अली अब्बास, मथुरा/नई दिल्ली, NIT:
आज के प्रतिस्पर्धात्मक युग में राष्ट्र की प्रगति व विकास हेतु ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित करना उत्तर मध्य रेलवे के प्रमुख एजेंडे में शामिल है। ऊर्जा की उपलब्धता, ऊर्जा की मांग के सापेक्ष अपव्यय को नियंत्रित कर, ऊर्जा संरक्षण को प्रोत्साहन देकर सुनिश्चित की जा सकती है।
उत्तर मध्य रेलवे द्वारा विभिन्न ऊर्जा दक्ष तकनीकी उपायों प्रयासों द्वारा कुल 17 क्षेत्रीय रेलवे की प्रतिस्पर्धा में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार 2023 का प्रथम पुरस्कार प्राप्त कर अन्य निकायों के समक्ष अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है।
यह पुरस्कार दिनांक 14.12.2023 को नई दिल्ली में आयोजित ऊर्जा संरक्षण दिवस के समारोह में राष्ट्रपति महोदया श्रीमती द्रौपदी मुर्मू द्वारा श्री सतीश कुमार महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे तथा श्री अनूप कुमार अग्रवाल प्रमुख मुख्य बिजली इंजीनियर उत्तर मध्य रेलवे द्वारा ग्रहण किया गया।
उत्तर मध्य रेलवे ने ट्रांस्पोर्ट सेक्टर के क्षेत्रीय रेल श्रेणी में प्रथम पुरस्कार प्राप्त कर स्वयं को भारतीय रेल के अग्रिम पायदान में स्थापित कर दिया है।
जिसमें उत्तर मध्य रेलवे द्वारा 11.13 मेगावाट का सोलर पावर प्लांट, सभी 338 रेलवे स्टेशनों, सभी 265 रेलवे सर्विस बिल्डिंग एवम सभी रेल आवासों में शत प्रतिशत ऊर्जा दक्ष एलईडी ट्यूबलाइट, पंखे व स्टार रेटिंग के एयर कंडीशनर लगाए गए।
इससे वर्ष 2022-23 में 12.521 मिलियन यूनिट ऊर्जा की बचत व रेलवे राजस्व में 5.17 करोड़ रुपये की बचत हुई।
सोलर पावर प्लांट द्वारा सस्ती एवम पर्यावरण अनुकूल बिजली खरीदने एवम पूरे उत्तर मध्य रेलवे मं 3222 रूट किलोमीटर में शत प्रतिशत पर विद्युतीकरण करने से डीजल की खपत में एवं समय में 95% प्रतिशत की कमी आई जिससे रेल राजस्व की बचत हुई।
इसके अतिरिक्त 3 फेज एसी लोकोमोटिव के द्वारा रीजेनरेटिव ब्रेकिंग के माध्यम से 138.4 करोड़ यूनिट बिजली की बचत हुई जिससे रेल राजस्व में 900 करोड़ रुपए की बचत हुई है इसके अतिरिक्त कोच लाइटिंग में HOG के द्वारा बिजली प्रदान करने से पावर कार की डीजल खपत में वर्ष 2022-23 में 3645 किलो लीटर की कमी आई है जिससे रेल राजस्व में 32.80 करोड़ रुपए की बचत हुई है।
इस अवसर पर महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे द्वारा सभी विद्युत विभाग की टीम को उनके सराहनीय योगदान हेतु बधाई दी गई। इसको सफल बनाने में प्रमुख मुख्य बिजली इंजीनियर श्री अनूप कुमार अग्रवाल के निर्देशन में, मुख्य बिजली इंजीनियर/ऊर्जा प्रबंधन श्री के. एम. सिंह एवं उनकी टीम का विशेष योगदान रहा।
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