रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी/पंकज बडोला, झाबुआ (मप्र), NIT:
मेघनगर आत्मोत्थान सामूहिक सिद्धि तप महोत्सव परिसर में विशाल धर्म सभा को संबोधित करते हुए अणुवत्स संयत मुनि जी म.सा. ने कहा अद्भुत अस्मरणीय आज का पल तप अनुमोदना को पहली बार देखा है।
हृदय प्रसन्नचित है, रोमांचित यह पल यादगार बनने जा रहा है। एक साथ इतने तपस्वियों की अनुमोदना परमात्मा का शासन भी दुर्लभ है।
आज भी सभी तपस्वियों के चेहरे प्रसन्नचित है यह सब संभव कैसे हुआ।
इसमें मेरा कुछ भी नहीं, में तपस्या करता हूं, मुझे डर लगता है।
प्रारंभ में भी मैंने एक उपवास से ज्यादा नहीं किया।
यह सब हो रहा है इसमें मेरा कोई चमत्कार व जादू नहीं यह गुरु कृपा का चमत्कार है। पूज्य आचार्य भगवंत उमेश मुनि जी म. सा. के दिव्य आशीष व प्रवर्तक जिनेंद्र मुनि जी का आशीर्वाद और सकल जैन श्री संघ का पुरुषार्थ।
संघ ने प्रबल पुरुषार्थ किया, सभी की भक्ति समर्पण और श्रद्धा ने इस आयोजन को सफल बनाया है।
सबका साथ सबका विश्वास और सबका प्रबल प्रयास रहा नगर के साथ-साथ आसपास के संघ कल्याणपुरा, अगराल, रंभापुर को जोड़कर रखा। सभी संघों को मेघनगर संघ से प्रेरणा लेनी चाहिये की अपने आस-पास छोटे-छोटे संघ है उन्हें जोड़कर रखें। तप अनुमोदन का प्रसंग है संसार में अनुमोदन शादी, नाच गाने, राजनीति आदि में होती है परंतु आज आयोजन धर्म और तप की अनुमोदना का है धर्म सभा को सुभेष मुनि जी म. सा. ने संबोधित करते हुए कहा वर्षों पूर्व पूज्य आचार्य भगवन उमेश मुनि जी महाराज साहब के सानिध्य में आखातीज पारना महोत्सव में नजारा दिखा था आज भी ऐसा ही लग रहा है। तपस्वियों ने दृढ़ता के साथ पुरुषार्थ किया। 8 वर्ष के बालक से 75 वर्ष तक के तपस्वियों ने सिद्धि तप जैसा कठोर तप किया।
उनकी तपस्या अनुमोदनिय है आपने श्रावक श्राविकाओं से कहा तीन चीजों पर ध्यान दें सुधारने लायक स्वभाव, बढ़ाने लायक सद्भाव, धारने लायक संभाव। 28 जून प्रवेश के दिन पूज्य संयत मुनि जी महाराज साहब ने फरमाया था यह चातुर्मास मेघनगर का नहीं वरण पूरे डूंगर प्रांत का है। परंतु सिद्धि तप प्रारंभ होते हैं यह वर्षावास मालवा, निमाड़ एवं डूंगर प्रांत में फैला और सभी 85 सिद्धि तप, पर्व पर्युषण पर 47 अठाइ, धर्मचक्र, 13 मासक्षमण तप सहित बड़ी तपस्या मे तप चक्रश्ववरी स्नेहलता बहन वागरेचा 85 उपवास के साथ इंजन की भूमिका एवं पीछे डिब्बे जुड़ते गये श्रेणी तप के दो तपस्वी के साथ एकासना, आयंबिल तप निरंतर चल रहे हैं।
धर्म सभा को धर्मदास गण परिषद अध्यक्ष विनीत वागरेचा, प्रदेश अध्यक्ष महेश डाकोनिया, धर्मधारा पत्रिका संपादक भरत भंसाली, अखिल भारतीय महिला मंडल अध्यक्ष हर्षा रुनवाल ने भी संबोधित किया।
संचालन विपुल धोका व विनोद बाफना ने किया। जयघोष के साथ तप चक्रेश्वरी श्रीमती स्नेहलता बहन वागरेचा ने 84 उपवास के प्रत्याख्यान लिए।
कार्यक्रम के पूर्व प्रात 9:00 बजे महावीर भवन से सिद्धि तप के तपस्वियों की जयकार यात्रा प्रारंभ हुई।
नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए कार्यक्रम स्थल पहुंची। प्रवचन पश्चात सिद्धि तप के सामूहिक पारणे प्रारंभ हुए। वर्धमान स्थानकवासी जैन संघ त्रिस्तुति संघ सहित कई संस्थाओं व ग्रुप द्वारा तपस्वियों का बहुमान किया गया।
कार्यक्रम में धार झाबुआ इंदौर थांदला पेटलावद राणापुर लिमडी दाहोद रतलाम जावरा आदि कई श्री संघों ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
सफल कार्यक्रम पर स्थानकवासी जैन समाज अध्यक्ष मांगीलाल खेमसरा, महिला मंडल अध्यक्ष ममता झामर, नवयुवक परिषद अध्यक्ष डॉक्टर अमित मेहता, चातुर्मास समिति अध्यक्ष विपुल धोका ने पधारे सभी अतिथि एवं कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आभार व्यक्त किया।
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