अबरार अहमद खान, भोपाल, NIT; मध्य प्रदेश के लगभग 200 अध्यापकों ने सोमवार को राजधानी भोपाल के शाहजहानी पार्क में अपनी मांगों को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
अध्यापक संघर्ष समिति के प्रांतीय पदाधिकारी भरत भार्गव ने मीडिया को बताया कि प्रदेश की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार बीते कई वर्षों से अध्यापकों की लंबित मांगों को पूरा नहीं कर रही है। अध्यापकों की मांगें पूरी करने के बजाए शिक्षा के निजीकरण करने की बात कर रही है। अध्यापकों को अभी तक सातवे वेतनमान का लाभ नहीं दिया गया है। अध्यापकों के छठवे वेतनमान में सरकार द्वारा काफी कमियां की गई हैं।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की सत्ता के दौरान प्रदेश बीजेपी के सभी दिग्गज नेता, प्रदर्शन कर रहे अध्यापकों के पास पहुंचकर समस्याओं से अवगत होकर मांगों को पूरा करवाने का आश्वासन देते थे। उस वक्त बीजेपी नेताओं का कहना था कि जब उनकी सरकार बनेगी, तो वह अध्यापकों की सभी मांगों को पूरा करेगी। आज शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में तीन बार सरकार बना चुके हैं और चौथी बार सत्ता में आने का सपना भी देख रहे हैं। लेकिन अध्यापकों की समस्याएं जस की तस हैं।
भरत भार्गव का कहना है कि बीजेपी सरकार ने अपनी तानाशाही दिखाते हुए शाहजहानी पार्क में धरने पर बैठे अध्यापकों को पुलिस से गिरफ्तार करवा दिया लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। भरत भार्गव ने चेतावनी देते हुये कहा है कि अगर इस बार भी शिवराज सरकार ने अध्यापकों की मांगों को नजरअंदाज किया, तो इसका खामियाजा उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा।
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