अरशद आब्दी, ब्यूरो चीफ, झांसी (यूपी), NIT:
जिलाधिकारी श्री रविंद्र कुमार ने जनपद के सभी विद्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों में महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर तक एक गहन स्वच्छता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए। इसके तहत विद्यालयों में स्वच्छता के महत्व को प्रचारित करते हुए विद्यालय एवं समुदाय आधारित गतिविधियों के जरिए बच्चों को स्वच्छता के बारे में जागरूक किया जाए। इस कार्यक्रम की मुख्य थीम मेरा विद्यालय – स्वच्छ विद्यालय होगी। इससे पहले शिक्षण संस्थानों में 1 से 15 सितंबर तक स्वच्छता पखवाड़ा भी आयोजित किया था, जो अब 2 अक्टूबर तक निरंतर जारी रहेगा।
जिलाधिकारी ने कहा की स्वच्छता के प्रति संवेदनशीलता को एक जन आंदोलन का रूप प्रदान करने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर को स्वच्छ भारत दिवस के रूप में आयोजित किया जाता रहा है। इसी क्रम में आवासन व शहरी कार्य मंत्रालय एवं पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, भारत सरकार एवं स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण एवं शहरी) द्वारा संयुक्त रूप से स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता की संकल्पना को और अधिक बल प्रदान करने के उद्देश्य से प्रस्तावित कार्यक्रम ‘स्वच्छता ही सेवा” की मुख्य थीम कचरा मुक्त भारत’ निर्धारित किया गया है।
जिलाधिकारी श्री रविंद्र कुमार ने निर्देश दिए कि सभी विद्यालयों और शिक्षण संस्थानों में प्रार्थना सभा के बाद स्वच्छता शपथ” का आयोजन किया जाए। इसमें सभी छात्र और शिक्षक व स्टाफ प्रतिभाग करेंगे। स्कूलों, छात्रावासों और शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षकों की मदद से बेकार एवं अपशिष्ट कचरे का निपटान अभियान के रूप में सुनिश्चित किया जाएगा एवं बच्चों को रंग आधारित गीले कचड़े के लिए हरा कूड़ादान एवं सूखे कचरे के लिए नीला कूड़ादान ठोस एवं अपशिष्ट प्रबन्धन के विषय में बताया जाएगा। इसके अतिरिक्त सभी विद्यालयों, छात्रावासों और शैक्षणिक संस्थानों में वृक्षारोपण किया जाएगा।
जिलाधिकारी ने बताया कि बच्चों को प्राकृतिक संरक्षण के संबंध में अवगत कराया जाए। कचरा मुक्त भारत और अपशिष्ट प्रबंधन आदि पर पर छात्रों के लिए निबंध, स्लोगन, कविता लेखन, पेंटिंग, भाषण, प्रश्नोत्तरी, मॉडल बनाने, नाटक मंचन इत्यादि प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी एवं उत्तीर्ण बच्चों के उत्साहवर्धन के लिए पुरस्कृत भी किया जाएगा। सभी विद्यालयों और शिक्षण संस्थानों के माध्यम से ग्राम पंचायतों, नगर क्षेत्रों में स्वच्छता संदेशों के साथ ठोस एवं अपशिष्ट पृथक्करण के महत्व, एकल उपयोग प्लास्टिक के विकल्प, स्वच्छता आधारित व्यवहार परिवर्तन के लिए समुदाय में जागरुकता रैलियों का आयोजन किया जाए।
उन्होंने निर्देश दिए की स्वच्छता अभियान को बनाया जाएगा जन अभियान- इसके अलावा सुबह की सभाओं में श्रमदान, स्वच्छता और सामुदायिक सेवा के महत्व पर शिक्षकों द्वारा छात्रों को जागरूक किया जाएगा। अभियान के दौरान जन प्रतिनिधियों, स्वच्छता पर कार्य करने वाली स्वयं सेवी संस्थाओं, एनसीसी, नेहरू युवा केंद्रों इत्यादि महत्वपूर्ण हितधारकों, संस्थाओं, व्यक्तियों का नेतृत्व एवं सहयोग प्राप्त किया जाएगा। स्वच्छता आधारित फिल्मों, पोस्टर, बैनर आदि आईसी मैटेरियल का प्रसारण किया जाएगा। इस अभियान को जन अभियान का रूप देने के उद्देश्य से कार्यक्रम का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार विभिन्न सोशल मीडिया, प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के जरिए किया जाएगा।
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