अरशद आब्दी, ब्यूरो चीफ, झांसी (यूपी), NIT:
मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से समस्त मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ साप्ताहिक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि जिन जनपदों में वायु गुणवत्ता की स्थिति खराब है, वहां प्रभावी कदम उठाये जायें। संवेदनशील जनपदों में विशेष रूप से सतर्कता बरती जाये। वायु प्रदूषण के नियंत्रण और वायु गुणवत्ता के सुधार के लिये कार्ययोजना बनाकर उसे अमल में लाया जाये। वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिये उपलब्ध संसाधनों यथा एयर स्मोग गन, वाटर स्प्रिंकलर आदि का उपयोग के साथ इनफोर्समेंट की भी कार्यवाही करें। बेहतर उपायों को अधिकारी आपस में साझा करें। इसी प्रकार फसल अवशेष जलाने से रोकने के लिये जनपदों में अपेक्षित कार्यवाही सतत रूप से जारी रहे हैं। पराली प्रबंधन के लिये जिन एफपीओ को सब्सिडी पर कृषि यंत्रों की खरीद की स्वीकृति प्रदान की गई है, उनका क्रय समय से हो जाये और कृषि यंत्रों का अधिक से अधिक उपयोग हो।
उन्होंने कहा कि निराश्रित गोवंश संरक्षण के लिये दिनांक 01 नवम्बर, 2023 से 31 दिसम्बर, 2023 तक दो माह का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के पश्चात एक भी निराश्रित गोवंश सड़क पर नहीं दिखना चाहिये। इसके लिये नगरीय क्षेत्र में अपर नगर आयुक्त अथवा अधिशासी अधिकारी तथा ग्रामीण क्षेत्र में एसडीएम को नोडल अधिकारी नामित किया जाये। सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाये। मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारी कार्यालय में कण्ट्रोल रूम स्थापित किया जाये।
उन्होंने कहा कि अभियान की मण्डलायुक्त, जिलाधिकारी एवं सीडीओ द्वारा सघन समीक्षा की जाये। हॉट स्पॉट का चिन्हांकन कर योजना बनायें। तहसील स्तर पर कैटेल कैचर की उपलब्धता 07 दिन में सुनिश्चित करायें। साथ ही, अस्थाई गौ आश्रय स्थलों के निर्माण तथा गौ आश्रय स्थलों के विस्तारीकरण के कार्य में भी तेजी लायी जाये। शासन के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा आगामी 07 से 09 नवम्बर तक भ्रमण कर अभियान की प्रगति समीक्षा की जायेगी। गोबर पेंट का उपयोग शासकीय भवनों की रंगाई-पुताई में किया जाये।
पीएम विश्वकर्मा योजना की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि योजना में पंजीकरण के सापेक्ष वेरीफिकेशन के कार्य में भी तेजी लाने की जरूरत है। योजना के लाभार्थियों को प्रशिक्षण के साथ आवश्यक टूल किट क्रय करने के लिये 15,000 रुपये का ई-वाउचर प्रदान किया जायेगा और उन्हें सब्सिडाइज ऋण की भी सुविधा मिलेगी। सभी 18 ट्रेड के समुदायों तक इसकी जानकारी पहुंचाने के लिये योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाये। पंचायत सहायकों के द्वारा इसकी जानकारी सम्बन्धित समुदायों तक पहुंचायी जाये। बैठक में बताया गया कि सभी ट्रेड में करीब 76 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनके सत्यापन की कार्यवाही गतिमान है।
उन्होंने सभी मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को हॉट कुक्ड मील योजना की विस्तृत जानकारी देते हुये कहा कि योजनान्तर्गत सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 03-06 वर्ष के बच्चों को गर्म पका हुआ भोजन उपलब्ध कराया जाये। जिलाधिकारियों द्वारा सभी सहयोगी विभागों के साथ बैठक कर सभी आवश्यक व्यवस्थायें जल्द सुनिश्चित करा ली जाये। को-लोकेटेड (200 मीटर परिधि के अन्दर) आंगनबाड़ी केन्द्रों का चिन्हांकन कर उनकी सम्बद्धता से सम्बन्धित कार्य आगामी 10 नवम्बर तक पूर्ण कर लिया जाये। नॉन को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण 2.0 की गाइडलाइन के अनुसार भोजन पकाने व परोसने का कार्य आंगनवाड़ी सहायिका द्वारा किया जायेगा, इसके लिये आवश्यक खाद्यान्न, उपकरण व बरतन आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करा ली जाये।
उन्होंने कहा कि मा0 मंत्रिपरिषद द्वारा उज्ज्वला योजना की महिला लाभार्थियों को दीपावली व होली से पूर्व एक-एक निःशुल्क सिलेण्डर देने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में लगभग 1 करोड़ 75 लाख लाभार्थियों में से 54 लाख लाभार्थियों का डाटा आधार सत्यापित है। प्रचार-प्रसार कर अवशेष लाभार्थियों का भी आधार सत्यापन कराया जाये। गैस एजेन्सी में किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो, इसके लिये समुचित प्रबंध किये जायें। आधार सत्यापन के क्रम में राशि उनके आधार प्रमाणित बैंक खाते में भेज दी जायेगी।
उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि सरकारी कार्मिकों के रिटायर होने पर उनके सभी सेवानिवृत्तिक लाभ जैसे पेंशन, ग्रेच्युटी, अवकाश नगदीकरण सुविधा आदि देयों का भुगतान हो जाये, साथ ही रिटायर होने वाले दिन उनके सम्मान में विदाई समारोह भी आयोजित किया जाये। इस मौके पर उन्होंने राजस्व वादों के निस्तारण की स्थिति की सघन समीक्षा की और अधिकतम निस्तारण वाले जनपदों को प्रोत्साहित किया और खराब निस्तारण वाले जनपदों को प्रगति लाने के निर्देश दिये। बैठक में बताया गया कि 45 दिन में करीब 7.5 लाख राजस्व वादों का निस्तारण किया गया है। सर्वाधिक वादों का निस्तारण लखनऊ, बलिया, प्रयागराज, गोरखपुर व गोंडा में हुआ है। इसी प्रकार 45 दिनों में पैमाईश के 47,115 प्रकरण, नामान्तरण के 4,79,238, कुर्रा-बटवारा के 22,680 प्रकरणों का निस्तारण किया गया है।
उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिये जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक प्रत्येक माह आयोजित होनी चाहिये। बैठकों की समीक्षा के लिये परिवहन विभाग द्वारा पोर्टल तैयार कराया जाये। शीत ऋतु में स्माग, कोहरे के दृष्टिगत व्यावसाियक वाहनों में रेट्रो रेफ्लेक्टिव टेप लगवाये जायें। जिला स्कूल वाहन परिवहन सुरक्षा समिति की वर्ष में दो बार अनिवार्य रूप से बैठक करायी जाये। स्कूल वाहन चालकों का पुलिस विभाग तथा स्कूली वाहनों का परिवहन विभाग द्वारा शत-प्रतिशत सत्यापन कराया जाये। स्कूल वाहन चालकों व व्यावसायिक वाहन चालकों का समय-समय पर नेत्र एवं स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाये।
इससे पूर्व, जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर ने इंडस्ट्रियल पॉल्यूशन का प्रबंधन विषय पर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने जल एवं वायू प्रदूषण रोकने के लिये किये जा रहे प्रयासों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि नालों में प्रवाहित करने से पहले औद्योगिक अपशिष्ट उपचार पर ध्यान देने से जल प्रदूषण में उल्लेखनीय कमी आयी है। 52 प्रमुख वायु एवं जल प्रदूषणकारी उद्योगों की पहचान की गई। 39 इकाइयों में ईधन अनुभाग और ईटीपी पर लाइव कैमरे से निगरानी के लिये डीएम कंट्रोल रूम को लाइव फीड के साथ उद्योगों में 24ग्7 सीसीटीवी मॉनीटरिंग सिस्टम स्थापित कराया गया। अन्य 16 इकाइयों को आईपी आधारित सीसीटीवी की स्थापना के लिये नोटिस जारी किया गया है। बार-बार चूक करने वाली इकाइयों के विरुद्ध प्रवर्तन व दण्डात्मक कार्रवाई की गई है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव पशुधन श्री रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव एमएसएमई श्री अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव नियोजन श्री आलोक कुमार, आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद श्रीमती मनीषा त्रिघाटिया, सचिव कृषि श्री राज शेखर सहित एनआईसी में मंडलायुक्त आयुक्त डॉ आदर्श सिंह, जिलाधिकारी श्री अविनाश कुमार, मुख्य विकास अधिकारी श्री जुनैद अहमद एवं वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित रहे।
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