मऊरानीपुर में 149वें प्रांतीय मेला जलविहार का हुआ भव्य उद्घाटन | New India Times

अरशद आब्दी, झांसी ( यूपी ), NIT; ​मऊरानीपुर में 149वें प्रांतीय मेला जलविहार का हुआ भव्य उद्घाटन | New India Timesमऊरानीपुर 149वें प्रांतीय मेला जलविहार का उद्घाटन जिलाधिकारी कर्ण सिंह चौहान के द्वारा मेला ग्राउंड पर बने भव्य मंच से दीप प्रज्वलित कर एवं फीता काटकर किया गया। 

जिलाधिकारी झांसी एवं मेला संरक्षक विधायक बिहारी लाल आर्य को पी डव्लू डी रेस्ट हाउस से बैंड बाजों ढोल नगाड़ों के साथ लाया गया। जैसे ही मुख्य अतिथि मंच पर आए वैसे आसमान पर सतरंगी आतिश बाजी से उनका भव्य स्वागत किया गया। उसके बाद मेला आयोजक नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी कल्पना शर्मा ने मुख्य अतिथि को पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया। मेला प्रभारी आशीष कौशिक ने मुख्य अतिथि मेला संरक्षक विधायक बिहारी लाल एवं विशिष्ठ अतिथियों को पगड़ी पहनाकर स्वागत किया।​मऊरानीपुर में 149वें प्रांतीय मेला जलविहार का हुआ भव्य उद्घाटन | New India Timesइस मौके पर जिलाधिकारी कर्ण सिंह चौहान ने मेघावी छात्र छात्राओं को सम्मानित किया। विधायक बिहारी लाल आर्य ने अपने संबोधन में कहा कि मऊरानीपुर नगरी को मिनी अयोध्या भी कहा जाता है क्योंकि जितने मन्दिर अयोध्या में बने है उतने ही मऊरानीपुर में बने हैं।मेला जलविहार को देखने को दूर दूर से लोग आते हैं।लठाटोर भगवान की गाथा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि वह मऊरानीपुर विधान सभा के सर्वांगनीय विकास के लिए तत्पर्य हैं। जो उन्होंने वादा किये उन्हें पूरा करने के लिये दिनरात प्रयासरत हैं।​मऊरानीपुर में 149वें प्रांतीय मेला जलविहार का हुआ भव्य उद्घाटन | New India Timesमुख्य अतिथि जिलाधिकारी कर्ण सिंह चौहान ने सरस्वती मां के श्लोक सुनाकर अपना उद्बोधन शुरू करते हुए कहा कि मुझे बताया गया कि मऊरानीपुर का मेला जलविहार महोत्सव अति प्राचीन है। मैं आज इस मेले का साक्षी बन कर खुशी महसूस कर रहा हु। मैं भी बुन्देलखण्ड का ही हूं।बुन्देलखण्ड में आज भी धार्मिक सस्कृति पुरानी परम्पराएं आज भी लोग बड़े उत्साह से मनाते हैं। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड में पानी की कमी नहीं है, अगर कमी है तो वृक्षों की। अगर हम सभी एक एक दो दो पेड़ अपने घरों के आसपास लगाए तो बुन्देलखण्ड में हरियाली के साथ साथ पानी की भी बढ़ोतरी होगी। साहित्य में जिन लोगों ने अपना नाम छोड़ा वो भी बुन्देलखण्ड के ही हैं।अभी हाल में सुख नई नदी के दूसरे घाट पर भी साढे तीन करोड़ रुपये की लागत से सीसी रोड व घाटों का सौन्दरीकरण कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि खुले में शौच को पूरी तरह बन्द होना चाहिए। खुले में शौच करने वालों का तो समाजिक बहिष्कार करना चाहिये।जिलाधिकारी ने तत्काल प्रभाव से सुखनई नदी में खुले में शौच बन्द करने को कहा। जिनके यहाँ शौचालय नही बने हैं, वो सरकारी शौचालय में जाये, लेकिन किसी को खुले में शौच न करने दिया जाए। मेला प्रभारी नगर पालिका अधिशासी अधिकारी कल्पना शर्मा ने मेला का इतिहास बताते हुए नगर को स्वक्छ बनाने का संकल्प लिया। उसके बाद नगर पालिका इंटर कॉलेज की छात्राओं ने सरस्वती वंदना एवं अतिथि स्वागत गीत प्रस्तुत किया।


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By nit

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