मप्र में आफत की बारिश, प्रदेश के 41 जिलों में जनजीवन अस्त व्यस्त, करोड़ों एकड़ कृषि भूमी में पानी भरा, आम जन को अरबों का नुकसान हुआ, अनेक बांधों से पानी रिसने का भय | New India Times

रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:

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भोपाल मध्यप्रदेश के कई स्थानों पर आसमान से आफत की बारिश हो रही है। बंगाल की खाड़ी से उठे तूफान सहित 2 और मानसूनी मौसम प्रणालियों राज्य में सक्रिय हैं।
प्रदेश की अधिकांश जिलों में जोरदार बारिश हो रही है। प्रदेश के 21 से भी अधिक जिलों में रिकॉर्ड बारिश हुई। नदियों से लगातार बहकर आ रहे पानी के कारण डैम भी उफनने लगे हैं।

प्रदेश की 10 बांधों के गेट खोलने पड़े हैं।

जबलपुर में बरगी, नर्मदापुरम के तवा बांध, सिवनी जिले में बेनगंगा नदी पर बने संजय सरोवर डैम, सतपुड़ा बांध, पारसडोह और छिंदवाड़ा में मचा गोरा डैम के करीब क़रीब सभी गेट खोल दिए गए हैं।

इंदौर एवं भोपाल में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसा मौसम हो गया है।

धार जिले में भारी बारिश के चलते लैंड स्लाइडिंग हो गई।

एक पहाड़ टूट कर गिर गया।
मध्य प्रदेश के कई इलाकों में त्राहिमाम की स्थिति बन रही है।
मध्य प्रदेश के अनेक जिलों में बारिश से जान और माल का खतरा बढ़ गया हैं। प्रदेश के कई नदी नाले उफान पर होने के चलते हाहाकार मचा है।
प्राप्त जानकारी अनुसार 22 से ज्यादा जिलों में तेज बारिश हुई हैं।

इनमें से कई जिलों में इस सीजन की सबसे ज्यादा बारिश पिछले 48 घंटे में हुई है। पूरे प्रदेश में हो रही जबरदस्त बारिश के कारण प्रदेश के अधिकांश जिलों का तापमान तेजी से नीचे आ गया है। इन जिलों के कलेक्टर ने लगातार बारिश के चलते देर रात सभी स्कूलों की छुट्टियां घोषित कर दी थीं। प्रशासन सुरक्षा की दृष्टि से पैनी निगाहें बनाए हुए हैं।

इन जिलों में जिला प्रशासन ने होमगार्ड सहित पुलिस प्रशासन, निगम प्रशासन व राजस्व विभाग अलर्ट पर हैं और विभिन्न क्षेत्रों के बांधो से पानी छोड़ने की सूचना ठेठ ग्राम स्तर तक पहुंचाने में व्यस्त है, जबकि बिजली विभाग और नगरीय निकाय अधिकारी कर्मचारी भी पुरी मुस्तेदी से बिगड़ते हालात को काबू में रखने की कोशिश कर रहे हैं।
भारी बारिश और बांधो के छोड़े हुए पानी से करोड़ों एकड़ कृषि क्षेत्र में पानी भर गया हैं, हाइवे, गांवो और शहरो की सड़कें पानी से भरी हुई हैं। प्रदेश की सैकड़ों नदियों में बाढ़ जैसे हालात हैं वे खतरे के निशान से उपर बह रही हैं।

अनेक छोटे बांधो में रिसाव से संबंधित विभाग और ठेकेदार परेशान हो रहे हैं।
भारी बारिश से अरबों रुपए की फसल को नुकसान पहुंचा है वहीं सैकड़ों पूराने मकानों को भी काफ़ी नुकसान हुआ हैं। सड़कों पर पेड़ और बिजली के खंभे गिरने से अधिकांश यात्री बसे बंद हैं वही रतलाम मेघनगर में भारी बारिश के कारण रेलवे ट्रैक पर पत्थर और मलवा भर गया। दिल्ली-मुंबई अप रेल ट्रैक बंद हो गया।

जबकि नागदा में रेलवे ट्रैक पर पानी भर जाने के कारण दिल्ली अप-डाउन रेल ट्रैक बंद हो गया।

इंदौर और खंडवा में जारी भारी बारिश के चलते रेलवे द्वारा चलाई जाने वाली हेरिटेज ट्रेन को रद्द कर दिया गया है।

इस मानसून सत्र में पहली बार इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध के गेट खोले गए हैं, इससे नर्मदा में उफान आ गया है। दो दिनों से नर्मदा घाटी के ऊपरी क्षेत्रों में हो रही बारिश और और बरगी तथा तवा बांध के शुक्रवार को 13 गेट खोलने से इंदिरा सागर बांध का जलस्तर अचानक बढ़ गया, इससे रात करीब 1:00 बजे इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध के गेट भी एनएसडीसी प्रशासन को खोलने पड़े। खरगोन जिले में सबसे ज्यादा बारिश महेश्वर तहसील में हुई है यहां पिछले 12 घंटे में 258 मिमी वर्षा हुई है।

अगले 24 घंटे के लिए अनेक जिलों में जारी किया गया हैं हाई अलर्ट। 47 जिलों में भारी या कम बारिश का अलर्ट जारी किया गया हैं, मौसम विभाग के अनुसार एक सप्ताह तक ऐसे ही रहेगा एम पी का मौसम।
मौसम वैज्ञानिकों ने चेतावनी जारी की है कि शनिवार की तरह रविवार को भी प्रदेश के अधिकांश जिलों में भारी बारिश हो सकती है। छिंदवाड़ा, सिवनी, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, और खरगोन जिलों में कहीं-कहीं अत्यधिक भारी बारिश हो सकती है। उधर जबलपुर, नरसिंहपुर, मंडला, बालाघाट, सागर, टीकमगढ़, निवाड़ी, विदिशा, सीहोर, भोपाल, राजगढ़, खंडवा, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर, मंदसौर जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा सीधी, सतना, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, पन्ना, दमोह, छतरपुर, नीमच, गुना, शिवपुरी, अशोकनगर, दतिया, भिंड और श्योपुर कला जिले में कहीं-कहीं भारी बारिश का अनुमान है। सभी लोग अपने-अपने घर पर सुरक्षित स्थानों पर ही रहें।


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