अशफ़ाक़ क़ायमखानी, ब्यूरो चीफ, जयपुर (राजस्थान), NIT:
आपकी सेहत से जुड़ी अच्छी खबर है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि सेवाभाव एवं संवेदनशीलता के साथ चिकित्सालयों में मरीजों का उपचार करें। उन्होंने कहा कि राजस्थान के स्वास्थ्य केंद्रों को सुदृढ़ करने की दृष्टि से आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के रूप में विकसित किया जा रहा है। ये मंदिर जन स्वास्थ्य की मुख्य धुरी के रूप में कार्य करेंगे। इसमें योगा और वेलनेस गतिविधियां भी संचालित की जाएगी। भजनलाल शर्मा मुख्यमंत्री निवास पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयार 100 दिवसीय कार्ययोजना पर चर्चा के दौरान ये बातें कही।
चिकित्सक अस्पतालों में समय पर पहुंचें:-
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेशवासियों का अच्छा स्वास्थ्य और गुणवत्तापूर्ण उपचार राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि चिकित्सक अस्पतालों में समय पर पहुंचें और रोगियों एवं उनके परिवारजनों के साथ अच्छा व्यवहार रखे। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कार्यों में अनावश्यक देरी करने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
लोग स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित हो:-
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेशवासियों के लिए निःशुल्क दवा और जांच सुविधाएं उपलब्ध है, लेकिन हमारा प्रयास है कि लोग स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित हो। उन्होंने स्वच्छता पर विशेष जोर देकर कहा कि खुले में खाद्य पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाएं तथा मिलावट करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। खाद्य सामग्री विक्रेताओं को कानूनों की जानकारी दी जानी चाहिए। शर्मा ने सवाई मानसिंह अस्पताल में भी पीएम जन औषधि केन्द्र खोलने और आयुष्मान आरोग्य केंद्रों के निर्माण कार्य समयबद्ध पूरा करने के निर्देश दिए।
वृद्ध रोगियों के लिए अलग व्यवस्था के निर्देश:-
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन राज्यों में चिकित्सा क्षेत्र में अच्छे कार्य हुए हैं, उनका अध्ययन कर यहां भी लागू करने के प्रयास करें। उन्होंने कहा कि चिकित्सालयों में पुरूष और महिला वार्डों की तरह वृद्धजन रोगियों के लिए अलग सुविधाएं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि रक्तदान शिविरों की संख्या बढ़ाने के लिए सामाजिक संस्थानों और जनप्रतिनिधियों आदि का सहयोग प्राप्त करें।
CM ने विभागीय अधिकारियों को विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत स्वास्थ्य शिविरों में अधिकाधिक लोगों की स्वास्थ्य जांच करने तथा निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एक भी पात्र व्यक्ति लाभ से वंचित नहीं रहे। शर्मा ने पीएम जनऔषधि केन्द्रों की संख्या बढ़ाकर प्रचार-प्रसार करने, चिकित्सालयों में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट की क्रियाशीलता की नियमित जांच करने, स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने और हर दिन अलग-अलग रंग की बैडशीट बिछाने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने जांच व्यवस्था सुचारू रखने के लिए जांच मशीनों का समय-समय पर मेंटिनेंस कराने के निर्देश दिए।
नशे की दवाइयां बेची तो लाइसेंस होगा रद्द:-
शर्मा ने कहा कि युवा पीढ़ी को नशे की लत से बचाना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को उन जिलों में नशा मुक्ति परामर्श केंद्र खोलने के निर्देश दिए, जहां ऐसे मामले अधिक सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति के लिए चिकित्सा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, पुलिस विभाग और जिला प्रशासन विषय विशेषज्ञों के जरिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कराए। साथ ही, उन्होंने नशीली दवाइयों की अवैध बिक्री पर प्रभावी अंकुश लगाने तथा ऐसे विक्रेताओं के लाइसेंस रद्द करने के निर्देश दिए। उन्होंने मनोरोगियों के उपचार के लिए विशेषज्ञों और सामाजिक संस्थाओं को जोड़ने के लिए कहा।
जिला कलक्टर, एडीएम, एसडीएम करेंगे चिकित्सालयों की जांच:-
शर्मा ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि जिला कलेक्टर के जरिए जिला चिकित्सालयों का सप्ताह में एक बार निरीक्षण कराना सुनिश्चित करें। साथ ही, एडीएम, एसडीएम, सीएमएचओ, पीएमओ भी चिकित्सालयों में व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर रिपोर्ट विभाग को प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि राज्य स्तरीय टीम गठित कर प्रदेश में औचक निरीक्षण कराएं। इसके लिए विभाग एक चैकलिस्ट भी तैयार करें।
शर्मा ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों के लिए चिकित्सा शिक्षकों और प्रधानाचार्यों की नियुक्ति शीघ्र की जाए। उन्होंने कहा कि विभिन्न कारणों से लम्बित भर्तियों को भी पारदर्शिता के साथ पूरा करें। उन्होंने कहा कि जल्द ही भर्ती प्रक्रियाओं को पूरा करने का प्रयास होगा। शर्मा ने विभाग द्वारा मेडिकल कॉलेजों में ई-स्मार्ट कक्षाएं शुरू कराने की कार्ययोजना के लिए सराहना की।
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