संदीप शुक्ला, ग्वालियर ( मप्र ), NIT; राज्य शासन ने स्वाइन फ्लू , मलेरिया, डेंगू तथा चिकनगुनिया के प्रभावी इलाज के लिये 8 और अस्पताल को चिन्हित किया गया है। इसके तहत होशंगाबाद में एक, ग्वालियर में 3, सागर में 3 तथा बड़वानी में एक अस्पताल को चिन्हित किया गया है। इस तरह प्रदेश में अब चिन्हित अस्पतालों की संख्या 73 हो गई है। यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग की दैनिक समीक्षा में दी गई।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा एच1 एन1 संक्रमण, मलेरिया, डेंगू एवं चिकनगुनिया की प्रभावी रोकथाम के लिये चिन्हित अस्पतालों में भोपाल जिले के ए.के. अस्पताल, अग्रवाल, अक्षय, अराधना, बंसल, भोपाल केयर, चिरायु, सिटी अस्पताल, सी.एम.सी.एच. मेडिकल कॉलेज, हजेला अस्पताल, जे.के. अस्पताल मेडिकल कॉलेज, लाहोटी अस्पताल, एल.बी.एस., मिरेकल, नर्मदा, नेशनल, पालीवाल, पारूल, पी.सी.एम.एस. अस्पताल मेडिकल कॉलेज, पीपुल्स, रेनबो, रेडक्रास, शारदा अस्पताल, सिल्वर लाइन अस्पताल, तृप्ति अस्पताल, इंदौर जिले में एस.ए.आई.एम.एस. अस्पताल, बॉम्बे अस्पताल, सी.एच.एल. अस्पताल, विशेष, अपोलो अस्पताल, भण्डारी, अरिहंत, गोकुलदास, इण्डेक्स, लाइफ केयर, ग्लोबस, सुयश, मेदांता, मयूर, अपील, चोइथराम, ग्रेटर कैलाश, सिनर्जी, हुकुमचंद, उज्जैन जिले में आर.डी.गार्डी मेडिकल कॉलेज, जी.डी. बिरला अस्पताल, संजीवनी, पाटीदार, सी.एच.एल., एस.एस. अस्पताल शामिल हैं। होशंगाबाद जिले में चिकनगुनिया की रोकथाम के लिये न्यू पाण्डे अस्पताल, केशव अस्पताल, नर्मदा अपना अस्पताल, सेंट जोसफ, मलावी अस्पताल को चिन्हित किया गया है। जबलपुर में जबलपुर रिसर्च अस्पताल, सिटी अस्पताल, नेशनल अस्पताल, महाकौशल और मेट्रो अस्पताल, ग्वालियर में बिरला अस्पताल, एस.आई.एम.एस. मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल, कल्याण मेमोरियल एण्ड के.डी.जी. अस्पताल और माहेश्वरी नर्सिंग होम शामिल हैं। इसी प्रकार बैतूल जिले में संजीवनी, पाढर तथा राठी अस्पताल, रीवा में विंध्या तथा चिरायु अस्पताल, सागर में सागरश्री, भाग्योदय तथा चेटने अस्पताल, बड़वानी में सत्य सांई अस्पताल को एच-1 एन-1 सीजनल इन्फ्लुएंजा की रोकथाम के लिये चिन्हित किया गया है।
स्वाइन फ्लू के लक्षण
मरीज में स्वाइन फ्लू के लक्षण की पहचान प्रारंभिक अवस्था में ही कर ली जाये एवं उपचार प्रारंभ कर दिया जाए तो मरीज को बचाया जा सकता है। एच-1 एन-1 के प्रारंभिक लक्षण जैसे सर्दी-जुकाम, खाँसी, गले में खराश, सिर दर्द, बुखार के साथ यदि साँस लेने में तकलीफ हो, तो इसे नजरअंदाज न करें, तत्काल अस्पताल जाकर तुरंत अपनी जाँच करायें। एच-1 एन-1 संक्रमण पॉजिटिव पाये जाने पर पूर्ण उपचार लें। स्वाइन फ्लू संक्रमण से बचाव ही उपचार है। सावधानी बरतकर संक्रमण से बचा जा सकता है।
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