विशेष अतिथियों का भीली रिति रिवाज के अनुसार स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। उपस्थित धर्म विधी में गुजरात, राजस्थान और मध्यप्रदेश से लगभग 200 पूरोहित, 400 धर्मबहनें एवं 8 हजार धर्मावलंबियों ने भाग लिया। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए एक ही मार्ग से लोगों का प्रवेश सुनिश्चित किया गया। सभी लोगो को गेट पास प्रदान किया गया था। अन्य धर्मावलंबियों को भी जो अतिथि के रूप में आमंत्रित थे पास के साथ ही प्रवेश दिया गया।
विशेष अतिथियों में राजनीतिक व प्रशासनिक अधिकारी भी मोजूद थे।
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