रफीक़ आलम, दमुआ/छिंदवाड़ा (मप्र), NIT:
जनपद पंचायत जुन्नारदेव के अंतर्गत आदिवासी पंचायतों में सभी सरपंच आदिवासी एवं कम पढ़े लिखे हैं। जब इनकी पंचायत में फर्जी पत्रकार सीएम हेल्पलाइन लगाते हैं। जनपद पंचायत के पदाधिकारी पंचायत के सरपंच सचिव पर दबाव बनाकर सीएम हेल्पलाइन शीघ्र कटवाने का दबाव बनाते हैं। जिससे सरपंच सचिव मानसिक तौर पर प्रताड़ित होते हैं। पंचायत के पदाधिकारी इसे जान छुड़ाने के लिए इनके द्वारा मांगी गई राशि कर्ज लेकर पूरी करते हैं। इन फर्जी पत्रकारों का यह व्यवसाय ही बन गया है यह आए दिन किसी न किसी पंचायत की सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज करके पैसे ऐंठते हैं। जिन नामों का उल्लेख शिकायत में किया गया है। अगर उनकी शिकायतों की गंभीरता से जांच हो तो स्पष्ट ही इनके ऊपर पैसे ऐठने का आरोप सिद्ध हो सकता है।
ये सीएम हेल्पलाइन में जिन शिकायतों को दर्ज करके पैसे ऐंठते हैं। बिना निराकरण के वह शिकायतें पैसे लेकर बंद कर देते हैं। इन लोगों की 1 साल की शिकायत की जांच हो जाए तो इन पर ब्लैकमेलिंग का मामला दर्ज हो सकता है और इन्हें जेल जाना पड़ सकता है। ऐसे फर्जी पत्रकारों के ऊपर एक बार अगर कार्यवाही हो जाए तो दोबारा इस तरह की ब्लैकमेलिंग का काम बंद हो सकता है। इसी समस्या के समाधान के लिए मध्य प्रदेश सरपंच संगठन के पदाधिकारी मुख्यमंत्री, मानव अधिकार आयोग, जिला कलेक्टर पुलिस अधीक्षक, सभी वरिष्ठ पदाधिकारी को ज्ञापन के माध्यम से निराकरण की गुहार लगाई है। घोड़ावाड़ी खुर्द के सरपंच सोहन सिंग सरयाम ने इस संबंध में सभी जानकारी उपलब्ध करायी। देखना यह है कि अब इन फर्जी पत्रकारों पर शासन प्रशासन क्या कार्यवाही करता है। यह कार्यवाही करने के लिए जनपद पंचायत जुन्नारदेव के सभी सरपंच एकजुट हुए हैं।
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