अरशद आब्दी, झांसी ( यूपी ), NIT; शनिवार ईद उल अजहा के मौके पर शिया मस्जिद (ईदगाह) नई बस्ती झांसी में त्याग और क़ुर्बानी के नूर से चमकते चेहरों के साथ नमाज़ी बच्चों के साथ एकत्र हुए, ताकि मज़हबी और समाजी विरासतों को आसानी से आने वाली नस्लों में हस्तांतरित किया जा सके। सभी का पुरजोश ख़ैर-मक़दम शिया मस्जिद (ईदगाह) नई बस्ती झांसी के प्रबन्धक जनाब सैयद ग़ज़नफर हुसैन और उपप्रबन्धक जनाब सैयद सरकार हैदर आबदी ने इत्र लगाकर किया।ईद-उल-अज़हा की नमाज़ मौलाना सैय्यद शाने हैदर ज़ैदी साहब ने प्रात: नौ बजे अदा कराई। तिलावते क़ुरान के बाद मौलाना साहब ने अपने ख़ुत्बे में कहा,’ मज़हब, समाज और राष्ट्र, क़ुर्बानी और त्याग के जज़्बे के साथ ही तरक़्क़ी की राह पर आगे बढता रहा है। ईद-उल-ज़ुहा अल्लाह की राह में वतन और अवाम की भलाई के लिये अपनी सबसे प्यारी चीज़ भी त्याग और क़ुर्बान करने का पैग़ाम देता है। मुस्लिम आज के दिन एक दूसरे को तोहफे देकर मुंह मीठा कराते हैं और खुदा से अमन, सुकून, सेहत, खुशहाली और बरकत के लिए दुआएं मांगते हैं। ‘क़ुर्बानी’ के ज़रिये ग़रीबों की इमदाद की जाती है ताकि वो भी सबके साथ मिलकर ईद मना सकें। समाज की भलाई की काम किये जाते हैं। हम पूरी ज़िम्मेदारी से कहते हैं कि क़ुर्बानी और त्याग का वजूद हर धर्म में है। हमारी गुज़ारिश है,” पहले ईमानदारी और ख़ुलूस से इबादत करें। ज़रूरतमन्दों, ग़रीबों की मदद करें। रिश्तेदारों, दोस्तों,पडोसियों और अज़ीम वतन का हक़ अदा करें। यही सच्ची ईद है।“संचालन करते हुये वरिष्ठ समाजवादी चिंतक और प्रवक्ता सैय्यद शहनशाह हैदर आब्दी ने कहा,” वर्तमान में असहिष्णुता तेज़ी से बढी है। जिस धर्म में हमारी आस्था नहीं, उसके रीति रवाजों पर नकारात्मक टिप्पणियों से देश के साम्प्रादायिक सदभाव को बिगाडने की कोशिशें की जा रही हैं।बक़रीद पर जानवरों की क़ुर्बानी के प्रति किया जा रहा दुष्प्रचार इसकी मिसाल है।यह देश के उज्जवल भविष्य और समग्र विकास के लिये शुभ संकेत नहीं है। शासन और प्रशासन को ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्यावाही करना चाहिये। हम साथ रहते आये हैं, हमें साथ रहना है। एक दूसरे पर अविश्वास और दोषारोपण ठीक नहीं। हर धर्म के त्योहार मिल कर मनाना हमारे अज़ीम मुल्क की खासियत है। हमें इसे बरक़रार रखना है।
अंत में मुल्क और समाज के सुख समृध्दि, शांति और गोरखपुर और विभिन्न हादसों में हलाक हुये लोगों के रूह की मगफरत के लिये सामूहिक प्रार्थना की गई। आभार जनाब मौलाना इक्तिदार हुसैन ने ज्ञापित किया। ईद गाह में नमाज़ की सुचारू व्यवस्था प्रबन्ध में सर्वश्री मंज़र हुसैन, हैदर अब्बास, अस्करी नवाब, राहत हुसैन, आसिफ हुसैन, मज़ाहिर हुसैन आदि ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया।
इस अवसर पर सर्व श्री इं मुकुल सिंह, हाजी शाहिद हुसैन, ज़ायर सगीर मेंहदी, हाजी मोहम्मद सईद, हाजी काजिम रज़ा, इं.अजीज़ हैदर “फीरोज़”, डाॅ शुजाअत हैदर जाफरी, अस्करी नवाब, रियाज़ हुसैन गुड्डू, जैगम अली, जामिन रज़ा, कैप्टन सज्जाद अली, कैप्टन अब्बास, ग़ुलाम अब्बास, सगीर हुसैन, अली हसन जाफरी, निसार हैदर ‘ज़िया’, आबिद रज़ा, मोहम्मद हादी, इज़हार अली, इमरान हैदर, हैदर अब्बास, अकबर अली, शऊर मेहदी, नईमुद्दीन, फुर्क़ान हैदर, अली समर, वसीहैदर, साजिद मेहदी, मज़ाहिर हुसैन,दिलशाद, हैदर अली राजू. फैज़ अब्बास, मेहदी नवाब, नक़ी हसनैन, फैज़ अब्बास, इरशाद रज़ा, मूनिस हैदर, ज़ामिन अब्बास,आफताब आलम, असहाबे पंजतन, फीरोज़ अली, रईस अब्बास, सलमान हैदर, ताजअब्बास, ज़ीशान हैदर, हसन रज़ा, हमदोस्त हुसैन, नजमुल हसन, ज़ाहिदमिर्ज़ा, मज़ाहिर हुसैन, ताहिर हुसैन, ज़मीर अब्बास, अली जाफर, नाज़िम जाफर, नक़ीहैदर, वसी हैदर, अता अब्बास, महताब अब्बास आदि ने मुबारकबाद दी और गले मिले।
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