विवेक जैन, बागपत (यूपी), NIT:
देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाली महान क्रांतिकारी दुर्गा देवी वोहरा की जयंती को जनपद बागपत में बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। लायंस क्लब बागपत के अध्यक्ष व प्रमुख समाजसेवी महेश शर्मा ने बताया कि दुर्गा देवी वोहरा को दुर्गा भाभी और दुर्गावती आदि नामों से भी जाना जाता है। वह एक समृद्ध परिवार से थी और चाहती तो अपना पूरा जीवन ऐश और आराम से गुजार सकती थी। लेकिन वह गुलाम भारतीयों की मनोदशा और उन पर किये जा रहे अत्याचारों को अच्छी तरह समझती थीं और देश को किसी भी कीमत पर अंग्रेजो से आजाद कराना चाहती थी।
बताया कि उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र क्रांति में प्रमुखता से भाग लिया। उन्होंने उस समय के सभी महान क्रांतिकारियों भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद आदि के साथ मिलकर देश को आजाद कराने के लिए कार्य किया। उन्होंने कई बार अंग्रेजों के बड़े अधिकारियों पर गोलियां भी चलाई। महेश शर्मा ने बताया कि दुर्गा भाभी के पति भगवती चरण वोहरा भी एक महान क्रांतिकारी थे और 28 मई वर्ष 1930 को एक बम का परीक्षण करते समय बम हाथ में ही फट जाने से उनके पति भगवती चरण वोहरा की मृत्यु हो गयी थी। दुर्गा देवी वोहरा के लिए यह एक बहुत बड़ी क्षति थी, फिर भी उन्होंने धैर्य रखा और उनके द्वारा देश की आजादी के लिए किये जा रहे सहयोग व उनके कार्य में किसी प्रकार की रूकावट नही आने दी। महेश शर्मा ने बताया कि चन्द्रशेखर जी ने जिस बंदूक से खुद को गोली मारी थी वह बन्दूक दुर्गा देवी वोहरा ने ही उनको लाकर दी थी। वह क्रांतिकारियों को शस्त्र उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती थी। बताया कि चन्द्रशेखर जी की मृत्यु के बाद अंग्रेजो ने उनको लाहौर से गिरफ्तार कर लिया गया और तीन साल तक नजरबंद रखा। उसके बाद वह गाजियाबाद आकर अध्यापन कार्य में लग गयी। महेश शर्मा ने कहा कि राष्ट्र के लिए समर्पित दुर्गा भाभी सभी देशवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
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