वी.के. त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:
एनसीडी के अंतर्गत एनपीएचसीई कार्यक्रम संचालित है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत बुजुर्गों की देखभाल और स्वास्थ्य संबंधी योजनाएं चल रही है। इन्हीं के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए वर्ल्ड जिरियाट्रिक डे पर वृद्धजनों के मौलिक अधिकारों को विश्व में पहुंचाने की थीम पर एक जागरूकता गोष्ठी का आयोजन जिला पुरुष चिकित्सालय एमसीएच विंग ओयल में किया गया। जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों के साथ ऑन जॉब ट्रेनिंग कर रहे छात्र-छात्राओं को कार्यक्रम की जानकारी दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता सीएमएस डॉ आईके रामचंदानी ने की। वहीं कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सीएमओ डॉ संतोष गुप्ता ने शिरकत की। इस दौरान एसीएमओ डॉ अनिल कुमार गुप्ता और वरिष्ठ परामर्शदाता एसके मिश्रा सहित जिरियाट्रिक फिजिशियन डॉ शिखर बाजपेई भी मौजूद रहे।
कार्यक्रम में सीएमओ डॉ संतोष गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि एनपीएचसीई कार्यक्रम शासन का बेहद महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। बुजुर्गों की देखभाल को लेकर चलाया जा रहा यह कार्यक्रम जिले में भी व्यापक रूप से चल रहा है। जिला अस्पताल सहित सभी सीएससी और पीएचसी पर कार्यक्रम के अंतर्गत बुजुर्गों को तमाम सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि बुजुर्गों का जीवन में भी महत्वपूर्ण योगदान है। हमें बुजुर्गों के साथ थोड़ा समय जरूर बिताना चाहिए, सिर्फ आधे घंटे का समय भी उनके लिए महत्वपूर्ण साबित होता है। उनकी सभी जरूर का ध्यान रखना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। बीमार होने पर दवा के साथ अपनेपन का एहसास भी उन्हें स्वास्थ्य लाभ देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आज के समय में लोग व्यस्तता का हवाला देकर बुजुर्गों से दूर होते हैं, जबकि हमें इस पर भी विचार करना चाहिए कि जीवन चक्र में वह समय हमारे साथ भी जरूर आएगा।
इस दौरान सीएमएस डॉ आईके रामचंदानी ने बताया कि जिला चिकित्सालय में बुजुर्गों की देखभाल और इलाज के लिए जिरियाट्रिक फिजिशियन शिखर बाजपेई के साथ-साथ फिजियोथैरेपी और काउंसलिंग सहित संबंधित दावों की पूर्ण उपलब्धता है और उन्हें इस कार्यक्रम के अंतर्गत अन्य लाभ भी दिए जा रहे हैं। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एसीएमओ डॉ अनिल गुप्ता ने कहा कि वृद्ध जनों में होने वाली सामान्य बीमारियां तेजी से बढ़ी हैं इनमें चलने में समस्या, चलते समय लड़खड़ाना, पेशाब ना रोक पाना या याद्दाश्त में कमी, जोड़ों की समस्या, पैरालिसिस, हृदयाघात, मधुमेह व उच्च रक्तचाप शामिल है। यह ऐसी समस्याएं हैं जिनका सामान्य दवाओं से उपचार हो सकता है। बस इसके लिए जागरूकता की जरूरत है और उन्हें सहित चिकित्सक के पास ले जाने की। वरिष्ठ परामर्शदाता जिला पुरुष चिकित्सालय डॉ एसके मिश्रा ने कहा कि वर्तमान समय में लोग बुजुर्गों की अनदेखी कर रहे हैं।
तमाम परिवारों में ऐसा देखने को मिला है कि लोग अपने बूढ़े मां-बाप को वृद्ध आश्रम पहुंचा देते हैं, या फिर उनसे दूर हो जाते हैं, जो उनकी सबसे बड़ी गलती है। हम आज जो संस्कार अपनी पीढ़ी को दे रहे हैं। वह ही हमें वापस मिलेगे। इसलिए जरूरी है कि हम अपने बुजुर्गों का सम्मान करें। जिरियाट्रिक फिजिशियन डॉ शिखर बाजपेई ने कहा कि वृद्ध जनों में होने वाली सामान्य बीमारियों से बचाव के लिए वृद्धजन अपनी जीवन शैली में कुछ परिवर्तन कर समस्याओं की रोकथाम कर सकते हैं। इनमें खाने में फल, हरी सब्जियां और कम वसा युक्त एवं कम नमक वाले भोजन का प्रयोग सहित सप्ताह में काम से कम 5 दिन 30 मिनट व्यायाम, धुम्रपान और व्यर्थ की चिंता, गुस्से आदि से परहेज और शराब से दूरी तमाम समस्याओं से निजात दिलाने का काम करती है। साथ ही उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत वृद्ध जनों के लिए कैंप लगाकर और अधिक बीमार लोगों को होम बेस्ड फिजियोथैरेपी आदि की सुविधा सहित उपकरणों की व्यवस्था भी है। इस दौरान मैटर रजनी मसीह ने वृद्धजनों को दी जाने वाली नर्सिंग प्राथमिकताओं पर प्रशिक्षकों को जानकारी दी। वहीं विजय वर्मा ने बुजुर्गों को मिल रही योजनाओं के लाभ की जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन काउंसलर एनसीडी क्लीनिक देवनंदन श्रीवास्तव ने किया। इस दौरान एनसीडी एपिडेमियोलॉजी डॉ राकेश गुप्ता सहित फिजियोथैरेपिस्ट मोहम्मद सईद, स्टाफ नर्स मोहम्मद शकील व नीरज कुमार सहित सरिता सिंह और पंकज शुक्ला मौजूद रहे।
बुजुर्गों के लिए जल्द होगी अलग रजिस्ट्रेशन की सुविधा
सीएमओ डॉ संतोष गुप्ता ने इस दौरान बुजुर्गों के लिए एक अलग पर्चा काउंटर बनाने की बात कही। साथ ही उन्होंने इस संबंध में सीएमएस जिला पुरुष चिकित्सालय डॉ आईके रामचंदानी से भी बात की। उन्होंने कहा कि जल्द ही बुजुर्गों को इसकी सुविधा मिलने लगेगी। इसकी आवश्यकता पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि बुजुर्गों को प्राथमिकता देना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। बुजुर्गों को अधिक समय तक खड़ा होने में, लाइन में लगने में व अन्य तमाम समस्याएं होती हैं जिसे देखते हुए ऐसी व्यवस्था करने की तैयारी है।
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