जिलाधीश की बैठक से आम लोग बाहर, स्थानीय स्वराज संस्थाओं के प्रशासक राज में आर्थिक झोलझाल और भ्रष्टाचार से बढ़ी वित्तीय परेशानी, विधानसभा चुनावों की तैयारियां तेज़ | New India Times

नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

जिलाधीश की बैठक से आम लोग बाहर, स्थानीय स्वराज संस्थाओं के प्रशासक राज में आर्थिक झोलझाल और भ्रष्टाचार से बढ़ी वित्तीय परेशानी, विधानसभा चुनावों की तैयारियां तेज़ | New India Times

जिलाधिकारी आयुष प्रसाद ने अचानक जलगांव के सभी तहसीलों का दौरा आरंभ कर दिया है। इसी कड़ी में वह जामनेर पहुंचे जहां उन्होंने तहसीलदार कार्यालय में सभी सरकारी विभागों की बैठक बुलाई। जिलाधिकारी के विजिट के लिए तहसील कार्यालय को चमकाया गया ओटोमेटिक सूचना बोर्ड द्वार शुरू किया गया हमेशा गायब रहने वाले दफ्तरों के सुरक्षा गार्ड तैनात रहे। तमाम सरकारी विभागों के प्रमुख अपने ड्रेस कोड में नजर आए। शहर में तीस साल के विकास का एकमात्र प्रतीक और घटिया निर्माण से छह साल में मौत के घाट उतर चुकी मुख्य फोरलेन सड़क के गड्ढों को मिट्टी से भरा गया। अधिकारियों की बैठक में आम लोगों को प्रवेश की मनाही थी, सवाल जवाब से बचने के लिए मिडिया को दूर रखा गया।

जिलाधीश की बैठक से आम लोग बाहर, स्थानीय स्वराज संस्थाओं के प्रशासक राज में आर्थिक झोलझाल और भ्रष्टाचार से बढ़ी वित्तीय परेशानी, विधानसभा चुनावों की तैयारियां तेज़ | New India Times

15 साल से नहीं हुई आमसभा:- नियम के मुताबिक हर साल आमसभा होनी चाहिए लेकिन बीते पंद्रह सालों से जामनेर समेत जिले के कई ब्लॉक में आमसभा का आयोजन नहीं किया गया। महाराष्ट्र के हर ब्लॉक मे आमसभा का आयोजन कराया जाता तो “शासन आपल्या दारी” के नाम पर असंवैधानिक सरकार में शामिल शक्तिहीन मंत्रियों की इमेज मैनेजमेंट के लिए सरकारी तिजोरी से होनेवाली करोड़ों की फिजूल खर्ची टाली जा सकती थी। यहां एक बात नोट करना जरूरी है की शिंदे – फडणवीस सरकार के मंत्री किसी भी प्रकार के प्रशासनिक कामकाज के लिए उत्तरदायी नहीं हैं। चुनाव के अभाव से राज्य की स्थानीय स्वराज संस्थाओं में बीते डेढ़ साल से प्रशासक राज जारी है जिसमें करोड़ों रूपयों के झोलझाल और भ्रष्टाचार के प्रकरण सामने आ रहे हैं। इस कथित स्कैम में सूबे के सैकड़ों अधिकारी भविष्य में आय से अधिक संपत्ति के मामलों में ED, incom tax के महमान बनेंगे। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत 16 विधायकों के अपात्रता के विषय में सुप्रीम कोर्ट की ओर से स्पीकर को फैसले के लिए एक हफ्ते की मियाद मुकर्रर करने के बाद यह सुनिश्चित हो गया है की मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम, तेलंगाना के साथ साथ महाराष्ट्र में दिसंबर 2023 में विधानसभा के चुनाव होंगे। जिला प्रशासन द्वारा हर ब्लॉक्स में की जा रही ताबड़तोड़ मीटिंग्स का उद्देश्य आगामी चुनावों की तैयारियों को पुख़्ता करना है।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By nit

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading