अशफ़ाक़ क़ायमख़ानी, ब्यूरो चीफ, जयपुर (राजस्थान), NIT:
राजस्थान में पहली बार बुजुर्गों और दिव्यांगो के लिए शुरू की होम वोटिंग की सुविधा 15 नवंबर से शुरू होगी। दो चरणों में चलने वाली इस प्रक्रिया को 7 दिन में पूरा किया जाएगा। इस प्रक्रिया में पोलिंग पार्टियां घर-घर जाकर 80 साल या उससे ज्यादा उम्र के बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं से बैलेट पेपर के जरिए वोट डलवाएगी। हालांकि वोट वही मतदाता डाल सकेंगे, जिसने 20 अक्टूबर से 4 नवंबर के बीच चुनाव आयोग को फार्म 12-डी भरकर दिए थे।
दरअसल, केन्द्रीय निर्वाचन आयोग ने वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने और बुजुर्ग, दिव्यांगों की समस्या को देखते हुए होम वोटिंग की सुविधा शुरू की गई है। इसके लिए 20 अक्टूबर से 4 नवंबर तक घर-घर 12-डी फार्म बांटकर भरवाए गए। इनमें से जिन वोटर्स से 12-डी फार्म भरकर दिए हैं। उनकी संख्या पूरे प्रदेश में करीब 64 हजार 700 है।
जयपुर जिले की स्थिति देखें तो 19 विधानसभा क्षेत्रों में 902 दिव्यांग वोटर्स ने 12-डी फॉर्म भरकर होम वोटिंग की सुविधा लेने की इच्छा जताई है। जबकि 6328 बुजुर्ग वोटर्स ने होम वोटिंग का विकल्प चुना है। वोटिंग के लिए ध्यान रखने वाली बात ये है कि टीम निर्धारित समय में सिर्फ दो दिन ही घर आएगी। अगर आप नहीं मिलते तो वोट निरस्त कर दिया जाएगा।
राजस्थान में 17.32 लाख वोटर्स निर्वाचन आयोग राजस्थान के मुताबिक पूरे प्रदेश में 80 प्लस उम्र और दिव्यांग (40 फीसदी से ज्यादा) वोटर्स की संख्या 17 लाख 32 हजार 391 के करीब है। इसमें 11 लाख 72 हजार वोटर्स बुजुर्ग है, जबकि 5 लाख 60 हजार 384 दिव्यांग।
15 से 21 नवंबर तक डाले जाएंगे। वोट पोलिंग पार्टियां पहले चरण में 15 से 19 नवंबर तक इन मतदाताओं के घर जाएंगी वहां उनको बैलेट पेपर देकर वोट डलवाएगी। वोट डालने के बाद मौके पर ही बैलेट पेपर मतपेटी में डाले जाएंगे, इस दौरान पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करवाई जाएगी। अगर पहले चरण में कोई वोटर घर पर नहीं मिलता है तो उसके यहां दूसरा राउंड में टीम 20 से 21 नवंबर तक जाएगी।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.