पं० दीनदयाल उपाध्याय के जन्मोत्सव मेला में दूसरे दिन गुरुवार को एकात्म मानववाद विषय पर संगोष्ठी में विचार व्यक्त करते हुए इंद्रेश जी ने कहा, भारत वह है जो सभ्यता बनाती है | New India Times

अली अब्बास, ब्यूरो चीफ, मथुरा (यूपी), NIT:

पं० दीनदयाल उपाध्याय के जन्मोत्सव मेला में दूसरे दिन गुरुवार को एकात्म मानववाद विषय पर संगोष्ठी में विचार व्यक्त करते हुए इंद्रेश जी ने कहा, भारत वह है जो सभ्यता बनाती है | New India Times

पं० दीनदयाल उपाध्याय के जन्मोत्सव मेला में दूसरे दिन गुरुवार को एकात्म मानववाद विषय पर संगोष्ठी में विचार व्यक्त करते हुए इंद्रेश अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन करते हुए बताया कि जब विवेकानंद का जन्म हुआ था तब वह नरेंद्र थे। काली मां की पूजा में लीन हुए तो वह संन्यासी बने और शिकागो धर्म संसद के बाद विवेकानंद हुए। विवेकानंद को महान उनके चरित्र ने बनाया। सभी को भारत की रहस्यमई संस्कृति को समझना चाहिए। ब्रिटेन में जहां यह कहा जाता था कि वहां कभी सूर्य अस्त नहीं होता है उसे भी भारत ने उखाड़ फेंक दिया।

उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस चीन का कैलकुलेटेड वायरस था, जिससे दुनिया में 70 लाख और भारत में पांच लाख लोग प्रभावित हुए। कोरोना की प्रारंभिक दवा भारत ने ही दी जिसे काढ़ा कहा गया और और दवा भी भारत में ही बनाई जिसे वैक्सीन कहा गया। इसलिए विश्व कहता है कि भारत वह है जो सभ्यता बनाती है। आदमी महान मत, पंथ, धन, जाति, पद, शिक्षा से नहीं बनता बल्कि आदमी महान चरित्र से बनता है। पं० दीनदयाल उपाध्याय आर्थिक रूप से निर्धन थे और वह चरित्र में अमीर थे, इसलिए वह महान थे और महामानव बने।

उन्होंने कहा कि यह सनातन हिन्दू संस्कृति ही है कि आज ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक अपनी भारतीय संस्कृति के आधार पर ही बिना खून खराबे के वहां के प्रधानमंत्री बने हैं। जो लोगों के अपने बुजुर्गों को अनपढ़ कहने का नैरेटिव सैट कर रखा है वह सभी भ्रमित हैं। पं० दीनदयाल ने नए नैरेटिव सेट कर दिए हैं।

इंद्रेश ने कहा कि एकात्म मानववाद सिद्धांत की आत्मा है हम सब एक हैं और एक रहेगें। उन्होंने कहा कि भारत अनेक भाषाओं, भेष भूषा, पंथ मानने वालों का देश है,  फिर भी भारत एक है यही एकात्म मानववाद है। इसी कारण से भारत एक है, एक श्रेष्ठ भारत और एक महान भारत है।

उन्होंने कहा कि छुआछूत पाप है, अपराध है, अधर्म है। सभी की आत्मा एक है, द्वेष किसी से नहीं, घृणा और ईर्ष्या किसी से नहीं करें। यही पण्डित जी का एकात्म मानववाद है। उन्होंने वर्तमान परिवेश और प्राचीन परिवेश के अनेक उदाहरण देते हुए पंडित जी का एकात्म मानववाद का सिद्धांत समझाया। चित्यप्रकाशानन्द जी महाराज ने पंडित जी के जीवन से संबंधित संस्मरण सुनाते हुए आशीर्वचन दिया। शिवकुमार शर्मा महानगर कार्यवाह के कल्याण मंत्र के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ।

इससे पूर्व मुख्य अतिथि इंद्रेश, डा० वीरेंद्र मिश्रा विभाग संघ चालक मथुरा, समिति अध्यक्ष एडवोकेट सोहन लाल शर्मा और चित्यप्रकाश जी महाराज ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चित्रपट के सम्मुख की दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। मंच परिचय डॉ० संजय अग्रवाल विभाग सह कार्यवाह कराया।

इस अवसर पर महेंद्र शर्मा क्षेत्र प्रचारक, निदेशक सोनपाल, डॉ० देवेन्द्र शर्मा अध्यक्ष बाल अधिकार संरक्षण आयोग उ०प्र०, लक्ष्मीकांत बाजपेई राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाजपा, केशव कुमार शर्मा, यतींद्र शर्मा, विभाग प्रचारक अरुण पांचजन्य, महानगर प्रचारक आरेंद्र, वरिष्ठ प्रचारक आयेंद्र,  ठा० कारिंदा सिंह, तेजपाल सिंह, मनीष अग्रवाल, नीरज जैन, श्याम प्रकाश पाण्डेय, विजय बंटा, नरेन्द्र पाठक, जगमोहन पाठक, राम पाठक, योगेश आवा, आचार्य ब्रजेंद्र नागर, प्रचार प्रमुख मुकेश शर्मा, कमल कौशिक आदि सहित सैंकड़ों संघ और भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे। कार्यक्रम संचालन अरुण दीक्षित जिला कार्यवाह वृंदावन ने एवं धन्यवाद ज्ञापन समिति अध्यक्ष एडवोकेट सोहन लाल शर्मा ने किया।


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