भोपाल में आलमी तब्लीगी इज्तिमा का दूसरा दिन, भारी तादाद में जमातियों के आने का सिलसिला लगातार जारी | New India Times

अबरार अहमद खान/शेख नसीम, भोपाल (मप्र), NIT:

भोपाल में आलमी तब्लीगी इज्तिमा का दूसरा दिन, भारी तादाद में जमातियों के आने का सिलसिला लगातार जारी | New India Times

भोपाल के आलमी तब्लीगी इज्तिमा में शिरकत करने वालों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है । बताया जा रहा है कि इज्तिमे के पहले दिन लगभग ढाई लाख ज़ायरीन इज्तिमागाह में शिरकत कर चुके हैं। आज भी भारी तादाद में जमातियों के आने का सिलसिला लगातार जारी है। इज्तिमागाह में ले जाने के लिए भोपाल रेलवे-स्टेशन और बस-स्टैंड पर निःशुल्क गाड़ियों का इंतेजाम किया गया है ।लगभग 20 हज़ार वालेंटियर्स लोगों की खिदमत में लगे हुए हैं। पंडाल में 5 लाख लोगों के ठहरने का इंतज़ाम किया गया है। लगातार लोगों के आने से और भी पंडाल लगाए जा रहे हैं। इज्तिमागाह में तकरीबन 80 फूड-जोन लगाए गए हैं। जहाँ 60 रुपए में भरपेट खाना दिया जा रहा है 20 रुपए में नाश्ता और पानी की बॉटल 6 रुपए में दी जा रही है। वहीं चाय 5 रुपए में मिल रही है। वहीं इज्तिमा-कमेटी की तरफ से मुफ्त चाय और अंडे दिए जा रहे हैं। नो-लॉस्ट और नो-प्रॉफिट की तर्ज़ पर लोग ख़िदमत को अंजाम दे रहे हैं।

भोपाल में आलमी तब्लीगी इज्तिमा का दूसरा दिन, भारी तादाद में जमातियों के आने का सिलसिला लगातार जारी | New India Times

फज़िर की नमाज़ के बाद, ज़ोहर की नमाज़ के बाद, असर की नमाज़ के बाद और मगरिब की नमाज़ के बाद देशभर से आए उलामा-किराम के बयानात होते हैं और सुबह 10 बजे से खाली वक्त में फजाईले आमाल की तालीम, कुरआन के हल्के और 6 सिफ़ात का मुज़ाक़रा हल्के और खित्ते के ज़िम्मेदार हज़रात करवाते हैं लगातार 4 दिनों तक ये सिलसिला चलता रहता है पहले दिन सुबह मौलाना जमशेद साहब का बयान हुआ इसके बाद जुमे की नमाज़ का खुत्बा दिल्ली मरकज़ से आए मौलाना यूसुफ साहब ने दिया जहाँ लाखों लोगों ने जुमे की नमाज़ अदा की। जुमे की नमाज़ के बाद बयान हुआ इसके बाद असर की नमाज़ के बाद मौलाना साद साहब ने 350 जोड़ो के निकाह पढ़वाए निकाह से पहले मौलाना साद साहब ने निकाह की अहमियत को बयान किया इंसानी ज़िंदगी मे निकाह कितना जरूरी है इसकी वजाहत पर रोशनी डाली और फ़रमाया की निकाह में सादगी लाओ हज़रत मोहम्मद सल्ल. और सहाबा किराम रज़ि. के निकाह की सादगी को उठाकर देखो नबी के निकाह और सहाबा के निकाह कैसे हुआ करते थे उनकी शादियां कैसी होती थी इसलिए अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त ने नबी वाले निकाह में और सहाबा वाले निकाह में सादगी रखी है इसलिए अहद करो अपनी शादियों में सादगी लाएंगे फिजूलखर्ची से बचेंगे। मगरिब की नमाज़ के बाद मौलाना यूसुफ साहब का बयान हुआ जिसमें मौलाना ने फरमाया लोगो के साथ भलाई का मामला करो उन्हें माफ करना सीखो और तक़वे व सब्र के साथ अल्लाह से मदद मांगो।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By nit

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading