डीएम ने ग्राम अमीरनगर, रेहरिया में लगाई चौपाल, किया जागरूक, फसल अवशेष ना जलाने का दिलाया संकल्प | New India Times

वी.के. त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:

डीएम ने ग्राम अमीरनगर, रेहरिया में लगाई चौपाल, किया जागरूक, फसल अवशेष ना जलाने का दिलाया संकल्प | New India Times

शनिवार को डीएम महेंद्र बहादुर सिंह एडीएम संजय कुमार सिंह के संग क्रमश तहसील गोला व ब्लॉक कुंभी के बहुउद्देशीय प्राथमिक ग्रामीण सहकारी समिति लिमिटेड लि. अमीरनगर व तहसील, ब्लॉक मोहम्मदी के ग्राम रेहरिया पहुंचे, जहां उन्होंने चौपाल लगाकर आसपास के ग्रामों के किसानों को पराली जलाने के नुकसान बताए, पराली ना जलाए जाने में सहयोग मांगा।

फसल अवशेष प्रबंधन कृषक जागरूकता चौपाल की अध्यक्षता करते हुए डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि एनजीटी व मा. न्यायालय के निर्देश पर उच्चस्तर से पराली जलाने की घटनाओं को सेटेलाइट से मॉनिटर किया जा रहा। इसलिए कोई भी किसान फसल अवशेष कदापि ना जलाएं, अन्यथा प्रशासन को कार्यवाही के लिए बाध्य होना पड़ेगा। उन्होंने किसानों को फसल अवशेष न जलाने का संकल्प दिलाते हुए आसपास के ग्रामीणों व किसानों को इस संदेश व संकल्प को प्रसारित करने की बात कही।

डीएम ने कहा कि किसान भाई फसल अवशेष को निकटवर्ती गो आश्रय स्थल भिजवाएं। पराली की घटनाओं को पूर्णतया अंकुश लगाने के लिए प्रशासन का सहयोग करें। फसल कटाई के दौरान प्रयोग की जाने वाली कम्बाइन हार्वेस्टर के साथ सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम अथवा स्ट्रा रीपर अथवा स्ट्रा रेक एवं बेलर अथवा अन्य कोई फसल अवशेष प्रबन्धन यन्त्र का उपयोग किया जाना जरूरी होगा। उक्त व्यवस्था बिना कोई भी कम्बाइन हार्वेस्टर से कटाई न करने पाये। यदि कोई भी कम्बाइन हार्वेस्टर सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम अथवा स्ट्रा रीपर अथवा स्ट्रारेक एवं बेलर या अन्य फसल अवशेष प्रबन्धन यन्त्रों के बगैर चलते हुयी मिली तो उसको तत्काल सीज करते हुये कम्बाइन स्वामी के स्वयं के खर्च पर सुपर स्ट्रा- मैनेजमेन्ट सिस्टम लगवाकर ही छोड़ा जायेगा। डीएम ने कहा कि लेखपाल एवं राजस्व निरीक्षक अपने क्षेत्र के ग्रामीणों को पराली के दुष्प्रभाव बताते हुए जागरूक करें। प्रयास करें कि किसी भी गांव में पराली जलाने की घटना ना हो इसे सुनिश्चित कराएं।

एडीएम संजय कुमार सिंह ने कहा कि मा. न्यायालय एवं एनजीटी सख्ती से पराली जलाने की घटनाओं को मॉनिटर कर रहा। सभी संभ्रांत किसान समाज के अभिभावक हैं, यहां प्राप्त संदेश को गांव-गांव में प्रसारित करें। पराली जलाना अपराध की श्रेणी में आता है। प्रशासन चप्पे-चप्पे पर मुस्तैद रहकर निगाहेबानी कर रहा है। लोगों को जागरूक करें ताकि लोग जाने अनजाने में भी पराली जलाने की घटनाओं को कारित ना करें। आपके सहयोग के बिना इन घटनाओं को रोकना संभव नहीं है।

दोनों ग्रामों की चौपाल के अंत में मौजूद किसानों ने डीएम के समक्ष प्रशासन को आश्वस्त किया कि वह फसल अवशेष/पराली को नहीं जलाएंगे, प्रशासन का पूरा सहयोग करेंगे। प्रशासन के संदेश एवं अपील को जन-जन तक पहुंचाएंगे। डीएम ने किसानों को डीकंपोजर वितरित करते हुए पराली को डीकंपोजर के जरिए खाद बनाकर खेतों में उपयोग किया जाए। चौपाल में उप कृषि निदेशक अरविंद मोहन मिश्रा, डीसी मनरेगा विपिन कुमार चौधरी, एसडीएम गोला रत्नाकर मिश्रा, एसडीएम मोहम्मदी डॉ अवनीश कुमार, तहसीलदार विनोद कुमार गुप्ता, बीडीओ हनुमान प्रसाद मिश्र, प्रभारी निरीक्षक, सहित आसपास के गांव के प्रधान एवं संभ्रांत किसान एवं ग्रामीण मौजूद रहे।


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