नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
केंद्र सरकार की ओर से गरीब परिवारों को पांच लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज़ मुहैया कराने वाली आयुष्मान भारत योजना मे पंजीकरण कराना सरकार ने अनिवार्य सा कर दिया है। आयुष्मान के कार्ड नहीं बनवाए तो आप जनता का राशन बंद किया जा सकता है इस प्रकार की खबरों को प्रशासन के हवाले से अखबारों मे छापकर लोगों को खुलेआम धमकी दी जा रही है। मंत्री गिरीश महाजन के गृह निर्वाचन जामनेर से TMO राजेश सोनवने ने सोशल मीडिया पर एक प्रेस रिलीज जारी की जिसमें कहा गया है कि ब्लॉक में 1 लाख 26 हजार 355 नागरिक आयुष्मान कार्ड के लिए पात्र हैं बावजूद 35 हजार ने कार्ड बनवाया, 91 हजार ने कार्ड नहीं बनवाए हैं।
9 नवंबर 2023 तक यह लोग कार्ड बनवा ले अन्यथा उनको सरकार की ओर से दिए जाने वाले राशन वितरण में दिक्कते आ सकती है कि नया ऐप आ रहा है। पूरे जलगांव जिले में इस प्रकार की प्रेस रिलीज जारी कि जा रही है। करोना के बाद विकास के हर मोर्चे पर विफल हो चुकी मोदी सरकार द्वारा मनमोहन सिंह की सरकार में बनाए गए अन्न सुरक्षा कानून के तहत देश के 80 करोड़ लोगों को राशन दिया जा रहा है। सवाल उठ रहा है कि क्या मोदी सरकार अन्न सुरक्षा कानून को चुनौती दे रही है ? इसी कानून के तहत लाभ धारक को राशन देना सरकार का संवैधानिक दायित्व है ना कि सरकार का जनता पर किया जा रहा कोई उपकार। 2014 से अब तक नोटबंदी, आधार + पैन कार्ड = केवाईसी जैसे महंगे ऑनलाइन बैंकिंग सिस्टम से जनता को प्रताड़ित करने वाली मोदी सरकार आयुष्मान भारत योजना में हुए भ्रष्टाचार पर चुप है। विदित हो कि Comptroller and Auditor General of India ( CAG ) की रिपोर्ट ने आयुष्मान के घोटाले को संसद के सामने रखा जिसमें बताया गया कि 99 99 99 99 99 इस एक हि नंबर से 7 लाख 50 हजार फर्जी लोगों को रजिस्टर्ड कराया गया और उनके इलाज के नाम पर हजारों करोड़ का घोटाला किया गया।
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