कासिम खलील, बुलढाणा (बुलढाणा), NIT;
महाराष्ट्र के बुलढाणा ज़िले के खामगांव स्थित उपज़िला सरकारी अस्पताल के डिलेवरी वार्ड से 5 दिन के शिशु की चोरी हो जाने की घटना विगत 27 सितंबर की रात को सामने आई थी। घटना के बाद पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज करते हुए जांच कार्य को गति देते हुए बड़ी सफलता प्राप्त की है। बुलढाणा पुलिस ने इस घटना में शामिल कुल 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और चोरी गए शिशु को दिल्ली से अपने कब्ज़े में लिये जाने की जानकारी आज बुलढाणा में आयोजित पत्रकार परिषद में एसपी शशि कुमार मीणा ने दी है। इस घटना के पीछे छिपे आरोपियों को पकड़कर शिशु को सही सलामत लाना पुलिस के लिए वाकई में चैलेंजिंग था, जिसकी तरफ पुरे बुलढाणा ज़िले की नज़रें टिकी हुई थी।जब पुलिस ने इस चैलेंज को पूरा किया तो ज़िले की जनता की तरफ से जिला एसपी शशिकुमार मीणा और उनकी टीम का अभिनंदन किया जा रहा है।मामला इस प्रकार था कि बुलढाणा ज़िले के ग्राम वड़नेर भोलजी निवासी अतीक खान अनवर खान की पत्नी सुमय्या परवीन को प्रसूति के लिए खामगांव के सरकारी अस्पताल में 23 सितंबर को एडमिट किया गया था जहां उन्होंने एक लड़के को जन्म दिया। 27 सितंबर की रात में एक बुरखाधारी महिला डिलेवरी वार्ड में दाखिल हो कर सुमैया के पुत्र को एक बड़ी थैली में डाल कर फरार हो जाती है। जिसके बाद पुरे ज़िले में इस घटना से खलबली मच जाती है। यह वारदात अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरे में क़ैद होने के बाद पुलिस थाने में अपराध दर्ज कर एसपी मीणा के मार्गदर्शन में एलसीबी प्रमुख प्रताप शिकारे 3 टीम बनाकर घटना की खोजबीन शुरू करते है। पुलिस तंत्रज्ञान के माध्यम से सबसे पहले उस इंडिगो कार का नम्बर निकालती है जिसमें सवार हो कर आरोपी 5 दिन के शिशु को लेकर फरार हुए थे। वाहन की जानकारी मिलने के बाद एपीआई मनोज केदारे अपने दल के साथ औरंगाबाद के नए बायजी पुरा में पहुंचते हैं और वहां से वाहन चालक राजे जहांगीर खान (40) तथा वाहन किराए से करके देने वाले इरफान खान बशीर खान (28) को हिरासत में लेते हैं। इनसे कड़ी पूछताछ के बाद यह स्पष्ट हो जाता है कि यही लोग इस घटना को अंजाम देने में शामिल थे। तत्पश्चात वाहन चालक को गिरफ्तार किए जाने की जानकारी मुख्य आरोपी मोहसिन और उसकी पत्नी को मिलते ही यह दोनों मुंबई की दिशा में फरार हो जाते हैं। इस बीच पुलिस को यह खबर मिलती है कि चुराया गए शिशु को दिल्ली पहुंचा दिया गया है। इसी दौरान तंत्र ज्ञान का उपयोग करते हुए पीएसआई दिनकर गोरे की टीम मुख्य आरोपी मोहसिन हुसैन खान (21) निवासी सिल्लोड तथा उसकी पत्नी प्रीति दाविद गायकवाड निवासी खामगांव को पुणे के पास के दौंड से हिरासत में लेते हैं। अपहरण किए गए बालक को दो महिला दिल्ली ले गए हैं इस बात की पुष्टि होने के बाद एसपी मीना के आदेश पर पीड़ित मां सुमैया बी और पिता अतीक खान को तत्काल हवाई जहाज के जरिए दिल्ली ले जाया जाता है जहां एपीआई मनोज केदारे दिल्ली पुलिस की मदद से दिल्ली के वजीराबाद पहुंचते और वहां सेअपह्रत शिशु के साथ आरोपी महिला मलिका बेगम हिम्मत खान पठान निवासी बाजार सावंगी जिला औरंगाबाद तथा फिरदौस असलम आसमानी गल्ली नं-9, वजीराबाद, दिल्ली को शिशु के साथ गिरफ्तार कर लेते हैं। फिल्हाल दिल्ली में कानूनी प्रक्रिया के बाद कल शाम तक शिशु और उसके माता-पिता और दोनों महिला आरोपियों को लेकर पुलिस वापस खामगाव पहुंच जाने की जानकारी एसपी मीणा ने दी है।निसंतान है आरोपी फ़िरदौस
किसी की कोख उजाड़कर अपनी कोख आबाद करना उचित नहीं लगता है। कुछ ऐसा ही मामला इस घटना में सामने आ रहा है। खामगांव के अस्पताल से सुमैया के 5 दिन के पुत्र को चुराया गया और यह पुत्र दिल्ली की फिरदौस को सौंपा गया। पता चला है कि फिरदौस औरंगाबाद जिले की रहने वाली है जो दिल्ली में रहते हैं। बच्चा नहीं होने के कारण अपनी कोख आबाद करने के उद्देश्य से फिरदौस और उसकी मां मलिका बेगम ने संयुक्त रुप से एक साजिश रच कर खामगांव के अस्पताल में चोरी की इस घटना को अंजाम देने लगाया था।
जांच में सच्चाई पता चलेगी
क्या ये बालक को चुरा कर बेचने का मामला है? जब यह प्रश्न एसपी मीणा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सब से पहले हमारा प्रयास यह था कि बालक को खोज कर सुरक्षित रूप से अपने ताबे में लिया जाए और इस प्रयास में हम सफल हो गए हैं। फिल्हाल चार आरोपी हमारे पास हैं और दो आरोपी दिल्ली में हैं। सभी आरोपियों के आने के बाद सबसे अलग अलग पूछताछ की जाएगी जिसमें पूरी सच्चाई हमें पता चल जाएगी।
इन अधिकारी-कर्मियों का रहा योगदान
एसपी शशि कुमार मीणा ने चोरी हुए बालक को किसी भी कीमत पर सुरक्षित वापस लाने का निर्देश देते हुए अलग-अलग टीमों को काम पर लगा था। इस ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए पीआई प्रताप शिकारे, पीआई यु.के.जाधव, एपीआई मनोज केदारे, पीएसआई दिनकर गोरे, पीएसआई इमरान इनामदार, केशव अक्तुरकर, विकास खांझोड़े, केशव नागरे, ज्ञानेश नागरे, सैय्यद हारुन, अताउल्लाह खान, नंदकिशोर धांडे, दीपक पवार, रघुनाथ जाधव, पंकज मेहर, अमोल तरमले, योगेश सरोदे, अमोल अंभोरे, परवीन पडोल, संदीप मोरे, गजानन शेलके, विजय मुंडे, जितेश हिवाले तथा प्रियंका राठोड़ का विशेष योगदान रहा है।
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