इदरीस मंसूरी, अशोकनगर (मप्र), NIT:
आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा नेहरू डिग्री कॉलेज के विधि विभाग के लिए निर्मित नवीन बिल्डिंग जो की मारूप गांव में बनाई गई है, उसके लोकार्पण कार्यक्रम का विद्यार्थी परिषद ने नारेबाजी कर विरोध किया। जैसा की प्रदेश भर में कुछ समय बाद चुनाव है, उसकी आचार संहिता एक या दो दिन में लगने ही वाली है। जिस कारण प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश भर के कई सारे भवनों तथा अन्य कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि पूजन वर्चुअल माध्यम से कर रहे हैं, इसी कड़ी में अशोकनगर में निर्मित शासकीय विधि महाविद्यालय की बिल्डिंग जो की काफी समय पहले बनकर तैयार हो चुकी थी, उसका आज लोकार्पण उन्होंने किया।
उस बिल्डिंग में गुणवत्ता पूर्ण कार्य न होने का आरोप लगाते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने खुलकर विरोध किया। तथा आरोप लगाया कि इस बिल्डिंग को बनाने में ठेकेदार ने गुणवत्ता के अनुरूप मानकों का पालन नहीं किया है। जिस कारण से बिल्डिंग में उद्घाटन के पूर्व ही दरारें आ चुकी है, टाइल्स उखड़ रही है, जिस वजह से बिल्डिंग गिरने की हालत में लग रही है। परंतु शासन के अधिकारी इस ओर ध्यान न देते हुए छात्रों की भविष्य तथा उनके लिए आए हुए वित्तीय कोष को व्यर्थ ही गवा रहे हैं, जिस बिल्डिंग में विद्यार्थियों को कानून की शिक्षा दी जाएगी, उन्हें सच तथा कानून की पढ़ाई कराई जायेगी, तथा उनका जीवन को सुधारने का कार्य किया जाएगा। परंतु उस भवन की जब गुणवत्ता ही नहीं होगी तब ऐसे भवन में छात्रों को हमेशा गिरने भय लगा रहेगा। क्योंकि जब वह बिल्डिंग आज उद्घाटन के दिन ही पीछे से जर्जर हालत में है, उसका उद्घाटन कर खाना पूर्ति करना कहीं ना कहीं शासन द्वारा ठेकेदार को बचाने तथा उसे संरक्षण देना प्रतीत होता है।
विद्यार्थी परिषद के विभाग संयोजक वैभव मीना के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने कालेज प्रशासन पर भी यह आरोप लगाया कि जब कॉलेज की बिल्डिंग तैयार होने के पश्चात् कॉलेज को हैंडओवर की गई, तब भी कॉलेज प्रशासन ने आनन फानन में मिलीभगत कर बिल्डिंग को हैंडओवर कर लिया, जिसका छात्रों को किसी भी प्रकार की सूचना नहीं लगने दी। और जब आज बिल्डिंग गिर रही है, तब कॉलेज प्रशासन और निर्माता कंपनी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। जिस कारण हम छात्रों को विवश होकर इस कार्यक्रम में आंदोलन करना पड़ा। इसके पश्चात वहां उपस्थित अधिकारियों, तहसीलदार, एवं निर्माता कंपनी पीआईयू के अधिकारियों ने लिखित में दो हफ्तों का समय लिया, तथा यह लिखित आश्वासन दिया कि इस पूरे मामले की जांच कराई जायेगी। तथा उन पर कार्यवाही की जाएगी। विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि इस दिए गए समय के अंदर ठेकेदार पर कार्रवाई नहीं की जाती है, तो विद्यार्थी परिषद उग्र आंदोलन करेगी। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।
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