नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
मराठा समाज को ओबीसी के भीतर सामाजिक आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए इस मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे मनोज जरांगे द्वारा राज्य सरकार को दो महीने की मोहलत दिए जाने के बाद दूसरे दिन जलगांव जिले में सकल मराठा समाज की ओर से बंद की अपील कि गई। जरांगे ने कहा है कि सरकार को दिए इन दो महीनों में पूरे प्रदेश में मराठा समाज की ओर से श्रुखलाबद्ध धरना आंदोलन जारी रहेगा। इसी कड़ी में आयोजित बंद में जलगांव जिले के सभी पंधरा तहसीलों मे तमाम शॉपिंग मॉल और छोटे मोटे दुकान पूरी तरह से बंद रहे। व्यापारियों ने इस बंद को दिल से समर्थन जाहिर किया।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा असंवैधानिक करार दी जा चुकी सूबे की शिंदे – फडणवीस सरकार में शामिल जलगांव के तीनों मंत्रियो के गृह निर्वाचन शहरों में बंद का व्यापक रूप से असर देखा गया। मंत्री गिरिश महाजन का निवासी शहर जामनेर तीन नवंबर की सुबह खुला हि नहीं। जामनेर के तीन दशक के राजनीतिक इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी गैर राजनीतिक आंदोलन के समर्थन मे व्यापारीयो ने स्वयंस्फूर्ती से अपने व्यवहार और दुकाने बंद रखी। वैसे जामनेर के अतीत मे बंद से जुड़ी कई यादें ऐसी है जिसमें पेट्रोल डीजल के दाम हो या घरेलू गैस की दर वृद्धि केंद्र की कांग्रेस सरकार के खिलाफ़ भाजपा की अपील पर आम लोग और छोटे बड़े व्यापारियो द्वारा एक किस्म की असहजता और भय के साए में मार्केट बंद रखा जाता था। भाजपा के सत्ता में आने के बाद कांग्रेस NCP बंद और उससे संबंधित मुहिम में कभी भी अपनी मौजूदगी दर्ज नहीं करा सके।
आयुष्मान के लिए 2011 का डेटा:- आयुष्मान योजना को लेकर NIT ने अब तक दो रिपोर्ट की जिसमें हमने आम जनता को बताया कि आयुष्मान कार्ड और राशन वितरण का कोई संबंध नहीं है। कार्ड के विषय में एक स्वास्थ कर्मी ने बताया कि 2011 में जो जनगणना हुई थी उसमें जो लोग गरीबी रेखा के नीचे थे केंद्र सरकार उन्हीं लोगों के परिवार को आयुष्मान का लाभ देने के लिए कार्ड बनवाने की सख्ती कर रही है। आंकड़ों के मुताबिक उस समय देश में कुछ 20 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे थे आज 80 करोड़ नागरिक मुफ़्त के राशन पर निर्भर है। खैर लोग मांग कर रहे हैं कि राजस्व प्रशासन की ओर से मुफ़्त में आयुष्मान कार्ड बनाकर दिए जाए।
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