मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
बुरहानपुर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 180 से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अधिकृत प्रत्याशी श्रीमती अर्चना चिटनिस की 05 साल की तपस्या और 05 साल तक इस क्षेत्र की जनता के बीच जाकर सेवा करने के बाद इस विधानसभा चुनाव में अपनी कूटनीतिक चाल से और अपनी कूटनीति से हर शाख पर उल्लू बैठा कर लगभग 1,00,397 वोटो से शानदार और ऐतिहासिक जीत हासिल करके अपने राजनैतिक प्रतिद्वंदियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया है।
शानदार एवं ऐतिहासिक जीत
श्रीमती अर्चना चिटनिस दीदी ने 1,00,397 वोटों से शानदार ऐतिहासिक जीत हासिल करने के साथ अपने निकटतम राजनैतिक प्रतिद्वंद्वी एवं कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी ठाकुर सुरेंद्र सिंह उर्फ़ शेरा भैया को पराजित किया, जिन्हें 69,226 वोट प्राप्त हुए। श्रीमती अर्चना चिटनिस दीदी की यह जीत विशेष रूप से इस लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि 2018 के विस चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में ठाकुर सुरेंद्र सिंह उर्फ़ शेरा भैया ने भाजपा की कद्दावर नेत्री एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस दीदी को हराकर विधानसभा पहुंचे थे।
बड़ा राजनैतिक परिवर्तन, लेकिन युवा निर्दलीय उम्मीदवार का भविष्य पर प्रश्नचिन्ह?
इस विधान चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की ओर से अधिकृत प्रत्याशी के रूप में श्रीमती अर्चना चिटनिस दीदी को टिकट मिलने से अनेक दावेदारों सहित दिवंगत सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के युवा पुत्र हर्षवर्धन सिंह चौहान और एक ज़माने में उनके विश्वासपात्र रहे पूर्व निगम अध्यक्ष एवं बुरहानपुर विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के टिकट के प्रबल दावेदार मनोज वल्लभ दास तारवाला सहित लगभग 30 बड़े नेताओं और 200 कार्यकर्ताओं ने अपने त्यागपत्र पार्टी आलाकमान सहित भाजपा जिला अध्यक्ष को सौंप थे और हर्षवर्धन सिंह चौहान ने पार्टी के राष्ट्रीय एवं प्रदेश के आला नेताओं की बात ना मानकर बुरहानपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में फॉर्म भरकर अपनी जीत और विधानसभा पहुंचने का दावा किया था। लेकिन बुरहानपुर विधान सभा क्षेत्र का परिणाम सामने आने के बाद और 35,435 वोट हासिल करने के बाद वह तीसरे मक़ाम पर रहे। सियासी पंडितों के मुताबिक़ बुरहानपुर भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी ने अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए जो रणनीति अपनाई थी और अपनी रणनीति के तहत उन्होंने अपने मुक़ाबले में जिन उम्मीदवारों को खड़ा करवाया था, वह मंत्र उनकी ऐतिहासिक जीत में मददगार साबित हुआ। क्योंकि उनको खतरा अपनी पार्टी के बागी उम्मीदवारों से नहीं था। बल्कि उन्हें खतरा अन्य राजनैतिक दल के उम्मीदवारों से था। जिसके तहत बड़े राजनैतिक दलों में बगावत करवा कर अल्पसंख्यक वर्ग को इस बार भी उसी तरह मोहरा बनाया,जिस तरह से पिछले महापौर चुनाव में बनाया गया था।
चुनाव के दौरान भाजपा उम्मीदवार पर सभी राजनैतिक दलों के उम्मीदवारों ने सोशल मीडिया के माध्यम से,समाचार पत्रों के माध्यम से और सार्वजनिक मंच के माध्यम से हमले करके उन्हें डैमेज करने के प्रयास ज़रूर किए, लेकिन पिता की विरासत में मिले सियासत गुण की वजह से इस महिला महारथी ने उनकी तरफ आने वाले सभी वार को कुंद कर दिया। यह भी सच है कि उन्होंने 5 साल तक बहुत सब्र करके और एक जागरूक नेत्री का फ़र्ज़ निभा कर इस क्षेत्र के समग्र विकास के लिए सकारात्मक पहल की, दिल्ली भोपाल गई जिसका नतीजा बुरहानपुर विधानसभा क्षेत्र से ताजपोशी के रूप में जनता ने आशीर्वाद के रुप में दिया जिसमें हर वर्ग, हर समाज के लोगों का विशेष कर मुख्यमंत्री की लाडली बहनों के अलावा युवा मतदाताओं ने उनका भरपूर साथ देकर उन्हें प्रचंड विजय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। इसमें भाजपा के केडर बेस और पार्टी के लिए परदे के पीछे काम करने वाले और अपनी जान निछावर करने वाले कार्यकर्ताओं, आरएसएस के परंपरागत वोटो की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। बुरहानपुर की नव निर्वाचित विधायिका श्रीमती अर्चना चिटनिस दीदी के दिल में बुरहानपुर के विकास के लिए जो ललक और तड़प है, जो सपना है, इस जीत के माध्यम से बुरहानपुर क्षेत्र में राजनैतिक गतिशीलता और विकास को नया आयाम प्राप्त होगा।
शिवराज सरकार की योजना का प्रभाव
भाजपा प्रत्याशी श्रीमती अर्चना चिटनिस दीदी ने अपने प्रचार के लिए गली-गली गांव-गांव घूम कर जनता से आशीर्वाद मांगा। वहीं अनेक मंत्रियों, पूर्व मंत्रियों सहित भाजपा के कद्दावर नेताओं ने भी बुरहानपुर आकर श्रीमती अर्चना चिटनिस दीदी को आशीर्वाद देकर डबल इंजन की सरकार बनाने की अपील की। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि श्रीमती अर्चना चिटनिस दीदी की जीत में शिवराज सरकार की लाडली लक्ष्मी योजना ने मध्य प्रदेश में भाजपा की लहर को मज़बूती प्रदान की। इसका प्रभाव चुनावी परिणामों में साफ़ साफ़ दिखाई दिया। श्रीमती अर्चना चिटनिस दीदी भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की इस योजना से और महिलाओं का साथ मिलने से अपनी नैया को पार लगाने में सफल हुई है। जिसकी स्वीकारोक्ति मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुनाव परिणाम के बाद खुद की है।
सांसद और भाजपा जिला अध्यक्ष का क़द बढ़ा
खंडवा लोकसभा के उपचुनाव में अपनी जीत के माध्यम से लोकसभा पहुंचने वाले सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल उर्फ़ दादा दयालु के प्रयासों से खंडवा जिले में भाजपा को आठ में से 7 सीट मिलने से सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल की सियासी स्थिति जहां मज़बूत हुई है। वहीं भाजपा जिला अध्यक्ष मनोज भीमसेन लधवे की कुशल नेतृत्व एवं चुनावी मैक्रो मैनेजमेंट से नेपा नगर विधानसभा और बुरहानपुर विधानसभा की दोनों सीट भाजपा झोली में आने से श्री लधवे का सियासी क़द भी पार्टी के सामने बढ़ा है। सियासी पंडितों का मानना है कि विस चुनाव क्र.180 से निर्दलीय उम्मीदवार जिसका सियासी कैरियर उरूज पर था उसके द्वारा जल्दबाजी में कुछ लोगों के बहकावे में आकर गलत निर्णय लेने से और पार्टी हाई कमान के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ मैदान में उतरने से उसका सियासी कैरियर अंधकारमय माना जा रहा है।
बुरहानपुर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 180 से किस उम्मीदवार को कितने मत प्राप्त हुए उसकी संक्षिप्त जानकारी
1 अर्चना चिटनिस
भारतीय जनता पार्टी
टोटल 100397 वोट
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2 ठाकुर सुरेंद्र सिंह उर्फ़ शेरा भैया
कांग्रेस पार्टी
टोटल 69226 वोट
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3 हर्षवर्धन सिंह चौहान
निर्दलीय
टोटल 35435 वोट
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4 नफीश मंशा खान
एआईएमआईएम
टोटल 33853 वोट
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5 भैय्या साहेब सुनील नायके
बहुजन समाज पार्टी
टोटल 1378 वोट
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6 दत्तू मेढ़े
आजाद समाज पार्टी
टोटल 841 वोट
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7 मोहम्मद हनीफ शेख रऊफ अधिवक्ता हन्नू दादा
निर्दलीय
टोटल 752 वोट
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8 भूषण नंदकिशोर पाठक
निर्दलीय
टोटल 547 वोट
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9 उमर मेकनिक
जय प्रकाश जनता दल
टोटल 521 वोट
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10 दादा साहेब वामनराव ससाने
बहुजन मुक्ति पार्टी
टोटल 483 वोट
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11 धुवराज देवानंद तायड़े
वंचित बहुजन पार्टी
टोटल 324 वोट
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12 कैलाश वाघे
निर्दलीय
टोटल 252 वोट
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13 भिका पासी
निर्दलीय
टोटल 250 वोट
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14 नोटा इसमें से कोई नहीं
टोटल वोट 2583
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