ग्राम सेवक ने सदस्य को दिखाया ग्राम पंचायत के बाहर का रास्ता, किया असभ्य भाषा का प्रयोग, ग्रामीणों ने कि निष्कासन की मांग, प्रशासन को अनशन की दी चेतावनी | New India Times

नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

ग्राम सेवक ने सदस्य को दिखाया ग्राम पंचायत के बाहर का रास्ता, किया असभ्य भाषा का प्रयोग, ग्रामीणों ने कि निष्कासन की मांग, प्रशासन को अनशन की दी चेतावनी | New India Times

सर गांव में पीने का पानी दूषित क्यों आ रहा है, इस पर आपने क्या उपाय योजना की, ग्राम पंचायत के बैंक खाते में किसी फंड की कमी तो नहीं है अगर हो तो हमे अवगत करवाएं हम शासन से फंड की मांग करेंगे। ग्राम सेवक से हो रही बातचीत का यह हिस्सा है जामनेर ब्लॉक के आंबिलहोल गांव के ग्राम पंचायत सदस्य नटवर मेरसिंग चव्हाण का। इसके जवाब में ग्राम सेवक संजय मधुकर चौधरी ने चव्हाण से अशालीन भाषा का प्रयोग करते हुए ग्राम पंचायत कार्यालय से बाहर निकलने को कहा। नटवर चव्हाण के साथ ग्राम सेवक के बर्ताव से आहत ग्रामीणों ने पंचायत समिति पहुंचकर खंड विकास अधिकारी के केबिन के बाहर डेरा डाल दिया। BDO को सौंपे शिकायत पत्र में नटवर ने मांग की है कि अनुशासन हिनता के तहत ग्रामसेवक संजय मधुकर चौधरी को तत्काल निलंबित किया जाए और उनके कार्यकाल में ग्राम पंचायत के सरकारी खाते से की गई आर्थिक हेराफेरी की समग्र रूप से जांच की जाए।

मांगों को लेकर निर्धारित समय के भीतर कार्यवाही नहीं की गई तो प्रशासन को आमरण अनशन की चेतावनी दी है। राज्य की गैर क़ानूनी सरकार में ग्रामविकास विभाग का मंत्री पद संभालने वाले भाजपा नेता गिरीश महाजन के गृह निर्वाचन क्षेत्र में एक ग्राम सेवक के व्यक्तित्व में इतना अहंकार कैसे आ गया कि चंद सवाल पूछे जाने पर वह उसी ग्राम पंचायत के सदस्य से भिड़ जाए और सदस्य को अपमानित करे। भरी लोकसभा में भाजपा सांसद रमेश बिधूरी द्वारा बसपा सांसद दानिश अली को धर्म के एंगल से निशाना बनाया गया यहां सत्ता और भाजपा की दक्षिण पंथी विचारधारा अहंकार की जड़ है। उक्त मामले में ग्राम सेवक के दुर्व्यवहार और भ्रष्टाचार को किस बात का संरक्षण है यह स्थानीय स्तर पर सब को पता है।

जामनेर एजुकेशन में संचालक मंडल का गठन:-

जामनेर तालुका एजुकेशन सोसायटी में संचालक मंडल का गठन किया गया। संस्था में वर्चस्व को लेकर दो संचालक मंडल कार्यरत है। धारीवाल लालवानी गुट की ओर से पारस लालवानी को चेयरमैन चुना गया वही सुरेश धारीवाल, राजेंद्र पाटील, प्रदीप लोढ़ा, रमेश मंडलेचा, पवन राका, ललित भूरट, प्रेमचंद भंडारी, सचिन बसेर, लक्ष्मण माली, कैलास पाटील, माधव चव्हाण, शंकर राजपुत, अनुज धारीवाल को सदस्य चुना गया। पाटील गुट की ओर से जितेंद्र पाटील चेयरमैन, जितेंद्र रमेश पाटील, शिवाजी सोनार, दिलीप महाजन, छगन झालटे, जे के चव्हाण, विरू शाह, महेंद्र नवलखा, मधुकर शिंदे, अरुण पाटील, नीलकंठ पाटील, आनंदा बोरसे, चंद्रकांत देशमुख को सदस्य चुना गया। ज्ञात हो कि इस चयन प्रक्रिया में दोनों संचालक मंडलों की ओर से मिडिया को उक्त जानकारी से कोसों दूर रखा गया था। शिक्षा क्षेत्र से जुड़े सामाजिक दायित्व के चलते इस खबर को जनता तक पहुंचाना NIT ने जरूरी समझा।


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