सरवर खान ज़रीवाला, भोपाल, NIT;
वाकई एमपी गजब है! नोटबंदी के इस दौर में जब पूरे देश में भारी मंदी का दौर चल रहा है, मध्यप्रदेश में व्यापार खूब फला-फूला है! यह हम नहीं कह रहे बल्कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कह रहे हैं। देश भर में नोटबंदी के फायदे गिनाते हुऐ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने ब्लाग में लिखा है कि “दिसम्बर माह में जहाँ राज्य के दूसरे करों में कमी देखने को मिली है वहीं वैट में 14% की वृद्धि हुई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि जो लेन-देन पहले नकद रूप में होता था और जिसमें टैक्स की चोरी होती थी वह कैशलेस होने से कम हो रही है।” शिवराज सिंह के इस ब्लाग को पढकर भले ही सुखद अनूभूति हो और ऐसा लगे कि प्रदेश का व्यापार तेजी से आगे बढ रहा है और नोटबंदी से बेअसर है लेकिन इस तस्वीर से बिलकुल ही उलट हालात हैं। सूत्रों के अनुसार नोटबंदी होते ही व्यापारियों ने तेजी के साथ फर्जी बिलिंग शुरु की और 500 और 1000 रु के विमुद्रीकृत हो चुके नोटों को खपाने में जुट गये।उदारहऱण के लिये एक दुकानदार ने कागजों पर तो टीवी या फ्रिज की बिक्री दिखा दी लेकिन वास्तव में वह टीवी या फ्रिज उसके स्टाक में रखा हुआ है। इस तरह नोट तो ठिकाने लग गये और कागजों में टैक्स भी दे दिया गया। इस पूरे खेल में सबसे बड़ी भूमिका विक्रीकर विभाग की भी रही है जिसने पिछले दो माह से न तो व्यापारियों के यहां छापे मारे और न ही जांच की। इससे यह भी दिलचस्प बात सामने आयी है कि जब Sale Tax विभाग व्यापारियों पर छापे मारता है या जांच करता है तो वैट कम मिलता है और जब कारवाई नही होती है तो वैट बढ जाता है। अपने आप में यह मामला बेहद दिलचस्प है। Sale Tax Department के ही एक उच्च अधिकारी का कहना है कि मुसीबत तो जनवरी की शुरुआत से शुरु होगी, जब स्टाक चेकिंग होगी, छापे पड़ेंगे और व्यापारियों को यह जबाब देना मुश्किल हो जायेगा कि जिस माल को वह बेच चुके थे आखिर वह कैसे उनके स्टॉक में मौजूद है? मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा कपड़ा बाजार इस समय भयंकर मंदी के दौर से गुजर रहा है। बर्तन बाजार की भी यही हालत है, उसके बाद भी माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी का दावा है कि मध्यप्रदेश में कारोबार बहुत अच्छा चल रहा है। नोट बंदी के कारण यह हालत है कि गड्ढे खोदने वाला मजदूर भी परेशान है, उसे काम नही मिल पा रहा है। वाकई मध्यप्रदेश गजब है और उससे बढ कर यहाँ के मुख्यमंत्री!!!
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