कासिम खलील, बुलढाणा ( महाराष्ट्र ), NIT; जिला आपूर्ति अधिकारी बी.यू. काले अपने काम के प्रति गंभीर नहीं है वे भ्रष्टाचारी यातायात ठेकेदार को बचा रहे हैं, ऐसे आरोप पहले ही उन पर लग चुके हैं। अब एक और नया मामला सामने आया है। डीएसओ कार्यालय में कार्यरत कर्मियों ने ही अब डीएसओ काले के मनमानी के खिलाफ बिगुल बजाते हुए मंगलवार को काम बंद आंदोलन छेड़ दिया और कार्यालय के सामने बैठ गए। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि डीएसओ काले के ‘काले’ कामों से ऑफिस के कर्मी भी परेशान हो चुके हैं।बुलढाणा के जिला आपूर्ति कार्यालय के कर्मियों ने जिला प्रशासन को दिए अपने ज्ञापन में कहा है कि उन्हें आपूर्ति विभाग में काम करते समय मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। मौजूदा डीएसओ सहित कुछ कर्मी आपूर्ति विभाग के हैं तथा कुछ कर्मी राजस्व विभाग के है। यही कारण है कि डीएसओ द्वारा राजस्व विभाग के कर्मियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है और उन्हें एक प्रकार से सताने का काम इस विभाग में खुलेआम चल रहा है। पिछले कुछ दिन पहले डीएसओ ने सभी कर्मियों की एक बैठक ली जिसमें कर्मियों को बुरी तरह से धमकाते हुए कहा कि वह किसी का भी सीआर खराब कर सकते हैं तथा विभागीय चौकशी लगा सकते हैं। इस प्रकार डीएसओ द्वारा कर्मियों को मानसिक रुप से परेशान किया जा रहा है। इतना ही नहीं डीएसओ काले महिला कर्मियों के ऊपर फाइल फेंकने से भी नहीं हिचकिचाते हैं तथा अन्य कर्मियों के साथ गाली गलौज करते हैं। यही नहीं कर्मियों पर दबाव तंत्र लाकर अवैध रूप से काम कराया जाता है जो नियम के विरुद्ध होता है। इसके अलावा डीएसओ काले कर्मियों पर झूठे आरोप लगाकर वरिष्ठ अधिकारियों के सामने कर्मियों की प्रतिमा को मलिन करते हैं तथा उनका आदेश नहीं मानने पर वरिष्ठ अधिकारी के माध्यम से बदली करवाकर अन्य कर्मियों पर दबाव बनाते हैं। डीएसओ की इन्हीं करतूतों के कारण मंगलवार को बुलढाणा जिला आपूर्ति कार्यालय के कर्मियों ने काम बंद आंदोलन किया और कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए। इन कर्मियों का कहना है कि वह डीएसओ के दबाव में अब काम नहीं कर सकते इसलिए सभी कर्मियों का तबादला कर दिया जाए तथा डीएसओ सहित उनका साथ देने वाले वरिष्ठ अधिकारियों पर कार्रवाई किये जाने की मांग ज्ञापन के अंत में की गई है।
मावस्कर और काले की सांठगांठ का शिकार बना राठोड़
जिले में राशन यातायात का ठेका संभाल रहे गुप्ता का बकाया बिल निकालने के लिए विगत दिनों अमरावती आपूर्ति विभाग के उपायुक्त मावस्कर बुलढाणा कार्यालय में पहुंचे थे जहाँ उपायक्त, डीएसओ और भ्रष्ट ठेकेदार के बीच खिचड़ी पकी थी। भ्रष्टाचारी ठेकेदार को बचाने के लिए उपायुक्त का बुलढाणा दौरा काफी चर्चा में रहा था। उसके बाद मंगलवार को बुलढाणा में आपूर्ति विभाग के कर्मियों ने डीएसओ के खिलाफ आंदोलन छेड़ते हुए कर्मियों ने अपने ज्ञापन में बताया कि डीएसओ काले ने कार्यालय में कार्यरत कर्मी निलेश राठोड़ पर अन्याय करते हुए उसका तबादला कर दिया है। इस विषय में आगे बताया गया है कि 27 सितंबर को देर रात में डीएसओ काले ने एक मेल उपायुक्त अमरावती को भेजा और फिर इस मेल को डिलीट भी कर दिया ताकि कोई मेल पढ़ न सके। इस मेल में कर्मी निलेश राठोड़ के तबादले की बात लिखी हुई थी और अगले ही दिन उपायुक्त कार्यालय से निलेश राठोड़ के तबादले का आदेश आ गया। इस संदर्भ में पता चला है कि निलेश राठोड़ नियम के बाहर जाकर काम करने को तैयार नहीं था इसीलिए पहले तो उपायुक्त के सामने उसे खूब फटकार लगाई और उसके बाद सजा के रूप में राठोड़ का तबादला बुलढाणा जिले के बाहर कर दिया। राठोड़ के ऊपर हुए इस अन्याय को लेकर भी आपूर्ति विभाग के कर्मियों में काफी नाराजगी फैली हुई है।
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