आज से 500 सफाई कर्मचारियों की हड़ताल, चुनाव बहिष्कार एवं शहर बंद करने की दी चेतावनी | New India Times

मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

आज से 500 सफाई कर्मचारियों की हड़ताल, चुनाव बहिष्कार एवं शहर बंद करने की दी चेतावनी | New India Times

अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस ट्रेड यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष मगन झांझोट के निर्देश पर प्रदेश के सभी जिलों में अपनी मांगों एवं मुद्दों को लेकर सोमवार को ज्ञापन कार्यक्रम रखा गया। इसी कड़ी में बुरहानपुर में भी यूनियन के कालू जंगाले के नेतृत्व में 200 से अधिक सफाई कर्मचारियों ने जयस्तंभ स्थित पानी की टंकी से पैदल रैली निकाली गई, जिसमें निगम प्रशासन हाय-हाय और प्रदेश सरकार मुर्दाबाद के नारों से शहर गूंज उठा। कालु जंगाले ने बताया कि हमारी जाइज़ मांगे वर्षों से लंबित चली आ रही हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जिसको देखते हुए प्रदेश के 2 लाख और जिले के 500 कर्मचारियों ने काम बंद हड़ताल की है। हम हड़ताल जब तक जारी रखेंगे तब तक हमारी मांगे पूरी नहीं हो जाती।

आज से 500 सफाई कर्मचारियों की हड़ताल, चुनाव बहिष्कार एवं शहर बंद करने की दी चेतावनी | New India Times

कर्मचारी भी इस दौरान तपती धूप में डटे रहे और निगम प्रांगण में धरना दिया। वहीं उन्होंने कहा कि हमारी 18 सूत्री मांगों में से किसी भी मांग का निराकरण आज तक नहीं किया गया है। जिसके चलते सफाई कर्मचारी सरकार को चेतावनी दे रहे हैं कि जल्द अगर मांगों का निराकरण नहीं होता है तो हम विवश होकर आगामी चुनाव का प्रदेश स्तर पर बहिष्कार करेंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में लगभग 2 लाख सफाई कर्मचारी कार्यरत हैं। यह सभी कर्मचारी प्रदेश स्तर पर उग्र आंदोलन भी करेंगे और आज यानी सोमवार दोपहर से जिले की सफाई व्यवस्था पूर्ण रूप से ठप कर अपनी मांगों को मनवाने के लिए डटे रहेंगे।

इस दौरान कर्मचारियों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम ज्ञापन दिया और जमकर नारेबाजी की। उन्होंने ने बताया कि ठेका पद्धति बंद कर अनुकंपा नियुक्ति दी जाए और सभी कर्मचारियों को नौकरियां पर रखा जाए क्योंकि ठेके में बहुत भ्रष्टाचार हो रहा है। निगम प्रशासन हाई कोर्ट के आदेश की भी अवहेलना कर रहा है। हाई कोर्ट द्वारा 64 विनियमित कर्मचारियों को नियमित करने के आदेश दिए थे, लेकिन आज दिनांक तक नहीं हुए। वहीं शहर की जनसंख्या बढ़ रही है, लेकिन आबादी के हिसाब से कर्मचारियों की संख्या को नहीं बढ़ाया जा रहा है और कम कर्मचारियों से अधिक काम लिया जा रहा है। इस दौरान समाज के 200 से अधिक लोग मौजूद रहे।


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