राकेश यादव, देवरी/सागर (मप्र), NIT:
हिट एण्ड रन मामलों के केन्द्र सरकार के नये कानून से पूरे देश में उबाल है, ट्रक एवं आपरेटरों की हड़ताल के कारण परिवहन एवं यातायात गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है। नये कानून के विरोध में वाहन चालकों ने स्थानीय राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर ट्रक खड़े कर जाम लगाया एवं सड़क पर बैठकर कानून के विरोध में जमकर नारेबाजी की। इस दौरान पहुँचे प्रशासनिक अधिकारियों को ड्राइवर संघ द्वारा सौंपे गये ज्ञापन में नये कानून को रद्द किये जाने की मांग की गई।
हिट एण्ड रन मामले में केन्द्र सरकार द्वारा वाहन चालकों को सजा एवं जुर्माने के प्रावधान को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन आरंभ हो गये है। मालवाहक ट्रक, बस और अब आटो यूनियन भी कानून के विरोध में अपने वाहनों के पहिये जाम कर सड़कों पर उतर रहे है। इसी विरोध प्रदर्शन को लेकर स्थानीय ड्रायवर संघ ने स्थानीय राष्ट्रीय राजमार्ग 44 के सिलारी चौराहे पर सड़क पर ट्रक खड़े कर फोरलाईन जाम कर दिया एवं सड़क पर बैठकर नारेबाज़ी की। जिसके कारण आवागमन बाधित हो गया एवं सड़क पर वाहनों की लंबी कतारे लग गई। सूचना मिलने के बाद पहुँची पुलिस ने अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए बल तैनात किया इस दौरान थाना प्रभारी रोहित डोंगरे सहित पुलिस अधिकारी मौके पर पहुँच गये। एन एच 44 पर कई किलोमीटर लंबा जाम ड्राइवर संघ द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग जाम किये जाने के कारण सड़क पर कई किलोमीटर में वाहनों की लंबी लंबी कतारे लग गई है। जाम के कारण सड़क के दोनो तरफ लगभग 10 किलोमीटर लंबाई में वाहन खड़े हुए हैं।
एसडीएम के नाम ज्ञापन सौंपा ड्राइवर संघ द्वारा एसडीएम के नाम नायब तहसीदार रामराज चौधरी को सौंपे गये। ज्ञापन में बताया गया कि लोकसभा में गृह मंत्री द्वारा ड्राइवरों के खिलाफ लाये गये नये बिल में वाहन दुर्घटना के मामले में दोषी चालकों को 10 साल की सजा एवं 7 लाख रूपये जुर्माना का प्रावधान किया गया है जो अन्याय पूर्ण है। जिसके विरोध में समस्त ड्राइवर संघ हड़ताल पर है ज्ञापन में मांग की गई कि उक्त कानून को रद्द किया जाए।
क्या है नये कानून में दरअसल केन्द्र सरकार द्वारा हाल ही बनाये गये नये कानून में हिट एण्ड रन मामलों में भारतीय दंड संहिता में सड़क दुर्घटना में घायल को छोड़कर भागने पर 10 साल की सजा का प्रावधान कर दिया गया है। 10 साल की सजा के साथ-साथ आरोपी ड्राइवर पर 10 लख रुपए का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। आपराधिक कानूनों में बदलाव की वजह से हिट एंड रन मामलों में सजा बढ़ गई है, जिससे देश भर में ट्रक ड्राइवरों और बस ऑपरेटरों का विरोध शुरू हो गया है। नए कानून के तहत फरार और घातक दुर्घटना की सूचना न देने पर ड्राइवरों को 10 साल तक की जेल हो सकती है. इससे पहले, आईपीसी की धारा 304ए (लापरवाही से मौत) के तहत आरोपी को केवल दो साल तक की जेल हो सकती थी।
हड़ताल के असर से पेट्रोल पंपों पर ईधन नहीं बचा हड़ताल के चलते स्थानीय पेट्रोल पंपों पर डीजल एवं पेट्रोल पूरी तरह खत्म हो गया है जिसके कारण दो पहिया एवं चारपहिया वाहनों सहित कृषि वाहनों के चालकों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। यात्री बसे बंद होने के कारण आज नागरिकों को खासी परेशानी हो रही है। हड़ताल बढ़ने की दशा में स्थिति और अधिक कठनाई पूर्ण हो सकती है।
क्या कहते हैं आंदोलनकारी सड़क दुर्घटना में सजा के नए कानून से ट्रक चालक बेहद नाराज़ हैं। उनका कहना है कि यदि सड़क हादसे के बाद वह मौके पर रुक गए तो पब्लिक उन्हें मार देगी। ड्राइवर की सुरक्षा का इस कानून में कोई प्रावधान नहीं है। यहां के ट्रक चालकों का कहना है कि कोई भी ड्राइवर जानबूझकर एक्सीडेंट नहीं करता। इसलिए सरकार को ड्राइवर की सेफ्टी के लिए भी कानून बनाने चाहिए।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.