नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
महाराष्ट्र के ग्रामीण सड़कों को चमकाने के लिए 13 हजार करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट जमीन पर अमल में लाया जाना है। ग्रामविकास मंत्रालय के हवाले से टीवी पर चलाई गई इस स्टोरी ने तमाम आर्थिक विशेषज्ञों को परेशानी में डाल दिया है। महाराष्ट्र सरकार डेढ़ लाख करोड़ रुपए के वित्तीय घाटे से जूझ रही है। उद्धव ठाकरे सरकार के समय कैबिनेट बैठक में ग्रामीण सड़कों के निर्माण को लेकर कई फैसले लिए गए थे जिन्हें वर्तमान स्थिति में आगे बढ़ाया जा रहा है। राज्य में कुल 2 लाख 36 हजार 890 किमी की ग्रामीण और जिला सड़कें है। हर साल प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना, स्थानीय सांसद और विधायक विकास फंड, अनेकों वित्त आयोगों का सैकड़ों करोड़ रूपयों का निधि गांवों की सड़कों को बनाने और चमकाने के लिए खर्चा किया जाता है।
गुणवत्ता पूर्ण सड़क की उम्र दस साल होती है, 2011 के जनगणना के पैमाने पर बिछाए गए सड़कों के जाल का श्वेतपत्र निकाला जाना चाहिए। बारिश, सड़क और विकास का भ्रष्टाचार से काफ़ी पुराना नाता रहा है। राज्य में गैर कानूनी सरकार चलाई जा रही हो तब CAG और वित्तीय संस्थाओं के साथ साथ ED, CBI, सतर्कता आयोग की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। किसी भी सरकार का कोई ऐसा मंत्री जो अपने पुराने विभाग के कामकाज के मेरिट में बुरी तरह से फेल साबित हुआ है वह उसको मिले नए विभाग में महंगे प्रोजेक्टस को लॉन्च कर पार्टी में अपनी इमेज बिल्टअप करने के साथ सरकारी तिजोरी से खुद की आर्थिक हिस्सेदारी सुनिश्चित करने का प्रयास करता है, यह ट्रेंड एक नई किस्म कि पूंजीवादी राजनीति (राजनिति से पैसा और पैसों से राजनीति) की मिसाल बनकर राजनीति के भीतर अनीति के रूप में उभर रही है।
PWD का 300 करोड़ बकाया
महाराष्ट्र PWD विभाग द्वारा ठेकेदारों का कुल सात हजार करोड़ रुपया बकाया चुकाना बाकी है। सरकार के नाम पर चल रहा मंत्री परिषद नाम का कथित सिस्टम दिवालिया घोषित होने को है। जलगांव डिविजन में 300 करोड़ रूपए दरकार है, आखिर यह पैसा कौन देगा? धर्म और संस्कृति के नाम पर 150 करोड़ की लागत से आयोजित समारोह के बजट को मेंटेन करने के लिए नेताओं द्वारा PWD में गैर कानूनी तरीके से तैनात एक इंजिनियर के लालन पालन और संरक्षण के कारनामे से सारा का सारा महकमा बदनाम हो चुका है।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.