लोकनायक जयप्रकाश नारायण का सम्पूर्ण जीवन अनुकरणीय: संजय डीलर | New India Times

विवेक जैन, बागपत (यूपी), NIT:

लोकनायक जयप्रकाश नारायण का सम्पूर्ण जीवन अनुकरणीय: संजय डीलर | New India Times

देशहित के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन न्यौछावर करने वाले महान देशभक्त लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती जनपद बागपत में बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनायी गयी। जनपद बागपत जिला पंचायत के सदस्य व प्रसिद्ध समाजसेवी संजय डीलर ने बताया कि जयप्रकाश नारायण का सम्पूर्ण जीवन अनुकरणीय है। जयप्रकाश नारायण उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका गये। उन्होंने वर्ष 1922 से वर्ष 1929 के बीच कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण की। उन्होंने अपनी पढ़ाई को पूरा करने के लिए अमेरिका में होटलों आदि अनेकों स्थानों पर कार्य करके धन की व्यवस्था की। उनकी माता की तबीयत ठीक ना होने की वजह से वह अपनी पीएचडी की पढ़ाई पूरी ना कर सके और भारत वापस आ गये। संजय डीलर ने कहा कि उस समय उन्होंने जो पढ़ाई की उसके बल पर वह अपना जीवन बहुत अच्छे से गुजार सकते थे, लेकिन वह एक महान देशभक्त थे और अंग्रेजो द्वारा देशवासियों पर किये जा रहे अत्याचारों से बहुत अधिक चिंतित थे।

उन्होंने अमेरिका से वापस आकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और महात्मा गांधी, पंड़ित जवाहरलाल नेहरू सहित उस समय के सभी शीर्ष नेताओं के साथ मिलकर भारत को आजाद कराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। स्वतंत्रता आंदोलन में उनको कई बार जेल भी जाना पड़ा। नेताजी सुभाष चंद्र बोस सहित अनेकों क्रांतिकारियों का उन्होंने सहयोग किया। संजय डीलर ने बताया कि जयप्रकाश नारायण ने भ्रष्टाचार व बेरोजगारी मिटाने व शिक्षा क्षेत्र में क्रांति लाने सहित अनेकों देशहित के मुद्दो के लिए सम्पूर्ण क्रांति का आहवान किया और उनके प्रयासो से ही विरोधी पक्ष ने एकजुट होकर इंदिरा गांधी को चुनाव में हराया।

संजय डीलर ने बताया कि उनकी महानता का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है 8 अक्टूबर वर्ष 1979 को उनकी मृत्यु पर उस समय के प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने 7 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की थी। समाजसेवा के लिए वर्ष 1965 में उन्हे रमन मैगससे पुरस्कार व वर्ष 1998 में उन्हे देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। संजय डीलर ने कहा कि हर देशवासी लोकनायक जयप्रकाश नारायण के महान व्यक्तित्व के बारे में जाने इसके लिए सरकार व स्वयंसेवी संस्थाओं को प्रयास करने चाहिए और सभी देशवासियों को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।


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