रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी/पंकज बडोला, इंदौर (मप्र), NIT:
बुरहानपुर में देशव्यापी रेल हड़ताल के संबंध में रेलवे कर्मचारियों के विचार लेने के लिए नेशनल रेलवे मजदूर यूनियन द्वारा मंगलवार को बुरहानपुर रेलवे स्टेशन पर मतदान कराया गया।
11 स्टेशनों के 750 कर्मचारियों को मतदान में शामिल होने का मौका मिला दो दिनों तक चलने वाली मतदान प्रक्रिया में रेलवे कर्मचारियों ने वैलेट पेपर से अपने विचार मतपेटी में डालें कितने हड़ताल के पक्ष या विपक्ष में हैं, इसका पता मतगणना के बाद होगा।
अगर हड़ताल के लिए कर्मचारियों का समर्थन मिलेगा तो जनवरी में रेलवे के पहिए थम जाएंगे।
एनआरएमयू यूनियन मध्य रेलवे भुसावल मंडल अध्यक्ष पुष्पेंद्र कापड़े ने बताया की भारत सरकार से पुरानी पेंशन की बहाली एवं नई पेंशन का विरोध करने के साथ वर्षों से लंबित अन्य मांगों को लेकर आंदोलन चल रहा है।
इसी के तहत अब जनवरी में पूरे देश में रेलवे की हड़ताल होने की संभावना है।
हड़ताल के समर्थन में रेलवे कर्मचारियों का अभिमत जानने के लिए देशभर के रेलवे स्टेशनों पर मतदान की प्रक्रिया की जा रही है।
मतपत्र में हड़ताल का समर्थन या विरोध दोनों में से एक का चयन कर मतदान करना होगा।
रेलवे के 12 लाख 60 हजार कर्मचारी प्रतिदिन काम करते हैं।
देशभर में 7 हजार 516 रेलवे स्टेशन हैं।
2 हजार 110 ट्रेनें प्रतिदिन चलती हैं।
1 लाख 25 हजार किमी का रेलवे ट्रेक बिछा है।
प्रतिदिन 3 करोड़ 80 लाख यात्री सफर करते हैं।
रेलवे के 12 लाख 60 हजार कर्मचारी प्रतिदिन काम करते हैं।
हड़ताल से देशभर में ट्रेन की यात्राएं प्रभावित होंगी।
8 मई 1974 में पहली देशभर में रेलवे की सबसे बड़ी हड़ताल जॉर्ज फर्नांडीस के नेतृत्व में की गई थी।
देशभर में एक साथ ट्रेनों के पहिए थम गए थे।
7 साल पूर्व हड़ताल को टाल दिया गया था, रेलवे कर्मचारी अब फिर से हड़ताल का मन बना रहे हैं।
आज भी फील्ड के कर्मचारियों से मतदान कराया गया।
मध्य रेलवे के बुरहानपुर स्टेशन शाखा में 11 स्टेशनों पर पदस्थ 750 कर्मचारी ने मतदान में भाग लिया।
इसलिए मतदान के लिए बॉक्स बनाए गए थे।
इनमें धुसखेडा, सावदा, निंभोरा, रावेर, वाघोड़ा, बुरहानपुर, असीरगढ़, चांदनी, नेपानगर और मांडवा स्टेशन के कर्मचारी शामिल है।
21 को सभी स्टेशनों पर मतदान हुआ।
जबकि कल 22 नवंबर जो कर्मचारी फील्ड में काम करते हैं उनके पास जाकर मतदान कराया जाएगा।
कर्मचारियों के मतदान की रिपोर्ट सरकार को देंगे अगर फिर भी मांगे नहीं मानी गई तो हड़ताल होगी।
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