रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी/पंकज बडोला, झाबुआ (मप्र), NIT:
पत्रकार और लेखक अमिताभ बुधौलिया का नया उपन्यास ‘कड़कनाथ’ इन दिनों जबर्दस्त चर्चा में है।
काले कड़कनाथ मुर्गे के इर्द-गिर्द रचे गए इस व्यंग्य उपन्यास की पृष्ठ भूमि आलीराजपुर है।
इस उपन्यास में एक छोटा किरदार झाबुआ के चर्चित समाजसेवी राजेंद्र श्रीवास्तव नीरज का भी गढ़ा गया है।
उपन्यास के जरिये सामाजिक सेवा भाव रखने वाले कई लोगों को किरदार के रूप में उतारकर उन्हें सम्मान दिया गया है। उपन्यास में दिखा राजेंद्र श्रीवास्तव का किरदार
कड़कनाथ में एक जगह समाजसेवी राजेंद्र श्रीवास्तव नीरज को एक किरदार के रूप में वर्णित किया गया है।
लेखक अमिताभ बुधौलिया कहते हैं-जब इस उपन्यास को लिखना शुरू किया था, तब ही सोच लिया था कि इसमें कुछ किरदार ऐसे भी रचे जाएंगे, जो निस्वार्थ भाव से समाजसेवा कर रहे हैं या महिलाओं-बच्चों के लिए सकारात्मक पहल कर रहे हैं।
उपन्यास के कवर पेज पर झाबुआ की आदिवासी लड़की उपन्यास में आदिवासी संस्कृति-कला और भगोरिया पर्व का बेहतरीन वर्णन किया गया है। उपन्यास के कवर पेज पर भी झाबुआ की आदिवासी लड़की लक्ष्मी डामोर का चित्र छापा गया है।
यह फोटो झाबुआ के ही फोटोग्राफर प्रेम डामोर ने खींचा है। अमिताभ कहते हैं- यह कवर पेज आदिवासियों को समर्पित है। लेखक बताते हैं कि इस उपन्यास में स्थानीय बोली का पुट भी पढ़ने को मिलेगा।
उपन्यास में आदिवासी भाषा का पुट लाने काफी दिक्कतें आईं लेखक बताते हैं कि उपन्यास छपने से पहले जब इसका कुछ जाने-माने लेखकों से रिव्यू कराया, तब एक बात सामने निकली कि इसमें संवाद के लिए स्थानीय भाषा का प्रयोग किया जाए। इसके लिए लोकल व्यक्ति की तलाश शुरू हुई।
तमाम परेशानियों के बाद इंजीनियरिंग कर रहे एक आदिवासी लड़के दिनेश सोलंकी ने शब्दावली में मदद की। अमिताभ को कई सेलिब्रिटीज रेग्युलर पढ़ती हैं
अमिताभ बुधौलिया स्क्रिप्ट राइटर भी हैं।
डॉक्यूमेंट्रीज, शॉर्ट फिल्म, वेब सीरिज और फिल्मों के लेखन से भी जुड़े हैं। उनकी किताबों को सेलिब्रिटीज भी काफी पढ़ती हैं।
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