रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी/पंकज बडोला, झाबुआ (मप्र), NIT:
इंदौर स्मार्ट सिटी कॉन्क्लेव में देशभर की 100 स्मार्ट सिटी के प्रतिनिधि शामिल हुए। ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कॉन्क्लेव में आए अफसरों व जनप्रतिनिधियों ने एक-दूसरे के साथ अपने शहरों में किए गए नवाचारों को साझा किया।
उन प्रोजक्टों का भी जिक्र किया, जो भविष्य में अपने-अपने शहरों में लागू करेंगे। चंडीगढ़ स्मार्ट सिटी ने जहां 227 किमी एरिया में साइकिल ट्रैक तैयार कर पांच हजार साइकिलें दी हैं तो वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी स्मार्ट सिटी ने 720 लोकेशन पर अत्याधुनिक तीन हजार सीसीटीवी कैमरें लगाए हैं, जो किसी के भी चेहरों को 64 तरीकों से पहचान कर सकता है। वहीं, देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर ने एशिया की सबसे बड़ी बायो सी एन जी प्लांट को लेकर वाह वाही लूटी। वहीं, तमिलनाडु के सेलम स्मार्ट सिटी ने डबल डेकर बस स्टैंड का निर्माण कर लोगों की प्रशंसा बटोरी।
मप्र में 60 हजार मेगावॉट के सोलर प्लांट की क्षमता, अभी 3 हजार मेगावॉट के ही लगाए
सोलर एनर्जी सत्र में जीएसआईटीएस में प्रो. शैलेन्द्र कुमार शर्मा सहित अन्य एक्सपर्ट ने ग्रामीण क्षेत्रों में भी सोलर पॉवर के उपयोग पर बात की। कॉम्पैक्ट सिटी के सत्र में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. शुभाशीष बैनर्जी, आईडीए में चीफ सिटी प्लानर रचना बोचारे, अर्बन प्लानर हितेंद्र मेहता और अर्बन प्लानर पुनीत पांडे ने शहरीकरण, उसकी जरूरतों और मास्टर प्लान को लेकर चर्चा की। मप्र में 3 हजार मेगावॉट सोलर एनर्जी प्लांट लगाए हैं। यहां 60 हजार मेगावॉट की क्षमता के सोलर प्लांट स्थापित कर सकते हैं। जबकि हमारी रोज की जरूरत 50 हजार मेगावॉट बिजली है। कॉन्क्लेव में जम्मू स्मार्ट सिटी का आर्किटेक्चर मॉडल प्रदर्शित किया। इसे छात्र श्रेय शुभम पंवार, हर्षिता तनवर, ईशा शंखपाल, अमन तकोने, हेमेंद्र कच्छवहे, अंकित विश्वकर्मा, अविनाश यादव, शुभम विश्वास, उदय ने सिर्फ 3 दिन में काम किया।
हम कितना शहरीकरण चाहते हैं?
वर्टिकल सिटी के सत्र में एक्सपर्ट ने कहा- अभी 40 करोड़ लोग शहर में रहते हैं। अगले 20 सालों में 40 करोड़ और बढ़ जाएंगे। हमने देखा कि मास्टर प्लान में यह होता है कि दुकानें पहले बन जाती हैं। उसके बाद उसे कमर्शियल किया जाता है। यह नहीं होता कि कमर्शियल पहले किया और बाद में दुकानें बनी। अर्वनाइजेशन पॉलिसी में हम यह तय करें कि कितना शहरीकरण चाहते हैं। 80% लोगों को शहरों में रखकर क्या विकास कर पाएंगे? हमारी सब्जियां कहां से आएंगी। सीवर कहां जाएगा ? इनके जवाब तलाशने चाहिए।
शहरी इंफ्रास्ट्रक्चरः इंदौर के मास्टर प्लान को देश का सर्वश्रेष्ठ बनाने को लेकर की चर्चा
शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर में डब्ल्यूआरआई के डॉ देवल मिश्रा ने टेक्नोलॉजी को पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर से जोड़ने की बात की। उन्होंने कहा कि 169 शहरों में आईटीएमएस सेवा शुरू की जाएगी। इससे एक प्लेटफॉर्म पर यात्री बस टिकट, पास आदि ले सकेंगे। डॉ वेंकट सुब्बाराव चुन्दुरु ने इंफ्रास्ट्रक्चर में भविष्य में होने वाले बदलावों को लेकर चर्चा की। अजीत सिंह नारंग ने इंदौर के मास्टर प्लान को देश का सर्वश्रेष्ठ मास्टर प्लान बनाने की बात कही। आर्किटेक्ट दीप्ति व्यास ने कहा कि मास्टर प्लान को लागू करने में लोगों की मानसिकता और व्यवहार को समझना बेहद जरूरी है। अर्बन प्लानर नीलेश सुमन ने मैकेनाइज्ड पार्किंग को सभी प्रकार के भवनों में इस्तेमाल करने की बात कही। नीलिमा सत्यम ने सड़कों पर पार्किंग की समस्या पर बात की। अतुल सेठ ने कहा सिर्फ सौन्दर्यीकरण को स्मार्ट सिटी का हिस्सा नहीं माना जा सकता।
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