जानी मानी हस्ती पारसमल कोटड़िया की 75वीं वर्षगाँठ पर हुआ शानदार स्वागत, सम्मान समारोह | New India Times

रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी/जिया उल हक कादरी, झाबुआ (मप्र), NIT:

जानी मानी हस्ती पारसमल कोटड़िया की 75वीं वर्षगाँठ पर हुआ शानदार स्वागत, सम्मान समारोह | New India Times

75 की आयु में जीवन जीने का तरीका जो मायूस है जीवन से उनके लिये प्रेरणा जिंदगी जिंदादिली का नाम है कुछ लोग अली शान महलों में भी दुखी तो कोई मुफलिसी में भी मस्त मौला के किरदार मै है। झाबुआ जिले के पेटलावद जिंदगी जिंदादिली का नाम है मुर्दादिल या खाक जिया करते है। यह कहावत अक्सर फिल्मों में भी सुनने को मिलती है।

जानी मानी हस्ती पारसमल कोटड़िया की 75वीं वर्षगाँठ पर हुआ शानदार स्वागत, सम्मान समारोह | New India Times

कोई अलि शान महलो में दुखी है तो कोई मुफलिसी में भी मस्त मौला है

इंसानी जीवन में सुख और दुख दो पहलू है अपनी कर्म व्यवस्था के अनुसार सुख दुख भोगता है तमाम सुख सुविधाओं, अच्छी लाईफ स्टाईल के बाद भी कुछ लोग दुखी रहते हैं और रोना रोते रहते है , ओर क़ई लोग मुफलिसी ओर दुनियाभर की परेशानियों के बाद भी मस्तमोला रहते है ओर जीवन के हर क्षण को अंतिम समझ उस पल को खुशी खुशी जीते है।

जानी मानी हस्ती पारसमल कोटड़िया की 75वीं वर्षगाँठ पर हुआ शानदार स्वागत, सम्मान समारोह | New India Times

इस तरह से जीवन के जीने का हर व्यक्ति का अपना अलग अंदाज होता है।

दुःख की हल्की से ठेस से बीखर जाती है नई पीढ़ी

हमारे आसपास क़ई लोग ऐसे होते है जिनसे जीवन जीने की कला सीखी जा सकती है आज कि पीड़ि जहाँ दुख और परेशानियों की हल्की सी ठेस से आहत ओर मायूस होकर सुसाईट तक कर लेने के कदम उठा लेते है जबकि पुराने दौर के बुजुर्गों ने दुखो के वह मंझर भी देखे हैं जिसकी कल्पना भी नही की जा सकती ओर ऐसे बुजुर्ग नई पीढ़ी ओर हमारे लिए आदर्श है।

जिनसे जीवन जीने के तरीका सीख जा सकता है।

व्रधाश्रम में है क़ई बुजुर्ग, परिजनों की अनदेखी ओर पीड़ा को कर रहे सहन

इसके अलावा क़ई वरिष्ठ बुजुर्ग अपने परिवार की अनदेखी से व्रधाश्रम में रहने को मजबूर है तो क़ई बुजुर्ग तन और मन से लाचार होकर जीवन की पीड़ा भोग रहे है ओर विदाई के अंतिम समय का इन्तजार कर रहे है ।

कुछ पर होती है प्रभु की असीम कृपा

लेकिन कुछ बुजुर्ग ऐसे भी है जिनके ऊपर ईश्वर की असीम कृपा होकर तन से स्वस्थ, मन से प्रश्न ओर धन से सम्पन्न होकर जीवन को अलग अंदाज में जी रहे है। ऐसे ही बुजुर्ग या यूं कहें कि युवा बुजुर्ग है क्षेत्र की जानी मानी हस्ती समाजसेवी, वरीष्ट श्रावक सामाजिक धर्मीक कार्यो में अग्रणी, ख्याती प्राप्त व्यापारी पारसमल कोटड़िया रायपुरिया वाले है।

हुआ जोरदार आयोजन, जानी मानी हस्तियों ने की शिरकत

कोटड़िया ने अपनी 75 वी वर्ष गाँठ नगर के निःजी गार्डन में मनाई ओर इस आयोजन में क्षेत्र शहित दूरदराज की जानी मानी हस्तियों ने शिरकत। जिस अंदाज में ये आयोजन हुआ उसकी चारो ओर खूब चर्चाए हो रही। जोरदार इंट्री परिवारजनों को प्रेम, केक कटिंग लजीज व्यंजन ओर शानदार व्यवस्था ने इस आयोजन में चार चांद लगा दिये।

किया सम्मानित

क्षेत्र के समानिय पारसमल कोटड़िया के 75 वीं वर्षगाँठ पर न सिर्फ बधाई देने वालो का तांता लगा बल्कि साथ ही साथ लायन्स क्लब ग्रेटर, पत्रकार संघ उत्तम ग्रुप, बैंक संस्थान, व्यापारी संघ, भाजपा के पदाधिकारियों, ग्राम पंचायत रायपुरिया, फ्रेंड्स ग्रुप रायपुरिया, बाला जी ग्रुप झंडा बाजार, युवा मोर्चा रायपुरिया, ग्राम रायपुरिया जेन समाज, तेरापंथ सभा करवड़ तेरापन्थ सभा कलकत्ता, पुलिस विभाग पेटलावद, रायपुरिया, झाबुआ मन्दसौर, चिकित्सा विभाग पेटलावद, रायपुरिया, वरीष्ट जनप्रतिनिधियों, सहित गणमान्य नागरिकों, दूरदराज़ से आये रिश्तेदारों, दोस्तो, परिजनों ने कोटड़िया को शाल, श्रीफल, पुष्पहार, गुलदस्ता, भेंटकर मोमेंटो भेंट कर सम्मानित किया तो केबिनेट मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया ओर सांसद डामोर ने दुर भाष पर शुभकामनाएं ओर बधाई दी।

लोगों की मिली सराहना

हालांकि हर शानदार आयोजन के पीछे धन का सामर्थ्य भी होता है लेकिन फिर भी आयोजन में उपस्थित हर व्यक्ति यह कह रहा था कि 75 वर्ष की आयु में जीवन को ज़ोरदार तरीके से जीने की कला कोई कोटड़िया से सीखे।

इनका है कहना

आप सबसे मिली बधाई शुभकामनाओं, प्रेम और सम्मान के लिये में अभिभूत हूं ओर ह्रदय की गहराई से आप सभी का आभारी हूं आजीवन इस स्नेह को बनाये रखें।

पारसमल कोटड़िया रायपुरिया


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By nit

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading