रेल्वे आरपीएफ को मिली बड़ी कामयाबी, 1984 से स्थाई वारंटी को टीम गठित करके दी दबिश, स्थाई वारंटीयों की दबिश रहेगी जारी | New India Times

मो. मुजम्मिल, जुन्नारदेव/छिंदवाड़ा (मप्र), NIT:

रेल्वे आरपीएफ को मिली बड़ी कामयाबी, 1984 से स्थाई वारंटी को टीम गठित करके दी दबिश, स्थाई वारंटीयों की दबिश रहेगी जारी | New India Times

रेल्वे आरपीएफ ने तकरीबन 1000 किलोमीटर दूर जाकर उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से स्थाई वारंटी को खोज निकाला। आरोपी वृद्धावस्था में आ गया है उसे ढुंढ लिया। रेलवे आरपीएफ थाना प्रभारी बलवीर सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि चोरी के मामले में स्थाई वारंटी को खोजने हेतु दो टीम गठित कर ठिकाने पर दबिश दी गई। जिसमें परासिया के चांदामेटा से राकेश उर्फ बाबा वल्द कलीराम (28) का वारंट 2008 और 1984 से फरारी काट रहे। जमील अहमद निवासी परासिया जिसकी फौत हो गई व एक अन्य यूपी मैनपुरी से श्याम बाबू की पतासाजी की गई। एक आरोपी राकेश उर्फ बाबा नाम बदलकर कभी इंदौर भोपाल और मंडीदीप में रहकर समय काट रहा था लेकिन अपराधिक मामले को समाप्त करने न्यायालय के समक्ष पेश नहीं हुआ। लंबित मामलों की फाईलें देखकर रेलवे आरपीएफ ने विभागीय पत्र लिखकर जानकारी जुटाई है और स्थाई वारंटियों को ढुंढ निकाला और जेल भेज दिया। रेल्वे आरपीएफ टीम में थाना प्रभारी बलवीर सिंह, एएसआई एचपी गोटेफोडे ओपी मिश्रा और आरक्षक गण की महत्वपूर्ण भूमिका रही।


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