आसिम खान, ब्यूरो चीफ, छिंदवाड़ा (मप्र), NIT:
भारत में बेटियाँ अब सभी तरह की गतिविधियों में न सिर्फ हिस्सा ले रही हैं, बल्कि शिक्षा, राजनीति, मीडिया, लोक सेवा, कला, संस्कृति, विज्ञान, प्रौद्योगिकी आदि क्षेत्रों में अव्वल स्थान भी प्राप्त कर रही हैं। इसी तारतम्य में मध्यप्रदेश के छिन्दवाड़ा जिले में निवासरत श्रीमती प्रिया-मनीष बन्देवार की पुत्री कुमारी समृद्धि बन्देवार के 26 सितंबर 2023 को जन्म के महज 50 दिवस की उम्र में सर्वाधिक शासकीय व सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और शासन द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं से संबंधित जीवन उपयोगी दस्तावेजों को अर्जित कर उसका नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन की संस्था में दर्ज होने का प्रमाण-पत्र प्राप्त किया गया है।
उल्लेखनीय है कि यह रिकॉर्ड दर्ज होने से कुमारी समृद्धि बन्देवार अब सर्वाधिक 36 दस्तावेजों की धारक विश्व की सबसे कम उम्र की बेटी बन गई हैं। कलेक्टर श्री मनोज पुष्प द्वारा आज कलेक्टर कक्ष में श्रीमती प्रिया-मनीष बन्देवार द्वारा अपनी पुत्री कुमारी समृद्धि बन्देवार के लिये किये गये इस अद्भुत, सराहनीय व प्रशंसनीय कार्य के लिये अपनी और मध्यप्रदेश शासन के महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से बधाई व शुभकामनायें देते हुये उन्हें परिवार सहित वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन द्वारा जारी प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया एवं कुमारी समृद्धि बन्देवार के उज्जवल भविष्य की कामना की गई।
पुत्री कुमारी समृद्धि बन्देवार के पिता श्री मनीष बन्देवार जो कलेक्टोरेट छिन्दवाड़ा में आबकारी विभाग में क्लर्क के पद पर कार्यरत हैं, ने बताया कि जागरूकता के अभाव व लापरवाही के कारण बहुत से पालक अपने बच्चों के बुनियादी दस्तावेज जैसे जन्म प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड आदि तब तक नहीं बनवाते, जब तक कि उनके बच्चे का स्कूल में दाखिला या किसी अन्य कार्य में अति-आवश्यक न हो, किन्तु मेरे मन में बेटियों के प्रति आदर व सद्भाव के कारण मैंने अपनी पुत्री के सभी आवश्यक दस्तावेजों को बनवाने का संकल्प लिया।
जब हमारे यहां पुत्री कुमारी समृद्धि बन्देवार का जन्म हुआ, तो हम सभी की खुशियों का ठिकाना नहीं रहा और बहुत हर्ष की अनुभूति हुई। हमें शासन द्वारा बेटियों के लिए चलाई जाने वाली कुछ योजनाओं के बारे में जानकारी थी, लेकिन जब हमने थोड़ा और अनुसंधान किया तो शासन द्वारा बेटियों के हित मे चलाई जाने वाली विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्राप्त हुई तथा जैसे-जैसे हमें इन योजनाओं की जानकारी मिलती गयी, वैसे-वैसे हमें बेटियों के उज्जवल भविष्य की अनुभूति होती गई और उसी पल हमने यह निश्चय कर लिया कि हम बेटियों के कल्याण के लिए चलाई जाने वाली सभी योजनाओं में हमारी बेटी समृद्धि को हिस्सा बनायेंगे।
इसका परिणाम यह हुआ कि हमने टीकाकरण कार्ड, जन्म प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड, समग्र सदस्य कार्ड, ग्रीन कार्ड, लाड़ली लक्ष्मी योजना का प्रमाण पत्र, पेन कार्ड, पासपोर्ट, आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता, स्थानीय निवासी प्रमाण-पत्र, केन्द्र शासन का स्थायी जाति प्रमाण-पत्र, राज्य शासन का स्थायी जाति प्रमाण-पत्र, डिजिलॉकर खाता, पोस्ट ऑफिस बचत खाता, आर.डी.खाता, सुकन्या समृद्धि योजना खाता, एन.एस.सी., किसान विकास पत्र, महिला सम्मान बचत पत्र, पी.पी.एफ., फिलाटेलिक डिपोजिट खाता, माय स्टाम्प, एम.आई.एस., एक वर्षीय टर्म डिपोजिट, 2 वर्षीय टर्म डिपोजिट, 3 वर्षीय टर्म डिपोजिट, 5 वर्षीय टर्म डिपोजिट, सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया बचत खाता, सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया चैक बुक, स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया बचत खाता, स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया चैक बुक, स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया ए.टी.एम., यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया बचत खाता, एल.आई.सी. एजुकेशन प्लान, एल.आई.सी. कन्यादान प्लान और निप्पॉन इण्डिया म्यूचुअल फण्ड के मिलाकर कुल 36 दस्तावेज अब हमारे पास हैं।
सूबेदार नरेन्द्र सिंह बेस मेमोरियल फाउंडेशन के चेयरमैन एवं मध्यप्रदेश पुलिस में डीएसपी के पद पर कार्यरत श्री प्रदीप वाल्मीकि द्वारा वर्ल्ड बुक ऑफ द रिकॉर्ड यूके लंदन को की गई विशेष अनुशंसा के आधार पर हमारी अथक रचनात्मक मेहनत रंग लाई और हमने वर्ल्ड बुक ऑफ द रिकॉर्ड अचीव किया। उन्होंने कहा कि इन जीवन उपयोगी दस्तावेजों को बनवाकर हमने शासन की योजनाओं के माध्यम से बेटियों के मान-सम्मान को समाज में बढ़ाया और सशक्त बनाया है जो अन्य लोगों के लिये प्रेरणादायी भी हो सकता है। उन्होंने बेटियों के माताओं-पिताओं और स्वजनों से अपील की है कि वे बेटियों के सशक्तिकरण, सम्मान और भविष्य के लिये बेटियों से संबंधित सभी शासकीय दस्तावेजों को बनवाकर बेटियों के उज्जवल भविष्य की दिशा में कार्य करें।
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