अब्दुल वाहिद काकर, ब्यूरो चीफ, धुले (महाराष्ट्र), NIT:
एंटी करप्शन पुलिस उप अधीक्षक अभिषेक पाटिल ने शिंदखेड़ा तहसील कार्यालय में छापामार कारवाई कर नायब तहसीलदार तथा अन्य कर्मचारियों के नाम एक हजार चार सौ रुपये की रिश्वत लेते हुए एक निजी व्यक्ति को मंगलवार को गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई से राजस्व विभाग के कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। रितेश अरुण पवार के विरोध में रिश्वत मांगने का मामला दर्ज किया है।
शिकायत कर्ता मौजे डांगुरने तहसील शिंदखेड़ा निवासी होने के नाते उसके परिवार के 03 अन्य सदस्यों के पास एक संयुक्त कृषि भूमि है। कृषि भूमि अभिलेख सभी के नाम पर करने के लिए शिकायतकर्ता ने आवेदन किया था। तहसील कार्यालय के पास रितेश पवार ने कृषि भूमि के खाते अलग अलग के बारे में जानकारी दी और उसे दिनांक 04/10/2023 को तहसील कार्यालय में बुलाया। तदनुसार, जब कृषि भूमि के भागीदार वहां गए तो रितेश पवार उन्हें तहसील कार्यालय में खाते विभाजन मामले की कार्रवाई की। इसके बाद रीतेश पवार ने दावा किया कि नायब तहसीलदार और तहसील कार्यालय के अन्य अधिकारियों कर्मचारियों के साथ घनिष्ठ संबंध हैं। इसी कारण यह कार्य हुआ है जिसके चलते उसने 20 हजार रुपये के साथ और रुपये रिश्वत की मांग की। ब्यूरो ने शिकायतकर्ता द्वारा दी गई शिकायत के अनुसार 06 सितंबर को तहसील कार्यालय शिंदखेड़ा में जाकर सत्यापन करने के बाद रितेश पवार मंगलवार को 1400 रुपये रिश्वत की मांग की जिसमें ब्यूरो ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा और उसके खिलाफ भृ. 1988 एक्ट की धारा 7 ए के तहत मामला दर्ज किया है।
यह कार्रवाई एंटीकरप्शन पुलिस अधीक्षक उप अभिषेक पाटिल के नेतृत्व में इंस्पेक्टर मंजीतसिंह चव्हाण, हेमंत बेंडाळे, रुपाली खांडवी, राजन कदम, मुकेश अहिरे, प्रविण मोरे, संतोष पावरा, प्रशांत बागुल, गायत्री पाटील, रामदास बारेला, प्रविण पाटील, सुधीर मोरे, जगदीश बडगुजर ने अंजाम दिया है।
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