जमशेद आलम, ब्यूरो चीफ, भोपाल (मप्र), NIT:

गत 3 दिसंबर 2023 को घोषित हुए शाजापुर विधानसभा के चुनाव परिणाम में मात्र 28 वोट से हराए गए कांग्रेस प्रत्याशी हुकुमसिंह कराड़ा ने उच्च न्यायालय जबलपुर में चुनौती दी है। प्रदेश के 14 प्रत्याशियों के निर्वाचन को लेकर उच्च न्यायालय में चुनाव याचिका दायर हुई हैं। जिसमें शाजापुर विधानसभा का चुनाव भी शामिल है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 18 जनवरी विधायकों के निर्वाचन को चुनौती देने का अंतिम दिन था। इस दौरान शाजापुर विधानसभा के कांग्रेस प्रत्याशी रहे हुकुमसिंह कराड़ा ने भी भाजपा प्रत्याशी के निर्वाचन को लेकर हाईकोर्ट जबलपुर में याचिका दायर की हैं। याचिका में भाजपा प्रत्याशी के विधायक चुने जाने एवं निर्वाचन को अवैध (शून्य) घोषित करने की मांग की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार याचिका में करप्ट प्रैक्टिस सहित मतगणना प्रक्रिया व अन्य बिंदुओं को शामिल किया गया है।
क्या है करप्ट प्रैक्टिस
चुनाव प्रचार के दौरान मतदाताओं को प्रलोभन देना, सभा जनसंपर्क में वोट के बदले नोट देना, जनता से जुड़े काम के लिए लालच देना सहित अन्य बिंदु करप्ट प्रैक्टिस में शामिल होते हैं। उपरोक्त आरोपों को लेकर सबूत भी न्यायालय में प्रस्तुत किए जाते हैं।
मतगणना प्रक्रिया पर सवालिया निशान
सूत्रों की माने तो शाजापुर विधानसभा में क़रीब 1900 डाक मतपत्रों की गिनती पर सवालिया निशान लगा हुआ हैं। डाक मतपत्रों की गिनती EVM के मतों की गिनती के बाद तक होती रही। यह प्रक्रिया भी सवालों के घेरे में है। वहीं मतगणना स्थल पर उपस्थित कांग्रेस प्रत्याशी के द्वारा डाक मतपत्रों की पुनर्गणना के प्रस्ताव को भी स्वीकार नहीं किया गया। कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा की गई संपूर्ण डाक मतपत्रों की पुनः मतगणना की मांग को ख़ारिज ही रखा और केवल रिजेक्ट 158 मत दिखाए गए जो की खोलें ही नही गए। डाक मतपत्रों को लेकर प्रशासन ने पूरी तरह पक्षपातपूर्ण एवं दूषित प्रक्रिया अपनाई। इसको चैलेंज किया गया है।
शाजापुर विधानसभा चुनाव को लेकर हाईकोर्ट जबलपुर में चुनाव पिटीशन दाख़िल की है। मुझे माननीय न्यायालय पर सम्पूर्ण विश्वास हैं। यहां से दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा: हुकुमसिंह कराड़ा, कांग्रेस प्रत्याशी विधानसभा शाजापुर।
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