सुहेल फारुकी, वसई-विरार (महाराष्ट्र ), NIT; वसई-विरारर मनपा क्षेत्र में महावितरण की मनमानी अपनी चरम पर है। महावितरण के बिजली विभाग की मनमानी के चलते शहरी परेशान हैं।
बता दें कि नायगांव से विरार तक यहाँ सिर्फ एक बल्ब और एक पंखे का बिजली बिल 1500-5000 रुपये तक आता है और तमाम शिकायतों के बाद भी जबरन यह बिल भरवाया जाता है। शिकायत किये जाने पर रटा – रटाया जवाब दिया जाता है कि गलती से इतना बिल आया होगा आप बिल पहले भर दो अगले बिलो में एडजस्ट कर देंगे या फिर मीटर फाल्ट होगा।जब बिजली विभाग से मीटर चेकिंग के लिए कहा जाता हैं तो आना – कानी की जाती है। दो-चार दिन बाद आने के बाद कहा जाता है कि आप का मीटर ख़राब है, नया मीटर लगाना पड़ेगा लेकिन नया मीटर लगने के बाद भी मीटर बिल में कोइ अंतर नहीं आता है। जनता महावितरण से परेशान हो गयी है। जनता का कहना हैं की हमें इलेक्ट्रिक के बिल के लिए एक दो दिनों तक ऑफिस में खाडा रहना पड़ता है, ऐसे में गरीब नौकरी करे या महावितरण की मनमानी सहे? स्थानीय जनता का कहना है कि जब तक दूसरी कंपनी को यहां परमिशन नहीं दी जाएगी तब तक महावितरण की मनमानी यूँ ही चलती रहेगी। वसई विरार के रहवासियों के लिए चिन्ताएं बढती जा रही हैं कि गरीब मजदूरी करके 300 रुपये कमाने वाला घर कैसे चलाए?
आरोप है कि महावितरण के अधिकारी जेई और लाइनमैनों के साथ मिलकर बडे पैमाने पर कंपनी कारखाना वालों से बिजली चोरी करवाते हैं और जिसका भुगतान सभी उपभोक्ताओं को करना पड़ता है। कोई नया कनेक्शन लेना हो या प्राइवेट ट्रांस्फार्मर लगवाना हो तो बिना दलाल के काम नहीं होता है। मामूली घर का मीटर लगाने के लिए 5000 से 10000 रूपये तक वसूल कर लिया जाता है। इसके बाद भी मीटर के अलावा और कोई मटेरियल नहीं दिया जाता है। नया ट्रांस्फार्मर लगाने के लिए लाखों रुपये की रिश्वत ली जा रही है। आरोप है कि जेई व अन्य महावितरण कर्मी केबल वगैरह उपभोक्ताओं को न देकर उसका पैसा भी डकार जाते हैं।
कुल मिलाकर यहां बिजली विभाग द्वारा लूट मची हुई है जिस पर ऐक्शन लेना वाला कोई नहीं है। वसई-विरार के नागरिकों ने महावितरण के उच्च अधिकारियों से मांग की है कि महावितरण के भ्रष्ट कर्मियों पर लगाम लगाएं नहीं तो महावितरण की मनमानी के खिलाफ जबर्दस्त धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
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