महामंत्र का श्रवण कैदियों को जेल में कराया गया, पूज्य मुनि ने कहा सोने की तिजोरी में कंकर नहीं रखते | New India Times

रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी/पंकज बडोला, झाबुआ (मप्र), NIT:

महामंत्र का श्रवण कैदियों को जेल में कराया गया, पूज्य मुनि ने कहा सोने की तिजोरी में कंकर नहीं रखते | New India Times

साधना पथ चातुर्मास के अंतर्गत निरंतर जारी प्रवचन माला अंतर्गत प्रन्यास प्रवर पूज्य मुनि भगवंत श्री चंद्रयश विजय जी मा.सा. ने उपस्थित जिला जेल परिसर में 305 कैदियों को सदूपदेश देने के पूर्व नमस्कार महामंत्र का श्रवण करवाया गया।

महामंत्र का श्रवण कैदियों को जेल में कराया गया, पूज्य मुनि ने कहा सोने की तिजोरी में कंकर नहीं रखते | New India Times

इस मंत्र का महत्व दर्शाया गया कैदियों से संवाद किया गया सोने की तिजोरी में कंकर नहीं रखते मेरा निश्चय है अब से अपराध नहीं करना मैंने सब की बुराई करी विश्वास घात किया मैंने अपने को ही चला अपनी ही आग में अपनी अब नहीं जलकर मुझको किसी की हाय नहीं लेकर नहीं मरना
उपस्थित कैदियों से स्वर्ग में जाने की इच्छा रखने वालों को हैंड्स अप करवाया गया।

महामंत्र का श्रवण कैदियों को जेल में कराया गया, पूज्य मुनि ने कहा सोने की तिजोरी में कंकर नहीं रखते | New India Times

सभी ने ऐसी इच्छा व्यक्त की है उपस्थित कैदियों को पाप पुण्य का अंतर समझाया गया भाग्य से अधिक नहीं मिलेगा मानव को तृप्ति होना चाहिए सबको सुखी बोलना है तो श्रेष्ठ कार्य करना होगा।

शरीर, संपत्ति, संसार सभी शराब से नष्ट होते हैं

आपको अच्छा बनने हेतु कड़वी दवाई जैसे प्रवचन प्रदान करना पड़ रहा है। पूर्व जन्म में अच्छे कार्य नहीं करने से वर्तमान में हम उनके दुष्परिणाम का फल भुगत रहे हैं पत्नी को कैंसर बेटा पागल हो गया बेटी को लकवा मार गया व्यक्ति ने उसने पॉकेट मार का धंधा किया जिसके फल स्वरुप मेरे परिवार में सभी सदस्यों को किसी न किसी प्रकार का रोग हुआ पॉकेट मेरी से प्राप्त धन जो कि किसी की बद्दुआ से प्राप्त हुआ उसका परिणाम भुगतना ही पड़ता है।

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एक बाप अपने बेटे को राजनीति का पाठ पढ़ाता है वीडियो से चढ़ने का, सुंदरता मन की नहीं हुई है, भगवान से दूर पार्टी रखो, मां-बाप से दूर ड्यूटी करो, गुरु से दूर हुए, पत्नी से दूर, पुत्र पुत्री से दूर स्वयं को दूर किया, भूख से दूर हुआ, स्वास्थ्य से दूर हुआ।

लोभ ज्यादा प्राप्त करने के लिए किए गए कार्य से बीमारियां प्राप्त होती है

सदविचार, सदकार्य, सद्भावना, यह तीन बातों का पालन करें। अंत में कहा की बेईमानी के पांच भगवान व्यर्थ हैं सूखी रोटी ईमानदारी की चाहिए श्री दुष्यंत कुमार जेलर आदि स्टाफ को श्री सुनील संघवी द्वारा आयोजन हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया जैन समाज की ओर से स्वच्छ जल हेतु किया गया रूप श्री प्रतिष्ठान द्वारा प्रसाद स्वरूप मिठाई वितरित की गई जानकारी अशोक कुमार जैन ने दी।


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By nit

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