रफीक़ आलम, दमुआ/छिंदवाड़ा (मप्र), NIT:
पूरे देश में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से मांग की जा रही है कि ड्राइवर विरोधी कानून को शीघ्र वापस लें। परिवहन उद्योग और ड्राइवर अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। देश में एक्सीडेंट होने पर पब्लिक के गुस्से से बचने के ड्राइवर अपनी जान बचाकर भाग जाते हैं। अब केंद्र सरकार के नए कानून से एक्सीडेंट के बाद भागने पर 10 साल की कैद और 10 लाख रुपए का जुर्माना का प्रावधान है, ड्राइवरों को लाये गए दोनों कानून से सख्त आपत्ति है, देश भर में इस कानून का विरोध कर मांग की जा रही है, कि इस कानून को तत्काल प्रभाव से वापस कराये। इस मुहीम में दमुआ के ट्रक बस ऑटो चालकों ने अपनी मांग का ज्ञापन राज्यपाल के नाम से थाना दमुआ और उप तहसील दमुआ में नायब तहसीलदार राजीव नेमा की अनुपस्थिति में रीडर श्रीमती प्रीति ठाकुर को ज्ञापन सौंपा। आज नए साल में बस ऑटो पूर्णता बंद है, अगर यह लड़ाई लंबी चली तो आम नागरिक भी भारी परेशानी में आ सकता है। ट्रक चालक परिचालक संगठन के ब्लॉक अध्यक्ष मोहित सिंह इन कानून का विरोध किया है। साथ ही इस कानून से होने वाली परेशानी के बारे में अवगत कराया है। इस कानून को वापस लेने के लिए सभी ड्राइवर को संगठित होने का आह्वान किया है।
ड्राइवर के इस आंदोलन का समर्थन ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विनोद निरापुरे ने किया है। दमुआ थाने में ज्ञापन देकर पैदल रैली नारे लगाते हुए तहसील कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। इस पर संगठन के पदाधिकारी व ट्रक, बस, आटो चालक उपस्थित रहे।
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