रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी/पंकज बडोला, इंदौर (मप्र), NIT:
उज्जैन-मक्सी मार्ग फोरलेन होगा। इसके लिए शासन ने डीपीआर तैयार करने के आदेश दिया है। भोपाल की एजेंसी डीपीआर तैयार करेगी। इस मार्ग के विस्तारीकरण को सिंहस्थ 2028 की तैयारी से जोड़कर देखा जा रहा है।
मार्ग फोरलेन होने से आवागमन में सुविधा तो होगी ही दुर्घटनाओं में भी कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है। उज्जैन-मक्सी मार्ग की लंबाई 36.50 किमी है। वर्तमान में यह टू-लेन है। इसे फोरलेन किया जाएगा। शासन ने इस संबंध में मप्र सड़क विकास निगम लिमिटेड (एमपीआरडीसी) को पत्र जारी किया है। इसमें उक्त मार्ग की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करवाने के लिए कहा गया है। बताया जा रहा है कि डीपीआर हाइवे इंजीनियरिंग कंसल्टेंट भोपाल तैयार करेगी। इसी महीने में इसका काम शुरू होने की उम्मीद हैं। इसके बाद वित्तीय स्वीकृति व टेंडर की प्रक्रिया के बाद काम शुरू होगा। इस मार्ग के बनने से उज्जैन-मक्सी तक का सफर तो सुलभ होगा शाजापुर पहुंचने में भी मदद मिलेगी।
फोरलेन होने से यह होंगे फायदे
चक्काजाम की समस्या से निजात मिलेगी। दुर्घटनाओं में कमी आने की उम्मीद रहेगी। आवागमन में अभी से भी कम वक्त लगेगा। ज्यादा वाहन आ-जा सकेंगे। ताजपुर, विजयगंज मंडी, कायथा व विस्तारित मार्ग पर तेजी से ग्रोथ होगी। इनके अलावा मार्ग में पड़ने वाले अन्य गांव व कस्बों में विकास की संभावनाएं बढ़ेगी। नए मार्केट के डेवलप होने की संभावनाएं बनेंगी। उज्जैन से मक्सी होते हुए शाजापुर जल्द पहुंचने में भी मदद मिलेगी प्रत्यक्ष- अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के नए अवसर बनेंगे।
डीपीआर में इन बिंदुओं को लेकर होगा सर्वे
36.50 किमी लंबे इस टू लेन को फोरलेन करने में कितनी जमीन अधिग्रहित करना पड़ेगी। इसमें कितनी सरकारी जमीन और कितनी निजी है। निजी के अधिग्रहण के लिए मुआवजे का आंकलन। संपूर्ण मार्ग से कितने पेड़ शिफ्ट हो सकेंगे और कितने काटने ही पड़ेंगे।बिजली व दूरसंचार के अन्य पोलों की शिफ्टिंग की स्थिति का आंकलन। पेयजल पाइप लाइन, सीवर लाइन व नाली आदि की स्थिति के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी। मार्ग से रोजाना कितने और किस तरह के वाहन गुजरते हैं। यानी मार्ग पर कुल ट्रैफिक का औसतन कितना दबाव रहता है। भविष्य में कितना होगा आदि। वाहनों के इस दवाव के मान से ही मार्ग के फोरलेन की मजबूती व निर्माण करने की प्लानिंग तय होगी। कितने पुल-पुलिया हैं, जिनको विस्तारित करना पड़ेगा या फिर नया ही बनाना पड़ेगा। यदि रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) मार्ग में आ रहा है तो उसके लिए आगे की प्लानिंग आदि। तमाम बिंदुओं के आंकलन के आधार पर डीपीआर में बताया जाएगा कि मार्ग को फोरलेन करने में अनुमानित कितनी लागत आएगी और कितना वक्त इसमें लगेगा।
इधर भी उज्जैन-जावरा स्टेट् हाईवे अब टू-लेन से फोरलेन में बदलेगा, डीपीआर तैयार
उज्जैन को एक और फोरलेन मिलने वाला है। इसमें उज्जैन-जावरा स्टेट हाईवे को अब टू-लेन से फोरलेन में बदला जाएगा। इसकी डीटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) एमपीआरडीसी ने तैयार की है। इसके तहत करीब 95 किमी में फोरलेन का निर्माण किया जाएगा। उज्जैन- जावरा टू-लेन पर करीब 28 कर्व हैं। इसमें पांच ब्लैक स्पॉट है। अंधे मोड़ होने से यहां आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती है, ट्रैफिक लोड भी बढ़ता जा रहा है। जिसे देखते हुए अब इस मार्ग को फोरलेन किया जाएगा, ताकि आवागमन में आसानी हो और दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके। इसके साथ ही उज्जैन को जोड़ने वाला एक और फोरलेन वाहन चालकों को मिल सकेगा। सिंहस्थ-2028 में यह फोरलेन बहुत उपयोगी होगा। एमपीआरडीसी के अधिकारियों ने बताया कि उज्जैन-जावरा टू-लेन को फोरलेन किए जाने की डीपीआर तैयार की गई है। जिसे स्वीकृति के लिए शासन को भेजा जाएगा। मंजूरी मिलने के बाद टेंडर जारी कर निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की घोषणाओं में शामिल इस मार्ग को जल्द फोरलेन किया जाएगा। डॉ. यादव ने कहा है कि उज्जैन-जावरा मार्ग को फोरलेन में बदला जाएगा। इसका भूमिपूजन करने के लिए मैं जल्द आऊंगा। इसके बाद एमपीआरडीसी ने प्रोजेक्ट पर कार्य तेज कर दिया है।
साल 2012 में बना था टू-लेन
उज्जैन-जावरा स्टेट हाईवे को वर्ष 2012 में टू-लेन बनाया गया था। – करीब 95 किमी लंबे मार्ग में 15 से 20 किमी में ब्लैक स्पॉट है। अंधे मोड़ होने से इस मार्ग पर आए दिन होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए मोड़ को सीधा करने का कार्य भी किया गया था।
डीपीआर हाइवे इंजीनियरिंग कंसल्टेंट करेगी तैयार
उज्जैन-मक्सी टू-लेन रोड फोरलेन बनेगा। शासन ने इसके लिए डीपीआर तैयार करवाने के निर्देश दिए हैं। डीपीआर हाइवे इंजीनियरिंग कंसल्टेंट भोपाल तैयार करेगी। साथ ही उज्जैन-जावरा फोरलेन की डीपीआर तैयार कर ली गई है, जिसकी शासन स्तर पर स्वीकृति होने पर टेंडर जारी कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। एसके मनवानी, संभागीय महाप्रबंधक, एमपीआरडीसी।
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