अली अब्बास, ब्यूरो चीफ, मथुरा (यूपी), NIT:
भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अष्टमी को श्री राधारानी का जन्मोत्सव सम्पूर्ण ब्रज में आनंद और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इसी क्रम में भक्ति वेदांत स्वामी मार्ग स्थित चंद्रोदय मंदिर के भक्तों ने भगवान श्रीकृष्ण की आह्लादिनी शक्ति, ब्रज की अधिष्ठात्री देवी श्रीराधा रानी के प्राकट्योत्सव को राधाष्टमी महामहोत्सव के रूप में बड़े़ ही हर्षोल्लास के साथ मनाया।
इस दौरान भक्तों द्वारा मंदिर प्रांगण को पुष्पों एवं रंगोली द्वारा बडे़ ही मनोहर रूप में सुसज्जित किया गया। राधाष्टमी महामहोत्सव का शुभारंभ मंगला आरती की शंख ध्वनि के साथ हुआ। इसके पश्चात भगवान श्रीश्री राधा वृन्दावन चंद्र की धूप आरती, नवीन पोशाक धारण, फूल बंगला, छप्पन भोग एवं अखण्ड हरिनाम संकीर्तन का आयोजन किया गया।
कृष्ण भक्तों के लिए राधाष्टमी, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के बाद दूसरा बड़ा उत्सव होता है। इस मौके पर चंद्रोदय मंदिर में श्रीराधारानी एवं ठाकुर श्री वृन्दावन चंद्र को गुलाबी एवं नील वर्ण के रेशम युक्त रजत से कढ़ाई किए हुए वस्त्र धारण कराए गए। इसके उपरांत चंद्रोदय मंदिर के उत्सव हॉल में श्रीमती राधारानी एवं ठाकुर श्री राधा वृन्दावन चंद्र का महाभिषेक वैदिक मंत्रोच्चारण, पंचगव्य (दूध, दही, घी, गोबर एवं गौमूत्र) शहद, बूरा, विभिन्न प्रकार के फलों के रस, विभिन्न जड़ी बूटियों एवं फूलों से महाभिषेक कि प्रक्रिया को सम्पन्न कराया गया।
इस राधाष्टमी के विशेष अवसर पर हरिनाम संकीर्तन में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया एवं भाव विभोर होकर नृत्य करते नजर आये। उत्सव में शामिल होने के लिए पंजाब, हरियाण, दिल्ली, मध्यप्रदेश, राजस्थान, आगरा एवं फरीदाबाद के भी भक्तगण वृन्दावन पहुंचे। भक्तों द्वारा महामहोत्सव में शामिल होकर श्री राधा वृंदावन चंद्र का शुभाशीष प्राप्त किया गया।
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