एमआईएम के हुए नफीस मंशा खान, औरंगाबाद सांसद एवं मध्य प्रदेश प्रभारी इम्तियाज जलील ने घोषित किया एमआईएम उम्मीदवार | New India Times

मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

एमआईएम के हुए नफीस मंशा खान, औरंगाबाद सांसद एवं मध्य प्रदेश प्रभारी इम्तियाज जलील ने घोषित किया एमआईएम उम्मीदवार | New India Times

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी दिल्ली की ओर से बुरहानपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के तौर पर बुरहानपुर के निर्दलीय विधायक ठाकुर सुरेंद्र सिंह उर्फ़ शेरा भैया के नाम की घोषणा होने के साथ दो अलग अलग दिशाओं के कुछ शीर्ष कांग्रेस नेताओं के मिलन के फलस्वरूप ऐसे सियासी रहनुमाओं के नेतृत्व में कुछ दिनों से जो सियासी मंज़र नामा बुरहानपुर में चल रहा था, और कांग्रेस उम्मीदवार बदलने की मांग को लेकर कांग्रेस के 23 पार्षदों ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने त्यागपत्र प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नाम प्रेषित करने के साथ-साथ इस प्रतिनिधिमंडल ने स्टेट कांग्रेस कमेटी भोपाल के दफ्तर में जाकर कांग्रेस के जिम्मेदारों को उम्मीदवार बदलने का आगाह किया था।

एमआईएम के हुए नफीस मंशा खान, औरंगाबाद सांसद एवं मध्य प्रदेश प्रभारी इम्तियाज जलील ने घोषित किया एमआईएम उम्मीदवार | New India Times

लेकिन वहां सुनवाई ना होने के नतीजे में बुरहानपुर आने के बाद निष्ठावान कांग्रेसी ग्रुप का गठन किया गया और माइनॉरिटी कैंडिडेट के रूप में किसी एक मुस्लिम कैंडिडेट को बुरहानपुर विधानसभा क्षेत्र से उतारने की रणनीति पर विचार विमर्श किया गया जिसमें एडवोकेट उबैद शेख़, डॉक्टर फरीद क़ाज़ी नफीस मंशा खान का नाम सामने आया था। इस सिलसिले में कांग्रेस पार्षद एवं वरिष्ठ अधिवक्ता उबेद एम शेख ने इस प्रतिनिधि से बातचीत में बताया कि सियासी मंज़र नामे में वह शामिल थे, लेकिन उनकी उम्मीदवारी का नाम आने पर उन्होंने साफ इनकार कर दिया था। अन्य नाम पर हुए विचार विमर्श में और सोशल मीडिया के माध्यम से पब्लिक का अधिकतर रुझान नफीस मंशा खान की तरफ था। फाईनली, आज इस सियासी मंज़र नामे का पटाक्षेप हो गया है। जिन सियासी रहनुमाओं ने यह सियासी शिगूफा छोड़ा था, वे आज भी सियासी तौर पर महफूज है लेकिन जिन लोगों ने निष्ठावान कांग्रेस ग्रुप के नाम मिल्लत जगाने के इस सियासी जुनून को गले लगाया, उसमें कौन-कौन सियासी चेहरे शामिल हैं और किन-किन लोगों ने एमआईएम सांसद एवं मध्य प्रदेश के प्रभारी इम्तियाज जलील के निवास पर महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर जाकर भेंट की, वह सब सियासी मंज़र नामे पर पूरी तरह स्पष्ट होकर बुरहानपुर की सियासी तारीख का हिस्सा बन गया है।

अपने सियासी मकसद को हासिल करने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नफीस मंशा खान ने कांग्रेस को अलविदा कहकर एमआईएम का दामन थाम लिया है और एमआईएम नेता एवं औरंगाबाद सांसद इम्तियाज़ जलील ने नफीस मंशा खान के हमराह औरंगावाद गए बुरहानपुर एमआईएम जिला अध्यक्ष एडवोकेट जहीरूद्दीन शेख और एमआईएम की मध्य प्रदेश कोर कमेटी के सीनियर मेंबर वरिष्ठ अधिवक्ता सोहेल हाशमी सहित बुरहानपुर की टीम के साथियों की मौजूदगी में और एमआईएम की लोकल बॉडी की सिफारिश पर नफीस मंशा खान के नाम का बुरहानपुर विधानसभा क्षेत्र से एमआईएम प्रत्याशी के रूप में ऐलान करते हुए उन्हें ए और भी फॉर्म सौंपा। देर रात बुरहानपुर पहुंचने पर एम आई एम के समस्त पदाधिकारीगण सहित बुरहानपुर प्रत्याशी नफीस मंशा खान का बुरहानपुर की जनता की ओर से शानदार और जानदार स्वागत किया गया जिससे यह प्रतीत हो रहा था कि नफीस मंशा खान बुरहानपुर का सियासी मंज़र नामा बदल सकते हैं। नफीस मंशा खान के सियासी मैदान में आने से चतुष्कोणीय मुकाबला होने की संभावना बढ़ गई है। दिवंगत सांसद स्वर्गीय नंदकुमार सिंह चौहान की सुपुत्र हर्षवर्धन सिंह चौहान नामांकन वापस लेते हैं अथवा चुनाव लड़ते हैं। नामांकन वापसी के बाद ही राजनैतिक परिदृश्य स्पष्ट हो पाएगा। और अगर मिल्लत जाग गई तो 2003 का इतिहास भी दोहराया जा सकता है। सारे राज़ समय के गर्भ में छुपे हुए हैं। जिन पर से पर्दा उठना बाकी है।


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