नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
पहली दो लड़कियां होने के बाद तीसरी बार पत्नी पेट से थी जिसकी नजदीकी स्वास्थ केंद्र मे नॉर्मल डिलीवरी की गई जिसमें बेटी पैदा हुई। घर की आर्थिक हालत खराब उसमें बेटे की चाह अधूरी रह गई और मजदूर पिता ने नवजात बच्ची के मुंह में तंबाकू भरकर उसे मार डाला। यह घटना है उस जामनेर ब्लॉक के एक गांव की जो तीन दशकों से स्वास्थ सेवाओं के लिए महाराष्ट्र की राजनीति में काफ़ी लोकप्रिय बताया जाता आ रहा है।
हरी नगर तांडा निवासी गोकुल जाधव की पत्नी ने वाकोद प्राथमिक स्वास्थ केंद्र में एक बच्ची को जन्म दिया, मां और बच्ची दोनों एकदम स्वस्थ थे, उनको अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया। कुछ दिन बाद आशा सेविका सरकारी काम से गोकुल की पत्नी और उसकी नवजात बच्ची की सुध लेने हरी नगर पहुंची तब गोकुल ने बताया कि बच्ची की अचानक मौत हो गई है, यह सुनकर आशा सेविका हैरान रह गई उसने दूसरे दिन स्वास्थ केंद्र के प्रमुख डॉ संदीप कुमावत को यह बात बताई। डॉ संदीप खुद गोकुल के घर गए बच्ची की अचानक हुई मौत को लेकर गोकुल से पूछताछ की तब गोकुल ने कहा कि बच्ची को बुखार आ गया था उसी में वह मर गई तब डॉक्टर ने बोला बुखार था तो स्वास्थ केंद्र में एडमिट क्यों नहीं करवाया? गोकुल ने डॉक्टर के सवालों के उलटे सीधे जवाब दिए और आखिर पछतावे में आकर अपनी करतूत को कबूलते हुए गोकुल ने कहा कि उसने बच्ची को मार डाला है। जहां बच्ची को दफनाया था वह जगह भी उसने डॉ संदीप को दिखाई। मौके पर पहुंची पुलिस ने नवजात बच्ची का शव बरामद किया और पोस्ट मार्टम रिपोर्ट के बाद पता चला कि बच्ची के मुंह मे तंबाकू भर दी गई थी जिसके कारण पेट, दिल और गले में जहर फैलने से बच्ची की मौत हो गई। मामले में पुलिस ने डॉ संदीप कुमावत की शिकायत पर गोकुल जाधव के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है। अंग्रेजी के एक नामी अखबार ने इस खबर को जगह दी है। समाज की दकियानूसी सोच और आर्थिक तंगी के कारण एक मजदूर पिता द्वारा अपनी आठ दिन की बच्ची को इतनी बेरहमी से मार देने की घटना से सरकार और उसमें शामिल नेता जनप्रतिनिधि होने के नाते निर्वाचन क्षेत्र को लेकर अपनी नाकामी से खुद को अलग नहीं कर सकते।
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